कटनी / खुद का अपना घर हो, यह सपना हर अमीर और हर गरीब व्यक्ति का होता है। जो आर्थिक रुप से मजबूत होते हैं, उनके लिये ये ख्वाह पूरा करना आसान होता है। लेकिन जिन्हें प्रतिदिन मेहनत, मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करना हो, उनके लिये यह दूर की कौड़ी होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ने रीठी जनपद पंचायत के ग्राम डांग में रहने वाले मुनीर के जीवन में भी अपार खुशियों के क्षण दिये। क्योंकि मुनीर बुजुर्ग हैं। साथ ही अब तक का जीवन उन्होने कच्चे मकान में गुजारा है। उन्होने तो कभी पक्की छत नसीब होगी, यह सोचा भी नहीं था। उनके लिये यह महज सपनों जैसा था।
मुनीर ने बताया कि कच्चे घर में बरसात के समय बहुत परेशानियॉं होती थीं। हमेंशा बारिश का पानी घर के अंदर टपकने की समस्या बनी रहती थी। कई बार तो रात-रात भर जाग कर बितानी पड़ती थी। तब से मैं हमेंशा पक्का मकान बनाने का सपना देखता रहा।
लेकिन प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के आने से मुनीर की ऑंखों में भी उम्मीद की किरण जागी। सर्वे में वे पात्र पाये गये। आवास के भौतिक सत्यापन और चयन प्रक्रिया के बाद जनपद पंचायत द्वारा क्रमशः जियोटैग के आधार पर मुनीर को किश्तें दी जानें लगीं और सितंबर 2017 में मुनीर के सपनों का आशियाना, जो बचपन में देखा था, वो इस उम्र में आकर पूरा हुआ है।
इसमें भी सोने पर सुहागा तब हुआ, जब खुद जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश शासन के वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री ने एक शासकीय कार्यक्रम के दौरान डांग पहुंचकर खुद उनके हाथों में घर की चाबी सौंपी और फीता काटकर उनका गृहप्रवेश कराया।
मुनीर के घर का लोकार्पण करते हुये प्रभारी मंत्री ने उस समय उससे पूछा कि आपको खुद का पक्का घर मिल गया, कैसा लग रहा है। जिस पर अपनी बात कहते हुये मुनीर ने कहा कि इस गांव में मैं झोपड़ी में रहता था। आज मेरा खुद का मकान बन गया, बहुत अच्छा लग रहा है। अब कम से कम बारिश में घर में पानी घुसने का डर तो नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना ने रीठी जनपद पंचायत के ग्राम डांग में रहने वाले मुनीर के जीवन में भी अपार खुशियों के क्षण दिये। क्योंकि मुनीर बुजुर्ग हैं। साथ ही अब तक का जीवन उन्होने कच्चे मकान में गुजारा है। उन्होने तो कभी पक्की छत नसीब होगी, यह सोचा भी नहीं था। उनके लिये यह महज सपनों जैसा था।
मुनीर ने बताया कि कच्चे घर में बरसात के समय बहुत परेशानियॉं होती थीं। हमेंशा बारिश का पानी घर के अंदर टपकने की समस्या बनी रहती थी। कई बार तो रात-रात भर जाग कर बितानी पड़ती थी। तब से मैं हमेंशा पक्का मकान बनाने का सपना देखता रहा।
लेकिन प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के आने से मुनीर की ऑंखों में भी उम्मीद की किरण जागी। सर्वे में वे पात्र पाये गये। आवास के भौतिक सत्यापन और चयन प्रक्रिया के बाद जनपद पंचायत द्वारा क्रमशः जियोटैग के आधार पर मुनीर को किश्तें दी जानें लगीं और सितंबर 2017 में मुनीर के सपनों का आशियाना, जो बचपन में देखा था, वो इस उम्र में आकर पूरा हुआ है।
इसमें भी सोने पर सुहागा तब हुआ, जब खुद जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश शासन के वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री ने एक शासकीय कार्यक्रम के दौरान डांग पहुंचकर खुद उनके हाथों में घर की चाबी सौंपी और फीता काटकर उनका गृहप्रवेश कराया।
मुनीर के घर का लोकार्पण करते हुये प्रभारी मंत्री ने उस समय उससे पूछा कि आपको खुद का पक्का घर मिल गया, कैसा लग रहा है। जिस पर अपनी बात कहते हुये मुनीर ने कहा कि इस गांव में मैं झोपड़ी में रहता था। आज मेरा खुद का मकान बन गया, बहुत अच्छा लग रहा है। अब कम से कम बारिश में घर में पानी घुसने का डर तो नहीं रहेगा।
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