जो बच्चे अच्छी संगत के रहते हुए नेक संस्कार पाते हैं वे अच्छे नेक इंसान बनेगें माता पिता की सेवा भी करेंगें, हरे माधव बालका - ग्रीष्म: शिबिरम् 2024
कटनी ( प्रबल सृष्टि ) हरिराया सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से 15 फरवरी 2008 को माधवनगर कटनी की पावन धरा पर "हरे माधव रुहानी बालसंस्कार" का पौधा रोपा गया जो आज वटवृक्ष बन 24 नगरों में हरेमाधव रूहानी बालसंस्कार की कक्षाएं संचालित है जहाँ पर 3 वर्ष से 15 वर्ष के हजारों बालक-बालिकाओं को व्यवहारिक ज्ञान, बौद्धिक ज्ञान, सामान्यज्ञान, अनुशासन, शिष्टाचार, कम्यूटर, प्रेरक प्रसंगों, महापुरुषों के जीवन चरित्र, सफल लोगों के जीवन सूत्रों निज अनुभवों की शिक्षा साथ साथ बागवानी, वृक्षारोपण, साफ सफाई स्वच्छता और खेलकूद व्यायाम , योगाभ्यास, नाटक , सिमरन- ध्यान, सेवा, भजनगायन , नृत्य, एकांकी, हैंडक्राफ्ट, सिलाई कढ़ाई बुनाई आदि की शिक्षा के साथ एकांकी, कहानियों के माध्यम से एकता भाईचारे का पाठ सिखाया जाता। नेक शिक्षा के साथ नेकी का पथ दिया जाता है जिससे बच्चे आत्म निर्भर हो अपने पालको अभिभावकों के कार्यों में उनका सहयोग देते हुए उन्नति की राह आगे बढ़ते है । आज हरेमाधव रुहानी बाल संस्कार के बच्चे व्यापार एवं शिक्षा के क्षेत्र मे सफलता के उच्च मुकाम को प्राप्त कर रहे