कटनी - कल्चुरी काल के राजा कलाप्रेमी थे। उनकी राजधानी जबलपुर के तेवर में थी। वहां पर पर्याप्त मात्रा में पत्थर उपलब्ध था लेकिन वह पत्थर शिल्पकारी के लिए सही नहीं था। इसी के चलते कल्चुरी राजाओं ने कटनी के कारीतलाई व बिलहरी को अपना कला केन्द्र बनाया। कटनी के सेंड स्टोन पर बिलहरी व कारीतलाई में कलाकृतियों का निर्माण कराया जाता था और यहीं से किलों , मंदिरों आदि को सजाने का कार्य किया जाता था। कल्चुरी शासन के बाद से एक लंबा समय बीता और उस दौरान जिले के पत्थर का उपयोग सिर्फ चीप , बोल्डर , गिट्टी के रूप में रह गया था। अब एक बार फिर से सदियों बाद पत्थरों पर कला का इतिहास स्टोन आर्ट फेेस्टीवल आधारशिला के रूप में दोहराया जा रहा था। अपने संस्मरण को साझा करते हुए यह बात जिले के वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह ने कही।