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Showing posts from May, 2012

पुनर्वास भूमि पर अवैध मिले , अराजक यातायात - प्रदुषण ने आम आदमी का दम निकाला

कटनी - पुनर्वास भूमि पर अवैध रूप से बसाई गई  दाल व राईस  मिलो के  कब्जे में  ही ज्यादातर वह  पुनर्वास भूमि है जो सिर्फ रहवास के लिए आरक्षित थी , माधव नगर के गैर जिम्मेदार  कतिपय मिल वालो ने सिर्फ अपने निजी फायदे को  ध्यान में रखकर अवैध रूप से मिलो का निर्माण किया है जिसके चलते  ही आज माधव नगर के निवासी नारकीय जीवन भुगत रहे है . भारी ट्रको की चौबीसों घंटे आवाजाही हो या मिलो से होने वाला प्रदुषण हो ,इन सबका असर पुरे क्षेत्र  के निवासियों  के अलावा उन तमाम  स्कूली बच्चो पर भी पढ़  रहा है जो यहाँ के किसी न किसी स्कूल में पढ़ते है . मिल वालो की पिलाई गयी घुटी की वजह से ही  हर कानून यहाँ आकर निष्क्रिय कर दिया जाता है जिसका खामियाजा निर्दोष नागरिको , बच्चो को उठाना पढ़ रहा है मास्टर प्लान के अनुसार इन मिलो को यहाँ से हटाया  जाना है इससे खाली होने वाली भूमि कई सार्वजनिक प्रयोजनों के काम आ सकती है पुनर्वास विभाग को इसकी रूप रेखा भी बनानी चाहिए सूत्रों के अनुसार पुनर्वास  कब्ज़ा पंजी में अपना नाम  पुराने वर्षो में दर्ज करवाने पुनर्वास  विभाग पर दबाव बनाया जा सकता है निजी भूमि है

गुजर चुके पति की मेहनत के रुपये पाने भटक रही एक 70 वर्षीया वृद्धा

कटनी - एक वृद्ध  ग्रामीण मजदूर ने अपने जीते जी यह सोचा नहीं होगा कि जिन रुपयों के लिए वह मेहनत  कर रहा है ,  उसके मरने के बाद उन रुपयों को पाने की खातिर उसकी 70 वर्षीया वृद्ध पत्नी को सरकारी विभागों के कई चक्कर काटने पड़ेंगे , अब वह वृद्ध महिला निराश है कि उसके वृद्ध पति की मेहनत यूही  बेकार चली गयी . कटनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम इमलिया के वृद्ध मजदूर बाल किशन बर्मन  की म्रत्यु आज से डेढ़ वर्ष पूर्व  हो चुकी है , महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत उसके द्वारा किये गई कार्यो की एवज में  पंजाब नेशनल बैंक के खाता क्रमांक  026300 170001820 में करीब साढ़े तीन  हजार रुपये की राशि जमा है  , इन रुपयों को  उसकी जीवित पत्नी को मिलना था लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हुआ है . बालकिशन के खाते की जमा रकम निकलवाने के लिए उसकी 70 वर्षीया वृद्ध पत्नी लीला बाई बर्मन का भी एक खाता उससे पांच सौ रुपये पंजाब नेशनल बैंक में जमा कर खुलवाया  गया  है , लेकिन बालकिशन की मेहनत के रुपये सिर्फ खाते में पढ़े  रह गए है और अब उसकी वृद्ध पत्नी तमाम सरकारी कवायदों में उलझकर थक सी गयी  है . अपने