कटनी - एक वृद्ध ग्रामीण मजदूर ने अपने जीते जी यह सोचा नहीं होगा कि जिन रुपयों के लिए वह मेहनत कर रहा है , उसके मरने के बाद उन रुपयों को पाने की खातिर उसकी 70 वर्षीया वृद्ध पत्नी को सरकारी विभागों के कई चक्कर काटने पड़ेंगे , अब वह वृद्ध महिला निराश है कि उसके वृद्ध पति की मेहनत यूही बेकार चली गयी . कटनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम इमलिया के वृद्ध मजदूर बाल किशन बर्मन की म्रत्यु आज से डेढ़ वर्ष पूर्व हो चुकी है , महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत उसके द्वारा किये गई कार्यो की एवज में पंजाब नेशनल बैंक के खाता क्रमांक 026300 170001820 में करीब साढ़े तीन हजार रुपये की राशि जमा है , इन रुपयों को उसकी जीवित पत्नी को मिलना था लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हुआ है . बालकिशन के खाते की जमा रकम निकलवाने के लिए उसकी 70 वर्षीया वृद्ध पत्नी लीला बाई बर्मन का भी एक खाता उससे पांच सौ रुपये पंजाब नेशनल बैंक में जमा कर खुलवाया गया है , लेकिन बालकिशन की मेहनत के रुपये सिर्फ खाते में पढ़े रह गए है और अब उसकी वृद्ध पत्नी तमाम सरकारी कवायदों में उलझकर थक सी गयी है . अपने गुजर चुके पति की बैंक पास दिखाते हुए वह भावुक होकर कहती है कि वे जब जीवित थे और काम करते थे तो यह कहते थे कि थोडा सा रुपया इकठ्ठा हो जाये हमारे कई काम हो जायेंगे . रोजगार गारंटी योजना से ग्रामीण क्षेत्रो के मजदूरो को फायदा तो मिलता है लेकिन इस तरह की तमाम बेवजह परेशानियों का भी निदान किया जाना बेहद जरुरी जिससे किसी वृद्ध महिला को अपने गुजर चुके वृद्ध पति की मेहनत पाने यूँही भटकना न पढ़े .
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग मोदी कहते है
रोजगार गारंटी योजना के मजदूरो के बैंक खातो में नॉमिनी होता है या नहीं इसकी पूरी जानकारी तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग मोदी को नहीं है . इस लेकर पूछे गए प्रश्न पर वे कहते है शायद खातो में नॉमिनी नहीं होता है , वृद्ध महिला को हो रही परेशानी को लेकर उनका कहना है , रुपया ट्रांसफर नहीं हो रहा है तो यह बैंक का काम है
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