चतुर सिंह के दादा राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें इस मशीन के बारे में पहले नहीं पता था। जब जिले में लगने वाले दिव्यांग परीक्षण शिविर में चतुर सिंह का परीक्षण कराया, तब डॉक्टरों ने परीक्षण करते हुये पर्ची दी और बताया उसे उपकरण की मदद से सुनाई देने लगेगा। उसे अब वह उपकरण मिला है और चतुर सिंह के कानों में लगाया है। जिससे उसकों आवाज सुनाई दे रही है। हमारी आर्थिक स्थिति भी इतनी नहीं थी कि, हम इसका इलाज बेहतर अस्पतालों में करायें और इसे एैसे उपकरण दिला सके। लेकिन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगों के लिये लगाये जाने वाले शिविरों और वितरित किये जाने वाले यंत्रों व उपकरणों के माध्यम से कान में सुनने वाली मशीन मिली है। जिससे हमारा नाती चतुर सिंह सुन सकेगा, जान और समझ सकेगा।
चतुर सिंह के दादा राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें इस मशीन के बारे में पहले नहीं पता था। जब जिले में लगने वाले दिव्यांग परीक्षण शिविर में चतुर सिंह का परीक्षण कराया, तब डॉक्टरों ने परीक्षण करते हुये पर्ची दी और बताया उसे उपकरण की मदद से सुनाई देने लगेगा। उसे अब वह उपकरण मिला है और चतुर सिंह के कानों में लगाया है। जिससे उसकों आवाज सुनाई दे रही है। हमारी आर्थिक स्थिति भी इतनी नहीं थी कि, हम इसका इलाज बेहतर अस्पतालों में करायें और इसे एैसे उपकरण दिला सके। लेकिन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगों के लिये लगाये जाने वाले शिविरों और वितरित किये जाने वाले यंत्रों व उपकरणों के माध्यम से कान में सुनने वाली मशीन मिली है। जिससे हमारा नाती चतुर सिंह सुन सकेगा, जान और समझ सकेगा।
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