कटनी / लगभग 9 वर्ष के चतुर सिंह के कानों में जब पहली बार आवाज शासन के सामाजिक न्याय विभाग की मदद से पहुंची। तब चतुर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह तब संभव हुआ, जब सामाजिक न्याय विभाग द्वारा एक दिव्यांग शिविर में चतुर को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। बहोरीबंद की ग्राम पंचायत मझगवां निवासी चतुर सिंह अपने दादा राम प्रसाद के साथ दिव्यांग शिविर में आया था। जहां उन्हें श्रवण यंत्र मिला। इस श्रवण यंत्र को जब चतुर सिंह के कानों में लगाया और चुटकी बजाते हुये पूछा, आवाज सुनाई दी। तो उसने मुस्कुराते हुये इशारे में सिर हिलाकर जवाब दिया। उसे जब आवाज सुनाई दी, तो उसके चेहरे पर हंसी खिल गई।
चतुर सिंह के दादा राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें इस मशीन के बारे में पहले नहीं पता था। जब जिले में लगने वाले दिव्यांग परीक्षण शिविर में चतुर सिंह का परीक्षण कराया, तब डॉक्टरों ने परीक्षण करते हुये पर्ची दी और बताया उसे उपकरण की मदद से सुनाई देने लगेगा। उसे अब वह उपकरण मिला है और चतुर सिंह के कानों में लगाया है। जिससे उसकों आवाज सुनाई दे रही है। हमारी आर्थिक स्थिति भी इतनी नहीं थी कि, हम इसका इलाज बेहतर अस्पतालों में करायें और इसे एैसे उपकरण दिला सके। लेकिन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगों के लिये लगाये जाने वाले शिविरों और वितरित किये जाने वाले यंत्रों व उपकरणों के माध्यम से कान में सुनने वाली मशीन मिली है। जिससे हमारा नाती चतुर सिंह सुन सकेगा, जान और समझ सकेगा।
चतुर सिंह के दादा राम प्रसाद ने बताया कि उन्हें इस मशीन के बारे में पहले नहीं पता था। जब जिले में लगने वाले दिव्यांग परीक्षण शिविर में चतुर सिंह का परीक्षण कराया, तब डॉक्टरों ने परीक्षण करते हुये पर्ची दी और बताया उसे उपकरण की मदद से सुनाई देने लगेगा। उसे अब वह उपकरण मिला है और चतुर सिंह के कानों में लगाया है। जिससे उसकों आवाज सुनाई दे रही है। हमारी आर्थिक स्थिति भी इतनी नहीं थी कि, हम इसका इलाज बेहतर अस्पतालों में करायें और इसे एैसे उपकरण दिला सके। लेकिन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगों के लिये लगाये जाने वाले शिविरों और वितरित किये जाने वाले यंत्रों व उपकरणों के माध्यम से कान में सुनने वाली मशीन मिली है। जिससे हमारा नाती चतुर सिंह सुन सकेगा, जान और समझ सकेगा।
Comments
Post a Comment