कटनी ( प्रबल सृष्टि ) जिले के चर्चित प्रकरण “विकास सोनी विरुद्ध महेश कुमार सितपाल एवं अन्य” (ST No. 134/2024, CNR No. MP2101-013127/2024) में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए माननीय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव ने दोनों अभियुक्तों—महेश कुमार सितपाल एवं महेश आसरानी—को संदेह का लाभ देते हुए पूर्णतः दोषमुक्त कर दिया।
युवा अधिवक्ता नानक देवानी ने प्रबल सृष्टि को जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में विशेष बात यह रही कि पुलिस द्वारा FIR दर्ज नहीं की गई थी, बल्कि परिवादी विकास सोनी ने स्वयं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, कटनी के समक्ष निजी परिवाद (Private Complaint) दायर करते हुए यह आरोप लगाया था कि अभियुक्तगण ने संपत्ति संबंधी दस्तावेजों में हेराफेरी कर धोखाधड़ी और जालसाजी की। परिवाद के आधार पर न्यायालयीन प्रक्रिया आगे बढ़ी और आरोपों के तहत भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 406, 417, 418, 420 और 468 आरोपित की गईं।
दीर्घ सुनवाई के दौरान प्रस्तुत गवाहों के बयान, दस्तावेज़ और कथित अनुबंधों में न्यायालय को कई विसंगतियाँ मिलीं तथा अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे सिद्ध नहीं कर सका। न्यायालय ने कहा कि प्रस्तुत साक्ष्य अपराध सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और भारतीय न्याय व्यवस्था में संदेह का लाभ अभियुक्त के पक्ष में जाता है। इस प्रकरण में अभियुक्त महेश आसरानी की पैरवी अधिवक्ता नानक देवानी तथा अभियुक्त महेश कुमार सितपाल की पैरवी अधिवक्ता आर. के. वर्मा द्वारा की गई। साक्ष्यों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न और अभियोजन की असफलता को देखते हुए न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों को पूर्णतः बरी करने का आदेश दिया, साथ ही जमानतदारों को मुक्त करने और जब्त दस्तावेज़ लौटाने के निर्देश भी दिए। लगभग दो वर्ष तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह मामला 14 नवंबर को समाप्त हुआ, जिसे कटनी न्यायालय का एक महत्वपूर्ण, साक्ष्य-आधारित निर्णय माना जा रहा है।

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