ऑनलाइन गैमिंग की लत का विद्यार्थियों के जीवन पर पड़ रहा असर, मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग सावधानी से करें और इसे सिर्फ पढ़ाई के लिए उपयोगी बनाएं
कटनी ( प्रबल सृष्टि ) ऑनलाइन गेम की लत लोगों का जीवन तबाह करती नजर आ रही हैं। पढ़ाई करने वाले व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र इसका ज्यादा शिकार होते हैं। इन गेमों में कम समय में अधिक पैसे कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। युवा पीढ़ी शुरुआत में इसे शौकिया तौर पर खेलती हैं। इसके बाद ऑनलाइन गेम की ऐसे लत लग जाती है कि वह हजारों से लेकर लाखों रूपए तक गंवाते चले जाते हैं। यह बात बस स्टैंड चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक सिद्धार्थ राय ने शासकीय पुरवार हाईस्कूल शिवनगर में मोबाइल एडिक्शन व गेमिंग डिसआर्डर पर आयोजित सेमिनार में कही।
उन्होंने कहा कि कई युवा तो आनलाइन गेम के जुआ, सट्टा सट्टा में लाखों रुपए गंवा चुके हैं। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के साथ कर्जा भी बढ़ता जाता हैं। ऑनलाइन गेम की आदत बहुत ही खराब हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक ऑनलाइन गेमिंग में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं साथ ही अपनी जमा पूंजी के साथ उधार लेकर पैसे भी गंवा रहे हैं। मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने से लोगों में अवसाद बढ़ाते जा रहे हैं। तय समय पर चिकित्सक की सलाह नहीं लेने पर माइग्रेन, डिप्रेशन सहित अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसलिए इन गेम्स से दूरी बनाकर रखें। मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग सावधानी से करें और इसे पढ़ाई के लिए उपयोगी बनाएं। देशभर के कॉलेज व यूनिवर्सिटी का सिलेबस हमारे फोन पर उपलब्ध है। ऑनलाइन कोचिंग की जा सकती है, जिससे घरा बैठे है देश के जाने-माने एक्सपर्ट की सलाह मिल सकती है।
साइबर अपराध की दी जानकारी-सेमिनार में एक्सपर्ट ने बच्चों को साइबर अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने सोशल मीडिया एक्टिविटी ऑनलाइन गेमिंग और रील्स सहिता अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने सुरक्षा के साथ सावधानी और अपराधों से बचने के तरीके भी बताए। साइबर ठगों से बचने के तरीके, फंस जाने पर बचने के उपाए सहित निजी जानकारी लीक होने पर उससे बाहर आने की जानकारी दी। इस दौरान कोतवाली थाना का स्टॉफ सहित स्कूल के शिक्षक मौजूद रहे।

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