कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) क्रिकेट सटोरिया बनना कोई आसान काम तो नही होता यह बड़ी अथक मेहनत परिश्रम लगन जुझारूपन का काम है। अपनी योजनाओं को बहुत गुप्त रखना पड़ता है अपना ठिकाना छिपा के चलाना होता है छिपना होता है छिपाना होता है सब सेटिंग से करना होता है। इसके लिए जाने कितनों को साधना पड़ता है ताकि कोई कानून का डंडा न चलाए सोचो कितनी मेहनत लगती होगी इसमें और इसे सबसे छिपा के चलना भी तो है। अब थोड़ा नाम खराब होता है तो इससे भला क्या फर्क पड़ता है पैसा तो इससे बहुत आ ही रहा है बताओ आज के जमाने में कोई इज्जत कमाए या पैसा कमाए ?
अब कोई कहेगा कि यह तो अवैध कमाई है अब यह अवैध कमाई है तो है कौन सा टैक्स भरना है आयकर का रिटर्न भरना है उससे भी बच जाना क्या कोई कम बड़ी बात है। न कमाई की कोई रसीद काटना न बिल फाड़ना आखिर केंद्रीय एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकना यह क्या कोई कम बहादुरी भरा काम है। इसी कमाई से बेनामी महंगी प्रॉपर्टी खरीद ली तो न रजिस्ट्री ऑफिस का झंझट और राजस्व देने से भी तो मुक्ति मिल गई। इनके सामने कितने बेवकूफ लगते हैं वो लोग जो अपनी पूंजी लगाकर या बैंक से लोन लेकर व्यवसाय करते हैं। बारह महीने ग्राहकों से मगज मारी करो और व्यवसाय चला तो टैक्स भरो रिटर्न भरो न चला तो घाटा उठाओ दिवालिया हो जाओ उससे अच्छा तो सटोरियों की जिंदगी अच्छे से कट रही है और भला क्या चाहिए। अच्छी भली कमाई करो न कोई टैक्स न कोई रिटर्न भरो बस महंगी गाड़िया खरीदो प्रॉपर्टी खरीदो और ऐश की जिंदगी जियो। अब यह कोई आसान काम बड़ी मेहनत लगन जुझारू पन का काम है बेकार में ही बेचारों को बदनाम करते हैं।
इनकी देखा देखी कई युवा बर्बाद हो चुके हैं आगे भी होंगे तो उनका ठेका इन्होंने तो ले नही रखा इनको तो बस अपने लाभ से मतलब होता है जिन्हें देखना चाहिए वह भी तो देखें कि इनकी मेहनत से किस पर विपरीत असर हो रहा है कौन आबाद हो रहा है कौन बर्बाद हो रहे हैं आखिर उनका भी कुछ फर्ज बनता है।
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