कटनी ( प्रबल सृष्टि ) जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की कमी को लेकर पत्रिका समाचार पत्र ने ब्लड बैंक में ब्लड नहीं: 450 की क्षमता; सिर्फ बारह यूनिट बाकी, खून के लिए दर-दर भटक रहे हैं लोग, शीर्षक से खबर छापी है जो बताती है समस्या मुंह बाएं खड़ी है साथ ही ब्लड यूनिट की वर्तमान स्थिति भी बताई गई है। यह एक ऐसी जरूरत है जो बिना रक्तदान किए पूरी नही हो सकती इसलिए फौरन व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत के साथ ऐसे जागरूक जनों व संस्थाओं को आगे आने की जरूरत है जिनकी सख्त जरूरत है।
समाचार के अनुसार जिले में रक्तदान के प्रति लोगों में बढ़ रही जागरूकता के बाद भी जिला अस्पताल के रक्तबैंक में खून की कमी है। कई बार जरूरतमंद मरीजों के लिए भी रक्त का प्रबंध मुश्किल हो रहा है। ब्लड बैंक की क्षमता 450 यूनिट की है, लेकिन इस समय ब्लड बैंक में सिर्फ 12 यूनिट ही खून बचा है। आलम यह है चार ब्लड ग्रुप ऐसे है जिसका ब्लड का स्टॉक खत्म हो गया है, जबकि यहां पर रोजाना चार से पांच यूनिट रक्त की खपत है। ऐसे में यहां पर आने वाले जरूरतमंद मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में प्रसूताओं के लिए भी रक्त की कमी होने के कारण समस्या खड़ी हो गई है।
जानकारी के अनुसार बारिश और उमस के इस मौसम में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। हादसे के मरीज आते रहते हैं, जिन्हें ब्लड की जरूरत भी पड़ती रहती है, ऐसे में इतनी कम मात्रा में ब्लड के इंतजाम नाकाफी हैं।
जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं, जिसमें ब्लड जांच, ब्लड स्टोरेज की भी व्यवस्था है। लैब टेक्नीशियन ने बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में ब्लड की यही स्थिति है वहीं नेगेटिव की मात्रा कम है तो जब किसी मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ती है तो हमारे पास में रक्तदाताओं की लिस्ट है उन्हें हमारी ओर से फोन कर बुला लिया जाता है और रक्त उपलब्ध करवा दिया जाता है।
रक्त कोष में तीन जिलों के मरीज पहुंचते हैं अस्पताल में चार ग्रुप का ब्लड स्टॉक में ही नहीं है। रक्तदान को लेकर जागरुकता की कमी है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल परिसर में जिले का एकमात्र ब्लड बैंक स्थित है। जिला अस्पताल में आसपास के जिले उमरिया च पन्ना में भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते है। जिले की सीमा से लगे गांवों से गर्भवती महिलाओं को यहां लाकर भर्ती कराया जाता है। प्रसव के बाद खून की कमी के चलते ब्लड बैंक से ही ब्लड उपलब्ध कराया जाता है।
ब्लड बैंक में ब्लड की कमी का कारण यह भी होता है कि कुछ पेशेंट्स ऐसे होते हैं, जिनके पास डोनर नही होते। ऐसे में उन्हें बिना डोनर से डोनेट कराए ही ब्लड देना होता है। यह समस्या एचआईवी पीड़ित, प्रेग्नेंट महिला, थैलेसीमिया आदि के मरीज से होती है।
ब्लड बैंक के टेक्नीशियन ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 12 यूनिट ब्लड ही शेष बचा है। जबकि बैंक की क्षमता 300 यूनिट तक ब्लड स्टोरेज करने की है। ए निगेटिव, ओ पॉजिटिव, एबी पॉजिटिव, एबी निगेटिव ब्लड स्टॉक में नहीं है। इसके अलावा ए पॉजिटिव 3, बी पॉजिटिव 6. बी निगेटिव 2 व ओ निगेटिव सिर्फ 1 यूनिट बचा हुआ है।
ग्रामीण इलाकों में रक्तदान को लेकर अलग सोच बन गई है। वहां के लोगों का कहना है कि रक्तदान से कमजोरी आती है तथा अन्य समस्याएं भी होती है। इसकी वजह से ब्लड डोनेट करने से बचते हैं। अगर कोई डोनेट करता है तो उसे भी रोकते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए शिविर भी लगाए जाते हैं। उसके बावजूद जागरूकता नहीं आ पा रही।
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