कुदरत ने इस धरती को अनेकों अनेक सुंदरताओं से भरा हैं और इंसान की हर जरूरत को पूरा करने के लिए बेमिसाल पदार्थ बनाए हैं .. इसे अच्छे से बसा लें
( मुरली पृथ्यानी ) करीब तीन साल पहले यह खबर आई थी कि अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस अपनी भारत यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में नई दुनिया बसाने के सपने और भावी फैक्ट्रियां वहां स्थापित होने की कल्पना का जिक्र कर गए थे। पढ़ने में आया था कि कुछ कंपनिया काम भी शुरू कर चुकी हैं हालांकि यहां धरती पर रहना ही ठीक से नही हो रहा तो अंतरिक्ष में जाकर वहां इंसान क्या कर लेगा ?
अब यह पढ़ सुनकर अजीब सा लग रहा होगा कि इस सुंदर धरती पर तो अभी अच्छे से बसना लोगों को आया नहीं है और बात अंतरिक्ष में बसने की होती है। पहले धरती को तो अच्छे से बसा लो, लड़ाई झगड़े, चोरी, लूट, ठगी, बेईमानी, झूठ, नफरत, जात पात, हिंसा जैसी अनेक बुराइयां भरी पड़ी हैं। पहले धरती से इसे खत्म करने की दिशा में प्रयास क्यों नही हो रहे ? इतने संत महापुरुषों से सुसज्जित इस भारत की धरती पर आत्म दर्शन की प्यास भी जगे तब न। कभी विचार किया है इतनी अच्छी सुंदर धरती हमें मिली है जिसे कुदरत ने अनेकों अनेक सुंदरताओं से भरा हैं और इंसान की हर जरूरत को पूरा करने के लिए बेमिसाल पदार्थ बनाए हैं। इधर हम धरती का तो कर्ज उतार नहीं सकते और कल्पना कर रहें हैं अंतरिक्ष में बसने की। अपने साधनों को धरती पर बसे लोगों के हित में लगाने की बात हो और विकार दूर करने के प्रयास हो तभी यह योगदान होगा इस धरती के प्रति बाकी के कर्म तो इस धरती को मलीन ही कर रहें हैं।
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