Skip to main content

57 वां महाराष्ट्र वार्षिक निरंकारी संत समागम, तीसरे दिन 28 जनवरी के सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के समस्त मानवों के लिए वचनामृत

मुरली पृथ्यानी - निरंकारी परिवार के लिए संत समागम का अवसर उत्सव जैसा ही होता है और यह समागम ऐसे होते हैं जिसमें देश दुनिया से परिवार आकर निराकार के साकार रूप सतगुरु के दर्शनों और पूरी इंसानियत को दिए गए संदेशों का लाभ प्राप्त कर अपने जीवन को लोक कल्याण के मार्ग पर और मजबूती से ले जातें हैं। नागपुर में आयोजित तीन दिवसीय 26, 27 और 28 जनवरी को महाराष्ट्र के 57 वें वार्षिक  निरंकारी संत समागम के तीसरे दिन 28 जनवरी को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के वचनामृत को यहां रखने का प्रयास है, उनकी सिखलाई हर मानव मात्र के लिए है और अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


" साध संगत जी प्यार से कहना धन निरंकार जी, आज 57 निरंकारी संत समागम का यह आखिरी रोज और महाराष्ट्र में जहां पिछले तीन दिनों से सभी वह आनंद उठा रहे हैं। एक भक्तिमय हर पल अपना जी रहे हैं, एक सुकून का जिक्र जो बार-बार आ रहा है यह एहसास यह पीस यह भाव मन के यह कोई छण भंगुर भाव नहीं है, हर एक के मन में यह हमेशा के लिए सुकून बस गया है क्योंकि हर कोई यहां इस निराकार से जुड़ा हुआ है। यह निराकार हर समय जिसका साथ जिसने भी कायम किया वह एक भक्त की अवस्था एक भक्त का जीवन जी रहा है, भक्ति रोम रोम में बस गई है तो कैसे ऐसा जीवन हर किसी के हिस्से आ सकता है। हर कोई अपने जीवन में हर समय का भक्त बन सकता है तो ऐसा ही जीवन संतों ने हमेशा से संदेश दिया कि यह संभव है और मनुष्य जीवन में यह ज्ञान प्राप्त करके ब्रह्म ज्ञान लेकर इस निराकार परमात्मा से हर समय के लिए अपना मिलाप कर ले तो कैसे सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं एक पूरे संसार में अगर हम देखें तो कितना वह फर्क आ जाता है वो कितना देखने में कि रूप आकार या फिर एक ज्योग्राफिकली कोई डाइवर्सिटी है या कोई बोलने की तरह कोई भाषा कोई आकार शक्ल तो कैसे इतने अलग-अलग जहां देखने में ही है हर कोई तो स्वभाव की बात आए तो अनगिनत स्वभाव होंगे। हर एक के कैसे अलग-अलग स्वभाव वालों को भी अपनाया जा सकता है क्योंकि अक्सर इंसान ऐसे ही कंफर्टेबल हो पाता है किसी के साथ कि अगर कुछ हमारा उससे मेल खा ले कोई वह बात हो जो हम में और उस इंसान में कॉमन है कि या हमारा कोई वो प्रोफेशन सेम हो या किसी तरह के कुछ चीजें एक जैसी पसंद हो या रहन सहन का तरीका या कोई पढ़ाई उपलब्धि इत्यादि कितने भी अगर हम देखें कुछ एक कॉमन फैक्टर इंसान ढूंढता ही है कि कैसे किसी के अगर नजदीक फील करना है तो वो एक कॉमन फैक्टर ढूंढा जाए तो बात वही के संत समझाते हैं और अनेकों किसी भी धर्म ग्रंथों को हम खोलकर देख ले तो संदेश यही है कि वह कॉमन फैक्टर यह परमात्मा ही है।


यह निराकार है जो हर कण में है यह एक बराबर हर जगह है हर एक के अंदर भी है बाहर भी है, यह नष्ट नहीं होता तो कैसे यह परमात्मा का जहां गुणगान हर किसी ने अपने तरीकों से किया वह पिछले तीन दिनों में भी हमने देखा, वह कविता मात्र रही एक भजन मात्र रहा स्पीच रही और अगर वह भी देखा जाए कि कोई वह भाषाओं का भी बैरियर नहीं था उम्र का भी बैरियर नहीं था, बच्चे बुजुर्ग नौजवान हर किसी ने अपने तरीके से यह संदेश दिया कि इंसान अपने जीवन को संवार ले इसको जीते जी हर कीमत पर हर मोमेंट पर इस निराकार से ही जुड़ अपने मन को एक ठंडक हर समय को दो, यह सुकून दो आनंद दो शांति दो, तो जितना ज्यादा अगर हम और गहराई में जाते रहे।


 

किसी भी संत का जीवन खोल के देख ले चाहे इतिहास में हो या हमारे सामने आज की डेट में साक्षात तो हर कोई यही समझा रहा है कि यह परमात्मा को हम किसी भी एक कोई कीमत चुका के नहीं एक मुफ्त में ही परमात्मा मिल रहा है व संतों ने भी जैसे महाराष्ट्र में यहां एक बात इस तरह लिखी कि देव गया रुका नालागे रुका मोल ही कि कैसे एक यह देव गया रूका की बात की ये मुफ्त में यह परमात्मा मिला है और यह परमात्मा को हासिल करने के लिए एक तरफ तो अगर ऐसा भी कहा गया है कि कोई मोल नहीं लगा और दूसरी तरफ हम अगर देखें तो यह भी कहा जाता है कि इस परमात्मा को तो हम अगर अपना शीश कटवा कर भी पा ले तो भी यह सौदा एक सस्ता सौदा रहेगा तो कीमती निराकार है, यह परमात्मा है। जहां एक तरफ यह सौदा मुफ्त कहा जा रहा है दूसरी तरफ यह इतना कीमती तो वह बात सुनने में दो अलग-अलग बातें हैं पर अगर गहराई में उतरे तो फिर यह सौदा सर कटवा के सस्ता भी इसलिए कह रहे हैं जीवन को क्योंकि इसमें जो सर कटने की बात है वह अहंकार रूपी सर है वो इगो हेड, हमारा जो हर समय अपने आप को प्रथम मान रहा है और कैसे फिर यह संसार में यह हर कोई जान लेता है कि जहां एक अपनी मैं को सिर्फ खोकर इतना बड़ा परमात्मा यह असीमित परमात्मा मिल सकता है और सिर्फ हमें वह प्राप्त करने से अहंकार ही रोकता है कि हमें जब सब कुछ लगता है कि हम पहले ही इतने जानकार हमें स्पिरिचुअलिटी का सब पता है, हमें एक अपने जीवन को कैसे जीना है यह आता है, हमसे ज्यादा भक्ति किसी ने नहीं करी या हमसे ज्यादा ब्रह्म ज्ञान की अवस्था को किसी ने नहीं प्राप्त किया, हम बहुत विज्ञानी रहे हैं या कुछ भी तरह का एक नॉलेज हमारा बेस अच्छा है तो ऐसे अगर सोच विचार करके अपने आप को ही श्रेष्ठ मान लिया प्रथम मान लिया तो फिर तो यह स्पिरिचुअलिटी हमारे अंदर घर नहीं करेगी।



एक परमात्मा जो पहले ही अंदर बसा है यह इनसाइड आउट की जो जर्नी है कि अंदर हमारे मन में सुकून तभी होगा जब मन में परमात्मा है तो कैसे एक इंसानों को अगर हर समय का सुकून चाहिए तो यह परमात्मा का मिलन अपने जीवन में कायम होना है, एकत्व लाना है और कैसे फिर यही सौदा है, जिसको एक कीमती भी बोला गया है, जिसको फ्री भी बोला गया है कि बस अपने अहंकार अपने एक सेल्फ इंपॉर्टेंस को छोड़ देंगे तो फिर एक समर्पित भाव आएगा। इस परमात्मा के एहसास में दिल पिघल के इस को सिर्फ प्यार करेगा ऐसा ही सौदा अगर यह हर एक के जीवन में आता है तो हर किसी का जीवन महक उठता है। यह संसार की भी अवस्था अगर हम देखते हैं कि एक बार-बार फोकस आता है कि जीना किस तरह है वह तरीका जीने का क्या है, किस तरह एक अंदर से अपना स्वभाव बनाना है, एक जीवन में मिठास लानी है, प्रीत नम्रता एक ऐसे अन्य और अच्छे गुणों को अपनाकर हर समय वो गुणों में उनका  प्रदर्शन हो स्वभाव में एक्शंस में कर्म में तो ऐसा अगर इंसान बनता है तो वह एक पूर्ण इंसान है एक वह सच्चा मानव है और कैसे एक कहानी जो दासी ने पढ़ी कि किस तरह एक व्यक्ति कहीं जा रहा किसी को नजर आया और वह देख रहा है इंसान की दिन का समय है लाइट पूरी है फिर भी उस इंसान ने एक फ्लैशलाइट टॉर्च अपने हाथ में जला कर रखी है और अब वह इतनी सोच में कि यह इंसान तो कभी पहले देखा नहीं शायद हमारे गांव में नया आया है पर फिर भी वह रोशनी के समय जब सब कुछ साफ दिख रहा है तो भी एक टॉर्च का क्यों प्रयोग कर रहा है। सूर्य की रोशनी इतनी है इसकी लाइट क्या ही दिखाएगी पर वो उससे कुछ नहीं बोलता आगे चलते चलते वो इंसान जब उस जगह रहता है तो रोज वह उसी तरह निकल पड़ता है दिन की रोशनी में अपनी टॉर्च लिए टॉर्च जगाए और अब पूरा गांव ही परेशान की ये क्या बात है दिन में टॉर्च लेकर ये क्यों घूमता रहता है तो किसी ने फिर कुछ समय और निकलने के बाद उस व्यक्ति के जब जीवन में काफी साल और निकल गए तो एक बार जाकर देखा कि अब उस व्यक्ति की तबीयत भी बहुत खराब है और वह बिल्कुल अपने अंत की ओर जीवन काल के पहुंच ही गया है तो तब जाकर उससे पूछा कि आप अब इस बिस्तर तक ही सीमत रह गए हैं कहीं अपने आप चल भी नहीं सकते फिर भी आपने यह टॉर्च अभी तक जलाई है जो हर दिन आप लेकर सूर्य की रोशनी के बावजूद भी ऑन रखते थे तो इसके पीछे कारण क्या था, तो वह इंसान आगे से कहता है कि इतने साल मैंने बिता दिए इंसान ढूंढने में पहले तो लगा कि एक सूर्य की रोशनी है तो मुझे शायद इंसान मिल जाएंगे, लगा कि ऐसा समय बीत रहा है मुझे कोई अनपढ़ मिले कोई पढ़े लिखे मिले कोई अलग किसी प्रांत के ऊपर आधारित मिले कोई अपना एक अस्तित्व किसी एक तरह से अपनी महत्वता बताते हुए लोग मिले बहुत ढूंढा पर कोई इंसान नहीं मिला, कि कैसे यह इंसान मैंने जब देखा नहीं मिल रहे तो फिर एक टॉर्च का उपयोग भी कर लिया कि शायद सूरज की रोशनी में नहीं मिल रहे, अब ढूंढता हूं जिस जिस से बात करूंगा और उसको उसके अंदर का इंसान ढूंढू तो शायद कुछ मिल जाए तो बात वही जो वह कहना चाह रहा था कि हम कैसे हर समय अगर ऐसा करके एक इंसानियत को खोते हैं तो वह बात समझाते समझाते आगे वो फिर से उस व्यक्ति से बात करते हुए कहता कि अब क्या, आपको इंसान मिल गए, इतने साल सूर्य की रोशनी में भी जो नहीं मिले थे अब क्या टॉर्च की लाइट से ढूंढने से मिल गए तो वह आगे कहता कि इंसान तो कोई नहीं मिला पर शुक्र है किसी ने मेरी टॉर्च नहीं चुराई क्योंकि काफी हर समय ऐसे भी लोग दिखे जिनकी नजर होती थी कि मेरा ध्यान भंग हो कहीं मैं इधर-उधर यह रख दू और वह चुरा कर ले जाएं।


तो इंसान की अवस्था इस कहानी के माध्यम से यह दृष्टि इस दृष्टिकोण से कि कैसे एक इंसान का स्वभाव क्या बनता जा रहा है जो इतना देवीय इंसान परमात्मा की अंश इंसान एक बहुत ही इनोसेंस रखने वाली आत्मा इस शरीर के अंदर और कैसे वह शरीर फिर दुनिया भी माया में रहकर एक इतना अपने आइडिया से करप्टेड होकर एक अपनी सोच को इतनी दूषित करके यह आत्मा भी अब इतनी कंफ्यूज की जिस शरीर में है जो एक दुनियावी माया दिख रही है, यह अस्तित्व कहीं इसी में ही खो गया अपनी असली पहचान खो गई तो कैसे अपनी असली पहचान को वापस एक असली रूप अपना देखा जाए तो बात वही कि संतों का संग करके ही एक ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करके ही यह अपना असली रूप इस आत्मा को नजर आता है। यह परमात्मा से मिलन हो पाता है और कैसे फिर जीते जी हर कोई जहां भक्ति का रंग लेते हुए अपने जीवन में फिर अपने जीवन को बहुत खूबसूरती से सब रिश्ते सब जिम्मेदारियां निभाते हुए जी लेता है तो कैसे हर किसी ने जहां वही एक कोशिश हर समय की करनी है कि इस निराकार से जितना जुड़ेंगे उतना एक असली इंसान हमारे अंदर की इंसानियत बाहर आएगी और उसी इंसानियत को जीवित रखना है जब तक मौत ना आए तो मरने से पहले यह जीने का सौदा है ब्रह्म ज्ञान, कि हर पल में जी ले चाहे मौत तो एक बार ही आनी है पर यह जीवन के पल हर समय इस तरह जिए कि वाकई ही जीवन जी रहे हैं तो हर कोई अपने जीवन को जहां एक खुशहाल जीवन अपनी एक माइंडसेट से इस निराकार के आसरे से कर सकता है वह फिर आनंद की अवस्था में हर समय रहकर शुकराने भाव में रह सकता है तो ऐसा जीवन हर कोई जीता चला जाए और पिछले कुछ दिनों से आप सभी महापुरुष जो अब समागम क्या यह कंक्लूजन रूप भी आज का दिन तो कैसे सेवाओं में कितने समर्पित रहे और वह भाव चाहे वह महापुरुष जो उपस्थित हो पाए या नहीं हो पाए तो भाव हर एक का ध्यान हर एक का इस समागम की ओर ही, इस निराकार की, ओर ही लगा रहा और ऐसा ही अवस्था की वो कोशिश सेवा की यह संदेश को एक ब्रह्म ज्ञान को घर-घर पहुंचाने की तो सभी ने जहां एक सबसे पहले एक वह प्रयत्न करना है कि खुद को इतना संवार ले कि किसी को कुछ प्रीच करने की जरूरत ही ना पड़े, हमारे कर्म ही हमारा एक प्रचार का साक्षात रूप बने कि हर कोई एक अपने आप में पूर्ण मुकम्मल इंसान बनकर जीता चला जाए, ताकि फिर यह संदेश भी कि कैसे एक इस तरह भी जिया जा सकता है वह संदेश हर एक तक पहुंचे हर एक की आत्मा इस परमात्मा से मिलकर यह रोशनी का अनुभव करें, यह सच्चाई का अनुभव करें कि हर कोई इस निराकार से जुड़कर यह सुकून ही प्राप्त करें तो आगे के कुछ दिन जैसे अभी सभी ने श्रवण भी किया कि महाराष्ट्र में एक जाकर अलग-अलग जगहों में फिर आप सब संतों के दर्शन करने का अवसर मिलेगा तो फिर उधर भी दासी अपने मन के भाव रखकर एक वही अरदास हर एक के लिए कि दातार हर एक पर कृपा करें कि हर कोई एक अपने असली मूल इस निराकार से जुड़े सेवा सिमरन सत्संग करते हुए अपना भी कल्याण करें और पूरी मानवता का भी कल्याण करें इस शरीर को स्वस्थ रख के इस जिंदगी के एकएक पल को एक बहुत ही कीमती तरीके से जीकर एक एक पल का मोल डाल के जहां जिए वहां इस आत्मा का भी कल्याण इस तरह करें कि हर पल में बस निराकार ही निराकार हो और कुछ प्राथमिकता लगे ही ना। 

साध संगत जी धन निरंकार जी




Comments

Popular posts from this blog

बाबा माधवशाह चिकित्सालय में तीन दिवसीय विशाल निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन, 1100 से अधिक जनों ने कराए रजिस्ट्रेशन

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) परम श्रद्धेय हरिराया सतगुरु सांंई ईश्वरशाह साहिब जी के प्रेरणा एवं आशीर्वाद से बाबा माधवशाह चिकित्सालय में नि: शुल्क नेत्र शिविर का आयोजन 13-9-2023 को किया गया। जिसका शुभारम्भ हाजिरां हुजूर सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी के कर कमलों से हुआ। आपजी ने मानव समुदाय के लिए पावन संदेश मानव सेवा ही सच्चा धर्म है और सभी प्राणी एक हरेमाधव प्रभु का ही अंश हैं उसे कर्म का बोझ करने के लिए नित्य सत्कर्म, निष्काम परमार्थ सेवाएं करते रहना चाहिए। इस महान उपदेश पर चलकर सतगुरु साहिबान जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से माधवनगर कटनी स्थित बाबा माधवशाह चिकित्सालय में जनकल्याण हेतु अनेक निःशुल्क शिविरों का आयोजन होता रहता है। जिसमें जनरल चैकअप से लेकर ऑपरेशन एवं दवाई वितरण आदि निःशुल्क रहते हैं। इसी क्रम में दिनांक 13 सितम्बर 2023 को हाजिरां हुजूर बाबाजी की दया मेहर से विशाल तीन दिवसीय निःशुल्क नेत्र शिविर का अयोजन किया गया, जिसमें दोपहर 1 बजे तक 750 से अधिक माताएं एवं 350 से अधिक भाई रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं व और भी रजिस्ट्रेशन होने हैं। रजिस्ट्रेशन के पश्चात् हुए चेकअप में चिकित्सकों की

माधवनगर में बिगड़ रही कानून व्यवस्था, मंगलवार की शाम हुई थी बीच सड़क मारपीट, नागरिकों दुकानदारों में निर्मित हो रहा भय का माहौल

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) उपनगरीय क्षेत्र माधवनगर मुख्य मार्ग पर स्थित चावला चौक शनि चौक के दुकानदार रहवासी पुलिस की गश्त न होने और देर रात तक खुली हुई अंडे की दुकानों से खासे परेशान हैं। बताया जाता है शराब खोरी कर आए दिन गाली गलौज देर रात तक होती रहती है जिससे न्यू सेंस पैदा होता है। मंगलवार की रात 7.30 बजे शनि चौक के पास एक दर्जन युवकों ने किसी बात को लेकर कुछ युवकों से मारपीट की तब दुकानों में खड़ी महिलाएं और रास्ते से गुजर रही महिलाएं सहम गईं और भय का माहौल रहवासी और दुकानदारों में व्याप्त हो गया। पहले इस क्षेत्र में शाम के समय जब अत्यधिक भीड़ भाड़ होती है तब पुलिस की नियमित गश्त होती थी और रात 11 बजे तक दुकानें बंद करा दी जाती थी लेकिन अब बताते हैं पुलिस की गश्त आदि न होने से माहौल बिगड़ता ही जा रहा है। क्षेत्र के रहवासियों और दुकानदारों ने यहां पुलिस की नियमित गश्त और कड़ाई की अपेक्षा की है।

विद्युत प्रदाय बंद रहने की सूचना

कटनी ( प्रबल सृष्टि  ) -  अधीक्षण अभियंता संचा-संधा वृत्त मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड कटनी नें उपभोक्ताओं को सूचित किया है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. शहर संभाग कटनी के अंतर्गत निम्नांकित  33   के.व्ही एवं  11   के. व्ही फीडरों का संधारण कार्य प्रातः  8   बजे से दोपहर  12   बजे तक किया जाना निर्धारित किया गया है। अतः उक्त अवधि में विद्युत प्रदाय बंद रखी जावेगी। आवश्यकता पडने पर समयावधि बढाई अथवा घटाई जा सकती है। आपनें उपभोक्ताओं को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है।              अधीक्षण अभियंता द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार  4   मई को  11   के.व्ही डन फीडर का संधारण कार्य होने के कारण डन कॉलोनी ,  भट्टा मोहल्ला ,  एवं  11   के.व्ही फीडर से जुडे अन्य समस्त क्षेत्र में प्रातः  8   बजे से दोपहर  12   बजे तक प्रभावित होगें इस हेतु गणेश चौक शिकायत कक्ष के मोबाईल नंबर  9425807546   पर संपर्क किया जा सकता है। इसी तरह  5   मई को  11   के.व्ही सिटी - 3   एवं सिटी - 6   फीडर मे संधारण कार्य की वजह से शांतिनगर ,  कुंदन दास स्कूल ,  माधव नगर

माधवनगर में दीपक नमकीन एवं धैर्य फूड प्रोडक्ट में खाद्य विभाग ने दी थी दबिश, प्रतिबंधित तेवड़ा दाल मिश्रित बेसन, काले रंग के पॉम ऑयल का उपयोग किया जाना पाया गया था, मिलावटखोरी को लेकर कार्यवाही का पूरा सत्य आम जन मानस के सामने आना चाहिए

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) -  खाद्य एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम द्वारा समय समय पर विभिन्न स्थलों पर औचक जांच की जाती रही है और संबंधित फैक्ट्रियों आदि से सेम्पल लेकर प्रयोगशाला भेजे जातें हैं। तब विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही मीडिया की सुर्खियां बटोरती तो है लेकिन वह कार्यवाही किस अंजाम तक पहुँची यह आम जनता को पता ही नही चलती जबकि जिन खाद्य पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्यवाही हुई होती हैं वह आज भी चल रही होती हैं। पूर्व में ऐसी ही कार्यवाही हुई थी जिसमें खैबर लाईन माधवनगर में दीपक नमकीन एवं धैर्य फूड प्रोडक्ट में औचक रुप से दबिश दी गई थी जिसके बाद वहां तैयार की जा रही नमकीन, कच्चा माल एवं प्रयुक्त खाद्य तेल का नमूना लिया गया था। तब दीपक नमकीन में नमकीन बनाने के लिये चनादाल के साथ प्रतिबंधित तेवड़ा दाल मिश्रित बेसन का उपयोग पाया गया था व धैर्य फूड प्रोडक्ट में नमकीन बनाने के लिये काले रंग के पॉम ऑयल का उपयोग किया जाना पाया था। कारखानों में की गई कार्यवाही का फाईल फोटो सभी स्थानों से सेम्पल लेकर परीक्षण के लिये प्रयोगशाला भेजे गए थे तब सहायक आपूर्ति अधिकारी ने ब

शांतिनगर शिक्षा समिति में राजू माखीजा पुनः निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) शांतिनगर शिक्षा समिति की साधारण सभा की बैठक कुंदनदास विद्यालय में राजू माखीजा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में वर्तमान कार्यकारिणी के कार्यकाल के आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। जिसका उपस्थित सदस्यों ने अनुमोदन किया। वर्तमान कार्यकारिणी का समय पूर्ण होने पर उसे भंग कर नई कार्यकारिणी के गठन हेतु चुनाव अधिकारी लक्ष्मीचंद डोडानी के निर्देशन में चुनाव संपन्न हुए। पूर्व अध्यक्ष राजू माखीजा पुनः निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए, जिस पर सर्वसम्मति से सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की। समिति के सचिव ठाकुर दास रंगलानी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

मानव एकता दिवस - विशाल रक्त्त दान शिविर का आयोजन संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में किया गया, 113 यूनिट रक्त्त दान का हुआ संग्रह

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) बाबा गुरुबचन सिंह जी महाराज के बलिदान दिवस 24 अप्रैल को निरंकारी मिशन मानव एकता दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाता आया है। इस दिन पिछले  44 वर्ष से मिशन द्वारा रक्त्त दान शिविर का आयोजन देश विदेश में किया जाता है। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज हमेशा कहा करते थे इंसान का रक्त्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं। इसी कड़ी मे विशाल रक्त्त दान शिविर का आयोजन संत निरंकारी सत्संग भवन माधवनगर में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया गया जिसमें 113 यूनिट रक्त्त दान  का संग्रह हुआ। इसके अलावा अनेक जनों को वापस भी लौटना पड़ा व सभी को मतदान के लिए भी प्रेरित किया गया।   इस अवसर पर संयोजक महात्मा राजकुमार हेमनानी, महात्मा नोतन दास केवलानी, शिक्षक शंकर भाषानी, प्रेम बत्रा, मनीष कलवानी व सेवादल के भाई बहनों सहित जिला अस्पताल से  सिविल सर्जन  डॉ यशवंत  वर्मा, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ नरेंद्र झामनानी, डॉ मोहित श्रीवास्तव एवं ब्लड बैंक के कर्मचारियों की सहयोगात्मक उपस्थित रही।

जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में अब कुल 57 प्रत्याशी मैदान में, यह है सबके नाम

कटनी (  प्रबल सृष्टि ) -  जिले के सभी  4   विधानसभा क्षेत्रों में संपन्न होनें वाले विधानसभा निर्वाचन हेतु नामांकन दाखिल किए अभ्यर्थियों हेतु गुरूवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि पर जिले की चारों विधानसभा के कुल  12   अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापस लिया गया। इस प्रकार सभी चारों विधानसभा क्षेत्रों से अब कुल  57   प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमायेंगे। इन चारो विधान सभा क्षेत्रों क्रमशः  91   बड़वारा , 92   विजयराघवगढ़ , 93   मुड़वारा और  94   बहारीबंद में मतदान  17   नवंबर को होना है।                रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा बताया कि  91-  बड़वारा विधानसभा क्षेत्र से कुल  9   अभ्यार्थियों द्वारा नामांकन किया गया जिसमें सभी अभ्यार्थियो का नामांकन सही पाया गया तथा नाम वापसी की अंतिम तिथि तक एक अभ्यर्थी द्वारा नाम वापस लिया गया। शेष बचे  8   उम्मीदवारों के नाम इस प्रकार है- विजयराघवेन्द्र सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस ,  धीरेन्द्र बहादुर सिंह (धीरू) ,  भारतीय जनता पार्टी ,  सुरेश कम्युनिष्ट पार्टी ,  सुश्री कुन्ती कोल समाजवादी पार्टी ,  अरविंद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ,  जवाहर सिंह निर्द

माधवनगर इमलिया रोड के पास स्थित चिप्स कुरकुरे की फैक्ट्री में लगी भीषण आग

कटनी ( प्रबल सृष्टि ) माधवनगर में इमलिया रोड पर स्थित नटराज धर्मकांटा के पास चिप्स कुरकुरे की फैक्ट्री नितिन ट्रेडर्स में आज शाम आग गई जिसने भयंकर रूप ले लिया और फेक्ट्री में मौजूद पूरा सामान जल कर खाक हो गया है। प्रबल सृष्टि द्वारा रिपोर्ट लिखे जाने तक आग तांडव मचाए हुए है। आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है। मौके पर भारी भीड़ है और अभी तक करीब 5 फायर ब्रिगेड आग बुझाने प्रयासरत हैं।

इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी के यहां स्टेट जीएसटी टीम ने की छापेमारी

कटनी । कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरुनानक वार्ड हीरागंज पेट्रोलपंप के पीछे स्थित आशीर्वाद इलेक्ट्रॉनिक शोरूम पर मंगलवार दोपहर स्टेट जीएसटी की टीम ने छापेमारी की है। 10 सदस्यीय टीम ने गुरूनानक वार्ड स्थित शोरूम, पन्ना मोड़ स्थित गोदाम, हाउसिंग बोर्ड स्थित निवास पर एक साथ छापेमारी की है। आवश्यक दस्तावेज जब्त करते हुए अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है। बड़े कर अपवंचन की आशंका को लेकर यह छापेमारी की गई है। जानकारी के अनुसार राज्य वाणिज्य कर आयुक्त व स्टेट जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर गणेश सिंह कंवर के निर्देशन पर बड़े कर अपवंचन की आशंका को लेकर गुरुनानक वार्ड में संचालित आशीर्वाद इलेक्ट्रॉनिक फर्म (टीवी, फ्रीज, वॉशिंग मशीन, एसी, माइक्रोवेब, मोबाइल आदि विक्रेता) संचालक अनिल टहलरामानी के यहां मंगलवार को छापेमारी की है। राज्य कर अधिकारी आलोक मिश्रा के नेतृत्व में निरीक्षक लाल विनोद सिंह, ऋषभ चड्ढा, मधु केशरवानी, विवेक सिंघ बघेल, अनुराग शर्मा सहित कराधान सहायक कृष्ण कुमार सिंह आदि की टीम ने छापेमारी की। स्टेट जीएसटी की टीम ने गुरुनानक वार्ड पेट्रोल पंप के पीछे स्थित शोरूम, कुठला थाना क्षेत्र

पड़रवारा की नजूल भूमि पर अवैध अतिक्रमण जमींदोज, करीब एक करोड़ रूपये मूल्य की भूमि हुई अतिक्रमण मुक्त

कटनी ( प्रबल सृष्टि )- कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर बुधवार को कटनी नगर के ग्राम पड़रवारा की नजूल भूमि पर किए गये अवैध कब्जे को जे.सी.बी. मशीन से अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया गया। ग्राम पड़रवारा पटवारी हल्का नंबर 44 के पुर्नवास सीट क्रमांक दो के नजूल भूमि प्लाट नंबर 292 के अंशभाग में बंगला लाइन माधवनगर निवासी पंकज आहूजा ने अवैध कब्जा कर रखा था। तहसीलदार न्यायालय कटनी नगर ने 10 जुलाई को इस अवैध अतिक्रमण को हटाने का आदेश प्रदान प्राप्त किया था। अतिक्रमण मुक्त की गई इस नजूल भूमि की अनुमानित बाजार मूल्य करीब एक करोड़ रूपये है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान तहसीलदार कटनी ग्रामीण चन्द्रपाल इनवाती, नजूल राजस्व निरीक्षक, पुलिस बल और नगर निगम का अमला मौजूद रहा।