कटनी ( मुरली पृथ्यानी ) विधानसभा चुनाव की गर्माहट शुरू हो चुकी है अब यह गर्माहट बढ़ती जाएगी जब तक चुनाव और परिणाम सामने नही आ जाते। परिणाम के हफ्ते भर बाद तक ढोल नगाड़े बजते रहेंगे लेकिन यह किसके हिस्से आएगा ? कौन सरकार बनाएगा ? कौन मुख्यमंत्री बनेगा ? अब यह सवाल उठते ही रहेंगे।
माहौल में राजनीतिक गतिविधियां होने लगी है नेता लोग सड़कों पर नजर आने लगे हैं, बचपन में हिंदी में एक कविता आती थी कि यह पहलवान अम्बाले का यह पहलवान पटियाले का कुछ इसी तरह से मप्र की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ छाए हुए हैं। देखा जाए तो प्रदेश की राजनीति इन्ही दो चेहरों के इर्दगिर्द घूमती रहती है मुख्यमंत्री के रूप में इन्ही की दावेदारी इन चुनावों में रहेगी फिलहाल इनके अलावा कोई बड़ा पहलवान चुनाव के दंगल में नजर नही आता बड़ा पहलवान से तात्पर्य मुख्यमंत्री बनने लायक चेहरा है। शिवराज सिंह चौहान पिछले दो दशक से मप्र की राजनीति में ऐसे बैट्समैन रहें हैं जो अभी तक तो नॉट आउट ही रहे हैं, हां 2018 में वह मुख्यमंत्री पद से चुनाव हारने के बाद हटे थे लेकिन 2020 में उन्होंने वापसी करली हालांकि इसका श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को गया जिसकी बदौलत शिवराज सिंह चौहान को पुनः प्रदेश संभालने को मिला। इसको लेकर कमलनाथ पर सवाल उठे थे कि उनकी नाक के नीचे से सरकार चली गई और उन्होंने कुछ नही किया इसपर हर बार उन्होंने यही कहा कि सौदे की राजनीति वह नही करते। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के दम से बनी सरकार का अब कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। अब चुनाव होंगे और दिलचस्प भी होंगे जनता क्या महसूस करती है उसके मन में क्या है यह देखने में मात्र कुछ हफ्ते भर बचे हैं इसलिए गर्माहट धीरे धीरे बढ़ना स्वाभाविक भी है। लेकिन एक बात तय है कि यही दोनों बड़े चेहरे रहेंगे प्रदेश स्तर पर किसी तीसरे नेता का प्रभाव नही दिखता। यहां शिवराज सरकार के पीछे मोदी सरकार खड़ी रहेगी तो कमलनाथ के साथ गांधी परिवार। तीसरे दल को कितनी सफलता मिलेगी यह अलग बात है लेकिन सरकार इन्ही दोनों नेताओं में से किसी एक की बनेगी। जहां शिवराज सिंह अपनी सरकार की योजनाओं के चलते जनता के बीच जा रहें हैं तो कमलनाथ सरकार बनने पर नई योजनाओं को लाने की बात कर रहें हैं। अब गेंद जनता ही डालेगी जो अच्छा खेलेगा वह जीत जाएगा।
Comments
Post a Comment