कथा के दौरान की भविष्यवाणी मोदी के पुनः प्रधानमंत्री बनने एवं संजय पाठक को मंत्री बनने का दिया आशीर्वाद
कटनी - विजयराघवगढ़। कटनी नदी और महानदी के संगम पर हरिहर तीर्थ धाम अत्यंत पावन है। रामराजा पर्वत पर जगन्नाथ भगवान की स्थापना भी होगी। भगवान परशुराम की 108 फूट की प्रतिमा, नौ देवियों की स्थापना, विराट रूप के दर्शन, रामलला का दिव्य मंदिर, माता शबरी का भारत माता का मंदिर इस तीर्थ क्षेत्र को समूचे विश्व में ख्याति दिलाएगा। हरिहर तीर्थ के निर्माण के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों लोकार्पण कराएंगे यह हमारा वचन है क्योंकि 2024 में मोदी जी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री बनेंगे ये मेरी भविष्यवाणी है संजय भी बड़ी जीत के साथ सरकार में मंत्री बनेंगे क्योंकि प्रदेश में पुनः सरकार बनने वाली है यह बात स्वामी जी ने श्री राम कथा के दौरान कही।
कथा के दौरान जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा की चारों धाम के दर्शन एक ही स्थान पर कराने वाला एक मात्र धार्मिक स्थल हरिहर तीर्थ ही है। यहां संस्कृति, सभ्यता और परंपरा की अलौकिक ज्योति प्रज्ज्वलित होगी जो अपने प्रकाश की आभा से समस्त भारत को ज्योतिर्मय करेगी।इस परिकल्पना को साकार करने की भीष्म प्रतिज्ञा लेने वाले पंडित सत्येंद्र पाठक और निर्मला पाठक के पुत्र प्रधान सेवक संजय सत्येन्द्र पाठक को स्वामी जी ने चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया।
रामभद्राचार्य जी ने सुनाई शबरी नारायण की कथा
रामभद्राचार्य जी नेकथा के दौरानभीलनी शबरी के झूठे बेर श्रीराम द्वारा खाना वाल्मीकि रामायण से सिद्ध है वाल्मीकि रामायण में है कि शबरी ने श्रीराम से कहा कि पम्पा (सरोवर) के तट पर उगने वाले वन्य (फलों और मूल्यों) का मैंने आपके लिए संग्रह किया है।
शबरी भील समाज से थी. भील समाज में किसी भी शुभ अवसर पर पशुओं की बलि दी जाती थी, लेकिन शबरी को पशु-पक्षियों से बहुत स्नेह हुआ करता था. इसलिए पशुओं को बलि से बचाने के लिए शबरी ने विवाह नहीं किया और ऋषि मतंग की शिष्या बन गई और ऋषि मतंग से धर्म और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया.
ऋषि मतंग के आश्रम में आने के बाद शबरी हमेशा प्रभु श्रीराम की भक्ति में ही लीन रहती थीं. भगवान के प्रति शबरी का ऐसा भक्तिभाव देखकर ऋषि मतंग ने अपने अंत समय में शबरी को बताया कि श्रीराम के दर्शन से ही शबरी को मोक्ष मिलेगा. यह सुन कर शबरी रोज अपनी कुटिया ऋतंभरा रास्ते में आने वाले पत्थरों और कांटों को हटाने लगीं, ताकि श्रीराम के पैरों में चुभे नहीं. शबरी रोज ताजे फल और बेर तोड़कर श्रीराम के लिए रखती.
जीवन भर राम की प्रतिक्षा में बैठी शबरी की मुराद आखिर पूरी हुईं. वन में माता सीता को ढूंढते हुए श्रीराम और लक्ष्मण शबरी की कुटिया में पहुंचे. जब शबरी ने श्री राम को देखा तो आंखों से आंसू बहने लगे और वे उनके चरणों से लिपट गई हैं. शबरी ने श्रीराम को स्वयं चखकर सिर्फ मीठे बेर खिलाये और श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर प्रेमभाव से खा लिए. शबरी के ऐसे असीम भक्ति प्रेम से श्रीराम बहुत प्रसन्न हुए और शबरी को मोक्ष प्रदान किया.
संजय पाठक ने जताया आभार
श्रीराम कथा एवं हरिहर तीर्थ भूमिपजन सप्ताह के समापन अवसर पर अपने संबोधन में सेवा न्यास के चरण सेवक संजय पाठक ने इन सभी आयोजन आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री ,केंदीय मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद विष्णुदत्त शर्मा, श्री कैलाश विजयवर्गीय,पूर्व प्रभात झा ,गिरीश गौतम , जगद्गुरु रामभद्राचार्य,स्वामी अवधेशानंद, श्री श्री रविशंकर,स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, स्वामी कैलाशानंद, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह,मंत्री तुलसी सिलावट सभी मंत्रियों विधायकों,अभिनेता और लेखक आशुतोष राणा सहित सभी संत महात्माओंका क्षेत्र की जनता को दर्शन सदज्ञान प्रदान करने आभार माना उन्होंने विजयराघवगढ़ महोत्सव ,हरिहर तीर्थ के भूमिपूजन कार्यक्रम, श्री राम कथा में सहयोग देने वाले सभी सहयोगी साथियों विजयराघवगढ़ विधानसभा के एक एक व्यक्ति सहित जिला प्रशासन का आभार माना ।
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