कटनी ( प्रबल सृष्टि ) अपने माता पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के जीवन में उम्मीदों की रोशनी बिखेरने में जुटे कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद जिले की चार और बेसहारा बच्चियों के जीवन का सहारा बने हैं। उन्होंने इन चार बच्चियों की शिक्षा दीक्षा के लिए निजी स्पॉन्सरशिप योजना के तहत सहायता राशि का प्रकरण स्वीकृत कर इन्हें उक्त राशि की पहली किश्त प्रदान कराई है।
बच्चों की शिक्षा दीक्षा में नहीं आए बाधा
अपने माता पिता में से किसी एक को खो चुके 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के भरण पोषण और शिक्षा में किसी प्रकार की कोई बाधा न आए इसके लिए बाल संरक्षण अधिनियम 2015 अंतर्गत उन्हें सहायता राशि प्रदान करने के लिए निजी स्पॉन्सरशिप योजना का संचालन महिला एवम् बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। इस योजना को जिले में और अधिक प्रभावी बनाते हुए संवेदनशील कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा औद्योगिक घरानों के सीएसआर मद से ऐसे बच्चों को बालिग होने तक आर्थिक सहायता मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है। जिससे आर्थिक तंगी किसी भी बेसहारा बच्चे की प्रगति की राह में रोड़ा न बने।
भ्रमण दौरान बच्चियों की बड़ी बहनों ने लगाई थी मदद की गुहार
विगत दिवस रीठी विकासखंड के ग्राम बरखेड़ा में भ्रमण दौरान कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा यहां के निवासियों से उनकी समस्याएं जानी जा रही थी तभी गांव की निकिता लोधी और निशा रजक ने उनके बेसहारा होने से उनकी छोटी बहनों के भरण पोषण और शिक्षा व्यवस्था में आ रही समस्याओं से कलेक्टर श्री प्रसाद को अवगत कराया। कलेक्टर श्री प्रसाद ने उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और भ्रमण से लौटते ही संबंधित विभाग को इन दोनों बालिग लड़कियों की छोटी बहनों की जानकारी जुटा कर उन्हें निजी स्पॉन्सरशिप योजना के तहत लाभान्वित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कटनी द्वारा दोनों बच्चियों अमृता लोधी 12 वर्ष और जाह्नवी रजक 7 वर्ष का प्रकरण तैयार कर उक्त योजना के तहत प्रकरण स्वीकृत किया। दोनो बच्चियों की शिक्षा दीक्षा के लिए उनकी बड़ी बहनों को संरक्षिका के तौर पर 2-2 हजार रूपए की सहायता राशि प्रतिमाह उनके बैंक खातों के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसी तरह ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्राम खमहरिया की निवासी 7 वर्षीय वैष्णवी कोल और इसी विकासखंड के ग्राम पिपरिया सहलावन की 7 वर्षीय चित्रा लोधी को भी निजी स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत 2-2 हजार की सहायता राशि उनकी संरक्षिका को बैंक खाते के जरिए प्रतिमाह प्रदान की जाएगी।
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