उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थान के अभाव में, विस्थापन की त्रासदी भोगता कटनी शहर, मेडिकल, इंजीनियरिंग या अन्य कॉलेज न होने से यहां के बच्चें अच्छी पढ़ाई के लिए अपना घर छोड़ अन्य शहरों - महानगरों को पलायन कर जाते हैं
कटनी ( प्रबल सृष्टि ) - किसी क्षेत्र में बसे बसाये लोगों को किसी कारण अपना क्षेत्र छोड़ कर अन्यत्र बसने जाना बहुत बड़ी त्रासदी होती है । देश में एक बहुत बड़ा विस्थापन भारत विभाजन से हुआ । आजादी के बाद ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का रोजी रोटी की तलाश में शहरों - महानगरों को बड़ी संख्या में विस्थापन शुरु हुआ , जो आज भी जारी है । इसके अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यारण्य , खनिज खनन तथा बडे बांधों की योजनाओं से भी बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होते रहे हैं ।
कटनी शहर में प्रकृति का दिया सब कुछ है । नहीं हैं तो उन्नत शिक्षा के साधन । कटनी में मेडिकल , इंजीनियरिंग या अन्य कालेज न होने से यहां के बच्चे अच्छी पढ़ाई के लिए अपना घर छोड़ अन्य शहरों - महानगरों को पलायन कर जाते हैं । वे एक बार जो अपना घर छोड़ बाहर गए तो पढ लिख कर वहीं किसी जॉब में लग जाते और बस जाते हैं । क्योंकि उनके लिए फिर कटनी में कोई भविष्य नहीं रहता । इस तरह शहर के लोगों से उनके बच्चे बिछड़ते हैं और बच्चे अपने माता पिता से बिछड़ते हैं । पढ लिख कर बच्चों में जो प्रतिभा आती है , उसके लाभ से भी यह शहर वंचित रहता है । उच्च शिक्षा के केंद्र न होने से जिले के बच्चों का यह विस्थापन एक शदी से अनवरत चल रहा है । कटनी की माटी अपने सैकड़ों किस्म के खनिजों से राज्य शासन को भारी मात्रा में राजस्व देती आ रही है । किंतु राज्य सरकार कटनी के बच्चों के लिए अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं दे पा रही है । एक शदी से जारी शोषण और विस्थापन का यह त्रासद दौर अब खत्म होना चाहिये । कटनी के जागरुक प्रबुद्ध जनों द्वारा जी जा रही मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेज की माँग तत्काल पूरी की जाना चाहिये । जिससे हमारी आने वाली पीढियाँ अपने शहर में रहकर ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने परिवार के साथ रह सकें । साथ ही उनकी प्रतिभा का लाभ शहर को भी मिल सके ।
लेखक - श्री राजेंद्र सिंह ठाकुर कटनी
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