जिला अस्पताल में लग गई थी आग - सिविल सर्जन दोषी, अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण नहीं, कर्तव्य के प्रति उदासीनता, लापरवाही और जानबूझकर दायित्वों को निभाने में लापरवाही पर कलेक्टर ने मांगा जवाब
कटनी ( प्रबल सृष्टि)- जिला चिकित्सालय के नवीन भवन के प्रथम तल स्थित प्रसव कक्ष में विगत 20 फरवरी की रात्रि लगी आग के कारणों की जांच हेतु कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा गठित 6 सदस्यीय जांच समिति से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर श्री प्रसाद ने सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ यशवंत वर्मा को स्पष्टीकरण जारी कर तीन दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है।
समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में जिला अस्पताल के नवनिर्मित भवन के भूतल में स्थित प्रसव कक्ष क्रमांक 2 में रखे एयर प्यूरी फायर में तकनीकी खराबी आने के कारण उपकरण के प्लग से स्पार्किंग के कारण ऊपर स्थित ए.सी. के तापमान में वृद्धि होने के कारण आग लगना बताया गया है।
जारी स्पटीकरण में जिला चिकित्सालय के एम.सी.एच. भवन के हस्तांतरण पश्चात एवं भवन के उपयोग के पूर्व तुरंत ही फायर आडिट एन.बी.सी. 2016 के तहत भवनों में अग्निशामक उपकरणों की स्थापना, अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं फायर आडिट रिपोर्ट प्राप्त करने के प्रावधान है, जो नहीं कराया गया तथा अस्पताल प्रबंधन हेतु योग्य प्रशिक्षित कर्मचारियों की डयूटी नहीं लगाई गई। इस प्रकार सिविल सर्जन डॉ0 वर्मा द्वारा लापरवाही बरती गई इसलिए इस आगजनी की घटनाक्रम हेतु आप जिम्मेदार एवं पूर्ण रूपेण दोषी है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी स्पटीकरण में श्री वर्मा को विभाग के अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण न होने, कर्तव्य के प्रति उदासीनता व लापरवाही बरतनें और जानबूझकर अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतनें पर इस कृत्य को म.प्र. सिविल आचरण नियम 1965 में वर्णित प्रावधानों के विपरीत मानते हुए इस संबंध में तीन दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है।
Comments
Post a Comment