कटनी ( प्रबल सृष्टि ) कुंए, बावड़ी, तालाब जैसी प्राचीन पदतियाँ हजारों साल से पानी की उपलब्धता को संजोए हुए थी लेकिन जैसे ही आधुनिक युग आया पानी के मोल की कद्र ही जैसे खत्म समझी गई। सम्पन्न आदमी को पानी चाहिए तो बोरिंग करा लो फिर चाहे भूमिगत जल का जितना अंधाधुंध दोहन कर लो, भूमि खोखली होती रहे तो होती रहे। बाकी एक दो बारिश कम हो जाए तो त्राहि मच जाती है जैसे अभी मची हुई है। दशकों बाद शहर जिले में क्या स्थिति बनेगी किसी को यह दिखता भी है कि नही या फिर वही पुरानी गलतियों को ही दोहराते रहेंगे। नदी, नाले, कुएं, बावड़ी, तालाब ही हैं जो पानी को रोक सकते हैं बशर्ते हम प्राकर्तिक महत्व की कद्र करें अगर नहीं तो भोगना ही पड़ेगा। आज कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने विवेकानंद वार्ड के पुराने कुएं का निरीक्षण किया और कुएं की सफाई कराते हुए उसके पानी को उपयोग लायक बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए हैं। वहीं स्थानीय जनों ने उनसे चर्चा में टिकरिया स्कूल के पास पुराने हैंडपंप का स्थल कलेक्टर को दिखाया, जिसपर कलेक्टर ने अधिकारियों से स्थल में पानी की उपलब्धता की जांच कराते हुए हैंडपंप लगाने के निर्देश दिए।
आंगनबाड़ी का निरीक्षण करने के दौरान बच्चों के संबंध में जानकारी ली। पेयजल सप्लाई के लिए टेंकरों की संख्या व पाइप लाइन की लंबाई बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके अलावा संकरी गलियों में छोटे टेंकरों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही एसीसी व आर्डिनेंस की बोरिंग से जलापूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
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