कटनी बाजार की नींव पड़ने का एक सौ पचासवां वर्ष, रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था के सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं
कटनी। ( इतिहासकार राजेंद्र सिंह ठाकुर ) अंग्रेज शासन काल में सन 1872 में निर्मित हुए कटनी शहर के झन्डा बाजार का यह एक सौ पचासवाँ वर्ष है । तत्कालीन स्थानीय तहसीलदार मुन्शी बनवारी लाल की देखरेख में मध्य प्रांत के चीफ कमिश्नर नागपुर जे . एच . मौरिस द्वारा कटनी शहर में एक सु व्यवस्थित बाजार का निर्माण करा कर यहाँ एक व्यवसायिक केंद्र की नींव डाली गई थी । उस समय यहाँ शहर का मुख्य सब्जी बाजार लगता था । नवनिर्मित बाजार का नामकरण भारत हाट किया गया था । जिसका आकार चौपड़ के आकार में चार दिशाओं की सड़क जिसके दोनो किनारों में दुकाने स्थित थीं । चारों दिशाओं की दुकानों के अन्त में रिंग के आकार की एक गोलाकार रोड निर्मित कराई गई थी । जिसके किनारे एक ही आकार और डिजायन की दुकाने और घर निर्मित कराये गए थे । झन्डा बाजार का यह स्वरुप कमोबेश आज भी देखा जा सकता है । बाजार का उदघाटन करने जे एच मौरिस साहब कटनी आए थे । इस आशय का एक शिलालेख झन्डा बाजार स्मारक में लगा है । मौरिस साहब द्वारा गोल बाजार का निर्माण भी कराया गया था । उन दिनो गोल बाजार का नाम मौरिस गंज होता था ।
सन 1921 में नगर पालिका कटनी के तत्कालीन अध्यक्ष जार्ज फारेस्टर साहब शहर में रात्रि कालीन प्रकाश व्यवस्था के लिये लकडी के खम्बों में मिट्टी के तेल से जलने वाले लेम्प लगवाये गए थे । नगर पालिका का एक कर्मचारी रोज शाम को आकर इन लेम्प में मिट्टी के तेल से जलने वाली ढिबरी रखता और सुबह आकर उन्हे बुझा कर निकाल ले जाता था । इस प्रकास व्यवस्था का उदघाटन फारेस्टर साहब ने दिनांक 24 नवम्बर 1921 को झन्डा बाजार में एक लेम्प जलाकर किया था । इस आशय का भी एक शिलालेख झन्डा बाजार स्मारक में लगा हुआ है । इस प्रकाश व्यवस्था को शुरु किए जाने के भी आज सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं ।
इस अवसर पर हमें अपने इन पुरखों को जानने प्रयास तथा इनका कृतज्ञता पूर्वक स्मरण करना चाहिये ।
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