कटनी - जिले के पर्यटन, पुरातत्व महत्व व ईको टूरिज्म क्षेत्रों से परिचित कराने के लिए जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों को आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशानुसार पर्यटन दिवस पर जिले भर में अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की गई थीं। मंगलवार की सुबह सीईओ जिला पंचायत जगदीश चंद्र गोमे के मार्गदर्शन में बच्चों को जिले में पाए जाने वाले पक्षियों व प्रवासी पक्षियों के विषय में जानकारी देने के लिए बर्ड वॉचिंग सेशन का आयोजन सुरखी डेम व मानसरोवर तालाब के पास किया गया। पक्षी विद् मोहन नागवानी ने बच्चों को पक्षियों के रहवास के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पक्षी जलाशयों के नजदीक अधिकतर इसलिए पाए जाते हैं कि उन्हें वहां जल, कीचड़, भूमि व घास चार प्रकार के रहवास मिलते हैं। बच्चों को दूरबीन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के पक्षी दिखाए गए और प्रकृति से उनके संबंध के विषय में जानकारी दी गई। सुरखी डेम में प्रवासी पक्षी सीगल भी बच्चों को देखने को मिला, जो वर्तमान में अपना रहवास बनाता है और ठंड के बाद वापस लौट जाता है। बीआरसीसी कटनी विवेक दुबे ने कार्यक्रम के बाद बच्चों के बीच प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया। जिसमें बर्ड वॉचिंग सेशन से जुड़े सवाल पूछे गए।
कटनी - जिले के पर्यटन, पुरातत्व महत्व व ईको टूरिज्म क्षेत्रों से परिचित कराने के लिए जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों को आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशानुसार पर्यटन दिवस पर जिले भर में अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की गई थीं। मंगलवार की सुबह सीईओ जिला पंचायत जगदीश चंद्र गोमे के मार्गदर्शन में बच्चों को जिले में पाए जाने वाले पक्षियों व प्रवासी पक्षियों के विषय में जानकारी देने के लिए बर्ड वॉचिंग सेशन का आयोजन सुरखी डेम व मानसरोवर तालाब के पास किया गया। पक्षी विद् मोहन नागवानी ने बच्चों को पक्षियों के रहवास के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पक्षी जलाशयों के नजदीक अधिकतर इसलिए पाए जाते हैं कि उन्हें वहां जल, कीचड़, भूमि व घास चार प्रकार के रहवास मिलते हैं। बच्चों को दूरबीन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के पक्षी दिखाए गए और प्रकृति से उनके संबंध के विषय में जानकारी दी गई। सुरखी डेम में प्रवासी पक्षी सीगल भी बच्चों को देखने को मिला, जो वर्तमान में अपना रहवास बनाता है और ठंड के बाद वापस लौट जाता है। बीआरसीसी कटनी विवेक दुबे ने कार्यक्रम के बाद बच्चों के बीच प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया। जिसमें बर्ड वॉचिंग सेशन से जुड़े सवाल पूछे गए।
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