कटनी। ( मुरली पृथ्यानी ) बहुत लोग दूसरों की परवाह नही करते, राह चलते जो खाने पीने की वस्तुओं का उपयोग करते है फिर उसे कहीं भी फेंक देते हैं। जहाँ एक जगह कुछ कचरा दिखाई देगा फिर उस जगह को कचरा घर बनाने में देर नही करते। आज के अनुपात में पहले कचरा कम होता था क्योंकि नमकीन चिप्स गुटखा के रैपर नहीं होते थे। दिनों दिन कचरे की मात्रा बढ़ती जा रही है आगे और भी कचरा बढ़ेगा इसलिए सब लोग नियत स्थानों पर कचरा डालें जिससे वह इधर उधर नही फैले तो बहुत सी बातों से बचा जा सकता है और यह स्वयं के कर्तव्यबोध के बिना यह पूर्ण नही हो सकता। स्वच्छता अभियान को शुरू हुए कुछ साल हो चुके हैं ऐसे में वह दिन कब देखेंगे जब कहीं कचरा न दिखे हर कोना कोना साफ रहे। यह कोई मुश्किल और असंभव काम नही है। इसमे हर आदमी अपना अपना योगदान दे सकता कि वह कचरे को कहीं भी न फेंके, इसका मतलब यह नही है कि सब ऐसा करते हैं ज्यादातर खुद अपनी समझदारी रखते हैं इससे स्वच्छता क्या होती है यह दिखाई भी देता है लेकिन जरूरत यह भी है हर कोने हर जगह की सुंदरता बनी रहे और यह हर एक की जागरूकता से ही यह संभव है तब कटनी शहर स्वच्छता में नंबर वन भी हो जाएगा।
कटनी। ( मुरली पृथ्यानी ) बहुत लोग दूसरों की परवाह नही करते, राह चलते जो खाने पीने की वस्तुओं का उपयोग करते है फिर उसे कहीं भी फेंक देते हैं। जहाँ एक जगह कुछ कचरा दिखाई देगा फिर उस जगह को कचरा घर बनाने में देर नही करते। आज के अनुपात में पहले कचरा कम होता था क्योंकि नमकीन चिप्स गुटखा के रैपर नहीं होते थे। दिनों दिन कचरे की मात्रा बढ़ती जा रही है आगे और भी कचरा बढ़ेगा इसलिए सब लोग नियत स्थानों पर कचरा डालें जिससे वह इधर उधर नही फैले तो बहुत सी बातों से बचा जा सकता है और यह स्वयं के कर्तव्यबोध के बिना यह पूर्ण नही हो सकता। स्वच्छता अभियान को शुरू हुए कुछ साल हो चुके हैं ऐसे में वह दिन कब देखेंगे जब कहीं कचरा न दिखे हर कोना कोना साफ रहे। यह कोई मुश्किल और असंभव काम नही है। इसमे हर आदमी अपना अपना योगदान दे सकता कि वह कचरे को कहीं भी न फेंके, इसका मतलब यह नही है कि सब ऐसा करते हैं ज्यादातर खुद अपनी समझदारी रखते हैं इससे स्वच्छता क्या होती है यह दिखाई भी देता है लेकिन जरूरत यह भी है हर कोने हर जगह की सुंदरता बनी रहे और यह हर एक की जागरूकता से ही यह संभव है तब कटनी शहर स्वच्छता में नंबर वन भी हो जाएगा।
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