(संपादकीय)
मप्र में प्रति व्यक्ति आय घटी है और कोरोना की दूसरी लहर के बाद यह और घट सकती है। जिसके आंकड़े बाद में पता चलेंगे। इसलिए यहाँ आज की आर्थिक स्थिति पर बात करतें हैं। मार्च 2021 में पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य में प्रति व्यक्ति आय में कमी देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 62,236 रुपए सालाना थी। जो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में घटकर 58,425 रुपए सालाना हो गई थी। सरकार का अनुमान था कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की कुल जीडीपी 5,60,845 करोड़ रुपए रहेगी। बता दूं यह आंकड़े कोरोना की दूसरी लहर से पहले के हैं। इन दो महीनों में आर्थिक नुकसान और हुआ है और अभी के हालातों पर नजर डालें तो कुछ साफ नही है।
आंकड़ो के हिसाब से 2019-20 में राज्य का घाटा 18942.39 करोड़ रुपए था वहीं 2020-21 में प्राथमिक घाटा 30899.42 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया था। राज्य के खनन राजस्व में 15.85% की कमी रही है। वित्त मंत्री ने बताया था कि कोरोना महामारी के चलते वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान पर्यटन क्षेत्र में बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।
वहीं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग सेक्टर को भी तगड़ा झटका लगा है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदेश में रजिस्टर्ड MSME उद्योगों की संख्या 2.98 लाख थी जो वर्ष 2019-20 में घट कर 2.88 लाख रह गई। खनिज से सरकार की आय में भी 27.4% की बड़ी कमी आई है। सरकार को 2019-20 में खनिज से 1798.3 करोड़ रुपए का राजस्व मिला जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह 2476.58 करोड़ था।
ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना की दूसरी लहर में करीब 50 दिन व्यापार बंद रहा है और अभी सब पटरी पर नही है इसमें कुछ समय लग सकता है। इतना जरूर है कि आर्थिक नुकसान तो सभी का हुआ ही है। इन सबसे पार पाने सरकार की क्या योजना है और कैसे सब होगा यह देखने वाली बात है इतना तय है नुकसान जनता और सरकार का हुआ ही है।
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