कटनी। परम पूज्य वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज जैन धर्मशाला कटनी में विराजमान हैं। श्री दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में प्रतिदिन प्रात: 8.45 बजे से मंगल प्रवचन होते हैं। 21 मार्च रविवार से जैन धर्म का महान नंदीश्वर अष्टानिका महापर्व प्रारंभ हो गया है जो 28 मार्च तक चलेगा। इस पर्व पर आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान ध्वजारोहण एवं घटयात्रा के साथ प्रारंभ हो गया है। ध्वजारोहण के उपरांत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय को मंगल उपदेश देते हुए कहा प्रत्येक घर में ध्वजा लगना चाहिए। अपने घर की बाउंड्री से कम से कम तीन-चार या पांच हाथ ऊंची ध्वजा होना चाहिए। ध्वजा लगाने से सुख, शांति, समृद्धि, निरोगता एवं पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
आचार्य श्री ने कहा प्रत्येक नारी को बिना बुलाए ही धर्म मंगलकारी घट यात्रा में ठीक वैसे ही जाना चाहिए जैसे बिना बुलाए सूचना मिलने पर पुरुष वर्ग मरघट यात्रा में जाते हैं। सिद्धचक्र महामंडल विधान में पात्रों का चयन किया गया। सौ.धर्मेंद्र बनने का सौभाग्य संजय कुमार नीता जैन को, श्रीपाल मैना सुंदरी मनीष कुमार रागनी जैन, कुबेर इंद्र चक्रेश कुमार संगीता जैन को, महायज्ञ नायक मनीष कुमार संगीता जैन, यज्ञ नायक सुनील जैन सोनू रानू जैन, महेंद्र इंद्र मनोज कुमार प्रीति जैन, को सौभाग्य प्राप्त हुआ। शांति धारा करने का सौभाग्य अजीत कुमार बर्धमान जैन एवं वीरेंद्र कुमार को प्राप्त हुआ। ध्वजारोहण करने का सौभाग्य सुभाष जैन चंद्रप्रभा एवं एडवोकेट आलोक जैन को प्राप्त हुआ।
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