कटनी - स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 से 24 नवम्बर तक विश्व एन्टीबायोटिक जागरुकता सप्ताह के रुप में मनाया जा रहा है। जागरुकता सप्ताह के समापन पर जिला चिकित्सालय कटनी के सभाकक्ष में मंगलवार को आयोजित मीडिया जागरुकता कार्यशाला में पत्रकारों को एन्टीबायोटिक दवाओं के अनियंत्रित उपयोग से दवाओं के बेअसर होने और इसके दुष्प्रभावों की जानकारी देकर जनजागरुकता लाने की अपील की गई।
मीडिया कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि एन्टीबायोटिक प्रतिरोध जलवायु परिवर्तन की तरह गंभीर समस्या के रुप में तेजी से उभर रहा है। एन्टीबायोटिक दवायें जब रोगाणुओं पर बेअसर हो जाती हैं, उस स्थिति में रोगाणुओं को खत्म करना मुश्किल हो जाता है। इसका मुख्य कारण एन्टीबायोटिक दवाओं का अत्याधिक उपयोग, एक साथ कई एन्टीबायोटिक दवाओं का सेवन, एन्टीबायोटिक दवाओं का निर्धारित मात्रा में कम डोज या कम दिन तक सेवन, अनावश्यक एन्टीबायोटिक दवाओं का उपयोग है। इसके अतिरिक्त पशुओं व कृषि के क्षेत्र में भी एन्टीबायोटिक दवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण एन्टीबायोटिक दवायें बेअसर होती जा रही हैं।
इस समस्या ने निजात पाने के लिये पूरे विश्वभर में व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में पूरे विश्व में एन्टीमाईक्रोबियल प्रतिरोध के कारण 7 लाख मौतें प्रतिवर्ष होती हैं। यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाये गये, तो यह आंकड़ा वर्ष2050 तक 1 करोड़ प्रतिवर्ष पहुंच सकता है। भविष्य में परिलक्षित होने वाले गंभीर परिणामों को देखते हुये मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत दो वर्षों से सतत् प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरुप विभाग द्वारा वर्ष 2018 में एन्टीबायोटिक पॉलिसी का निर्माण किया गया। इस पॉलिसी को स्वास्थ्य विभाग एवं एम्स भोपाल के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है। इस क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का विस्तार करते हुये अन्य विभागों जैसे वेटनरी, फूड एवं ड्रग, पशुपालन व डेयरी विभाग, कृषि विभाग को भी सम्मिलित करते हुये स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन्टीमाईक्रोबियल रेजिस्टेन्स की रोकथाम हेतु राज्यस्तरीय एक्शन प्लान का निर्माण किया गया है। जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में एन्टीबायोटिक दवाओं के अनियंत्रित उपयोग की रोकथाम, एन्टीबायोटिक दवाओं के उपयोग संबंधी विभागवार दिशा-निर्देश व विभिन्न स्टेकहोल्डर्स एवं जनसमुदाय में जागरुकता लाने रणनीति तैयार की जा रही है।
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