कटनी - राज्य शासन के निर्देशानुसार 15 नवम्बर 2020 को शहीद बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर प्रदेशव्यापी कार्यक्रमो के तहत रविवार को प्रातः 11 नगर निगम कार्यालय मे जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर शशिभूषण सिंह, निवर्तमान महापौर शशांक श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर नदीमा शीरी, एसडीएमबलवीर रमन, तहसीलदार मुनौव्वर खान, संदीप श्रीवास्तव, नगर निगम प्रभारी आयुक्त अशफाक परवेज की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जननायक शहीद बिरसा मुण्डा जी की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर उनकी शौर्यगाथा से कार्यालय स्थल पर उपस्थित जनसमान्य को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निवर्तमान महापौर शशांक श्रीवास्तव द्वारा जननायक बिरसामुण्डा को शत-शत नमन कर उनकी जीवनगाथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुंण्डा जी नें मात्र 25 वर्ष की आयु में ऐसा इतिहास रचा कि हम यहां पर उनकी याद करके उनके जीवन से प्रेरणा ले रहे है। बिरसा मुण्डा द्वारा पूरे जनजातीय समाज में इतना बडा आंदोलन खडा किया कि अंग्रेज सरकार की जडें हिल गई। जनजातीय समाज के लोग इन्हे भगवान स्वरूप मानते थें। उनका परिवार अत्यंत गरीब परिवार था, हिन्दू संस्कृति के प्रति उनका एक आदर्श था, उनके मन में अत्यधिक भक्तिभाव था। अंग्रेजो, जमीदारों सूदखोरों के अत्याचार के खिलाफ संपूर्ण समाज को संगठित करनें का कार्य किया। उन्होंने मात्र 25 वर्ष की उम्र में ही अंग्रेज सरकार के खिलाफ संघर्ष कर जल, जंगल और जमीन की लडाई लडते हुए ऐसी स्थिति निर्मित कर दी कि अंग्रेज सरकार ने परेशान होकर पांच सौ रूपये का ईनाम बिरसा मुंण्डा जी के उपर रखा। हमें भी उनकी जीवनगाथा से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कलेक्टर शशिभूषण सिंह नें सरकार द्वारा बिरसा मुण्डा जयंती मनानें के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान नई पीढी के लोग स्वतंत्रता संग्राम की कई बातों से अनभिज्ञ है। पुरानी पीढी के लोग जिन्होनें स्वतंत्रता संग्राम की विषम परिस्थितियों को देखा है, वो लोग ही समझ सकते है कि ऐसे महापुरूषों को नमन करना कितना आवश्यक है। जब स्वतंत्रता संग्राम में कई लोगों नें अपना योगदान देना शुरू किया, तो कई लोगों नें कम उम्र में ही अपना जीवन स्वतंत्रता की इस लडाई में झोक दिया। आदिवासी समाज, जनजातीय समाज, जंगल में रहनें वाले लोग भी किसी भी स्थिति में पीछे नहीं रहे है। जनजातीय समाज के साथ बिरसा मुण्डा जी ने आंदोलन खड़ा कर अलग-अलग क्षेत्रों में अंग्रजी हुकूमत कि खिलाफ झंडा बुलंद किया और स्वतंत्रता संग्राम में बढ चढकर हिस्सा लिया। रांची, शिंभुुम एवं झारखंड के लोग इनके योगदान को भली भांति समझते है इन क्षेत्रों के लोग बिरसा मुंडा जी को अपना आदर्श मानते है।
अंग्रजों का जब दमन चक्र चला, तो जितनें भी जनजातीय समाज के लोगों नें आवाज उठाई, तब आवाज को कुचलनें का प्रयास किया गया एवं कई अत्याचार भी किये गए। मूलरूप से जो उनके जंगल के अधिकार, भूमि के अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार पर दमनात्मक कार्यवाही किये जानें के कारण उन्हे जंगल जंगल छिपकर ही अपनें पूरे संगठन को एकत्रित कर स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कठिन मुकाबले भी किये। ऐसे मुकाबलों से पूरे देश में जो संदेश प्रसारित हुआ वो इतना व्यापक था कि कई समाज के लोग इससे जुड गये अंततः हमारा देश आजाद हुआ।
आज हमारा संविधान हमारे देश में रहनें वाले सभी नागरिकों को एक सम्भाव देता है एक समान अवसर देता है खासकर ऐसे लोगों को जो जनजातीय वर्ग के है जो समाजिक रूप से पिछडे वर्ग के है उनहे विशेष दर्जे देकर आरक्षण एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से उनकी सहभागिता सुनिश्चित करता है। यह सभी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की ही देन है एवं उसी रूप में हमारा संविधान निर्मित हुआ है। कलेक्टर श्री ने अपनें उद्बोधन में कहा कि आज बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर आप लोगों ने सहभागिता देकर बिरसा मुण्डा जी की जीवन गाथा के संबंध में विचार भी सुनें अपकी उत्कंठा जरूर जागी होगी कि हमे भी बिरसा मुण्डा जी की जीवनगाथा को जानना चाहिए। जिन क्षेत्रों में वे रहते थे, वहां अभी भी लोग उन्हे पूजते है। दीपावली के पर्व की बधाई देते हुए करोना संक्रमण से प्रसार से बचनें हेतु आवश्यक उपायों को अपनानें की अपील उपस्थित जनों से की।
कार्यक्रम के दौरान निवर्तमान मेयर इन काउन्सिल सदस्य विजय डब्बू रजक, गौरीशंकर पटैल, निवर्तमान पार्षद रजनी विष्णु केवट, कल्लू बाई, गीता मुरली रजक, साक्षी गोपाल साहू, शीला सुखदेव चौधरी, आशीष कंदेले, कमल केवट, दीपू कोल सहित बिरसा मुंण्डा वार्ड की मातृ शक्ती श्रीमती नेहा कोल, दीपिका बैगा, रोशनी कोल, कमला कोल, रेखा कोल, फूलबाई कोल, इतिया बाई, शमनी बाई, चम्मन बाई, तीरथ बर्मन, दीनू कोल, पल्लू पटैल सहित निगम के अधिकारियों कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
Comments
Post a Comment