कटनी। साल 2010 में बाकल क्षेत्र के ग्राम राजा सलैया में 200 वर्ष पुराने राधा कृष्ण मंदिर से एक प्राचीन कृष्ण भगवान की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। जो 10 साल बाद बरामद कर ली गई है। पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि मूर्ति को ग्राम चिरई थाना तेजगढ़ जिला दमोह के आरोपी विक्रम सिंह लोधी द्वारा चुराया गया है। सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने एसडीओपी स्लीमनाबाद पीके सारस्वत के निर्देशन में एक टीम बहोरीबंद थाना प्रभारी रेखा प्रजापति के नेतृत्व में बनाई जिसमें सहायक उप निरीक्षक दिनेश चौहान, प्रधान आरक्षक विक्रम सिंह, आरक्षक कोमल, अतुल श्रीवास्तव एवं शिव सिंह शामिल रहे। टीम के प्रयास पर संदेही से दमोह जाकर पूछताछ में पता चला कि वह सन 2009 में दमोह के ही रहने वाले अपने फूफा इंद्र कुमार लोधी के साथ रिश्ते की नानी के घर बाकल क्षेत्र के गांव राजा सलैया आया था। इस दौरान दोनों मंदिर गए थे तब फूफा ने उसे मूर्ति देखने पर कीमत 10 करोड़ की बताई थी जिस पर उसे लालच आ गया था। 1 साल बाद वह ठंड के मौसम में फिर बाकल अपने फूफा के लड़के संजय लोधी के साथ मोटरसाइकिल से आया और उसकी मदद से मूर्ति चुरा कर ले गया था। इस बीच उसके फूफा को उस पर शक था कि मूर्ति उसी ने ही चुराई है इससे बचने उसने जबलपुर भेड़ाघाट से कृष्ण की संगमरमर की नीले रंग और राधा जी की सफेद रंग की मूर्ति 14000 में खरीदी थी ताकि दिखाने को हो जाए यही संगमरमर की मूर्ति उसके पास है। बाद में फूफा ने बहोरीबंद थाने में शिकायत कर दी कि मूर्ति उसी ने चुराई है तब थाना तेजगढ़ की पुलिस को भी मूर्ति भेड़ाघाट से खरीदी है यही बताया था। तब पुलिस को भी विश्वास हो गया था और पकड़े जाने के डर से मूर्ति उसने बेची नहीं थी। अब 10 वर्ष बाद मूर्ति बरामद कर ली गई है जिसे 17 - 18 वीं शताब्दी की बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार इस मूर्ति की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये की है, पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम को पुरस्कृत किया जायेगा।
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