कटनी - जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत आगे की रणनीति के तहत नये प्रयोग और नवाचार अपनाते हुये कोरोना वायरस संक्रमण की प्रभावी रोकथाम करें। जिले में संदिग्ध संक्रमण की पहचान के लिये एक सप्ताह का विशेष अभियान चलायें। जबलपुर संभाग के कमिश्नर महेशचन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष कटनी में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। इस मौके पर कलेक्टर शशिभूषण सिंह, सीईओ जिला पंचायत जगदश चन्द्र गोमे, एसडीएम बलबीर रमन, सीएसपी शशिकांत शुक्ला, डिप्टी कलेक्टर नदीमा शीरी, संघमित्रा गौतम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 आर0बी0 सिंह, सिविल सर्जन डॉ0यशवंत वर्मा सहित आरआर टीम के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
कोविड-19 वायरस संक्रमण की रोकथाम की समीक्षा करते हुये कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि जिले में कोरोना वायरस संदिग्ध के लिये जा रहे सैम्पल की संख्या अपेक्षाकृत जिलो से कम है। सैम्पल की संख्या बढ़ाते हुये 150 से 200 सैम्पल प्रतिदिन लिये जायें। आईसीएमआर द्वारा रिजेक्ट किये गये सैम्पलों के आधार पर रिजेक्शन रेट को कम करने मानकों के अनुसार सावधानी पूर्वक सैम्पल लिये जायें। कमिश्नर ने कहा कि सैम्पल रिजेक्ट होने के कारणों का निदान करें और जवाबदेही भी सुनिश्चित करें।
कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि कटनी जिले में आरआर टीमों द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है। लेकिन सार्थक एप में रिर्पोटिंग नहीं होने से प्रगति प्रदर्शित नहीं हो रही है। आरआरटी के अधिकारी स्वयं या अपने ऑपरेटर के माध्यम से सार्थक एप का अधिकतम उपयोग कर एन्ट्री करायें। उन्होने आरआर टीमों का सार्थक एप के उपयोग संबंधी प्रशिक्षण पुनः एक बार आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि सैम्पल रिजेक्शन की दर शून्य पर लायें।
कमिश्नर ने रिजेक्शन और पॉजीटिविटी रेट के कारण एक्सपर्ट से जानते हुये कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर जोर देकर कोरेन्टाईन और आईसोलेशन की प्रक्रिया का दृढ़ता से पालन करायें। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों से पॉजीटिव प्रकरण ज्यादा मिल रहे हैं, उनकी वायरस प्रसार की श्रृंखला को कोरेन्टाईन और ट्रेसिंग से तोड़ने पर प्राथमिकता दें। ताकि उन क्षेत्रों में वायरस संक्रमण की प्रभावी रोकथाम हो सके।
कमिश्नर महेशचन्द्र चौधरी ने किल कोरोना अभियान की समीक्षा की। उन्होने कहा कि इस दौरान प्राप्त सभी 992 संदिग्ध के सैम्पल करायें। होम कोरेन्टाईन की संख्या बढ़ायें और संस्थागत कोरेन्टाईन के लिये संचालित कोविड केयर सेन्टर को उचित प्रबंध और खान पान की व्यवस्था के लिये पेड सर्विस के आधार पर प्राईवेट प्रबंधों को प्रमोट करें। कोविड हैल्थ सेन्टर में उचित उपचार की व्यवस्था रखें। दवाईयां एवं किट की सदैव उपलब्धता के लिये मांग प्रस्ताव समय पर भेजे जायें। कोविड केयर सेन्टर में सीसीटीवी कैमरा लगाकर मरीजों से बातचीत करें और उनकी सतत् निगरानी की जाये।
कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि संदिग्ध संक्रमितों की पहचान के लिये स्पेशल ड्राईव चलाकर कम से कम 2 हजार सैम्पल लिये जायें। उन्होने कहा कि संक्रमण के पीक समय में कोरोना पॉजीटिव केसों की संख्या बढ़ेगी। संख्या बढ़ने से भयभीत नहीं हों। बल्कि इनके प्रबंधन और निदान पर जोर दें। कमिश्नर श्री चौधरी ने 15 दिवस में सभी आवश्यक गतिविधियों में प्रगति लाने के निर्देश दिये। जिले की कोविड-19 नियंत्रण की समीक्षा की अगली बैठक 15 दिन बाद कमिश्नर स्वयं लेंगे।
सिविल सर्जन डॉ0 यशवंत वर्मा ने कोविड-19 प्रबंधन की आगामी रणनीति का पावर पॉईन्ट प्रेजेन्टेशन करते हुये बताया कि अब तक कुल 2890 सैम्पल जांच के लिये भेजे गये हैं। जिनमें 2715 सैम्पल की रिपोर्ट मिली है। 175 लंबित हैं। इन सैम्पल में 2365 निगेटिव, 147 पॉजीटिव केस मिले हैं। इनमें से 56 व्यक्ति स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुये हैं। जिले में एक्टिव केस की संख्या 88 है। विगत 14 जून के बाद से सैम्पल की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। जिले में 8 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। किल कोरोना अभियान में जिले के 14लाख 76 हजार व्यक्तियों की स्क्रीनिंग जांच की गई है। इनमें से सर्दी, खांसी, बुखार के संदिग्ध लक्षणों वाले 992 व्यक्ति चिन्हित हुये हैं। जिनमें से 548सैम्पल जांच हेतु भेजे गये हैं।
जिले में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी में बताया गया कि कोविड केयर सेन्टर के रुप में 10छात्रावासों के 518 आईसोलेशन बैड तैयार रखे गये हैं। जिला अस्पताल और विजयराघवगढ़ में कुल 150 ऑक्सीजन आपूर्ति के बैड हैं। 32 आईसीयू बैड, 14 वेन्टीलेटर जिले में उपलब्ध हैं।
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