कटनी - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों से चर्चा की। उन्होने प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत बनाने के आव्हान के मद्धेनजर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में स्वसहायता समूहों की महिलाओं से सशक्त और सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्वसहायता समूहों को सक्षम, सशक्त और आर्थिक रुप से समृद्ध बनाने कई योजनाओं के तहत गतिविधियां और बैंकों से सहायता भी दिलवाई जायेगी। उन्होने बताया कि प्रदेश के 1 करोड़ 3लाख स्कूली बच्चों की यूनीफॉर्म बनाने, टेकहोम राशन निर्माण और सप्लाई, मनरेगा के तहत नर्सरी, खेत तालाब, गौशाला, फलदार पेड़ लगाने के काम सहित लगभग 252 करोड़ रुपये के कार्य प्रतिवर्ष स्वसहायता समूहों के माध्यम से किये जायेंगे। इसके अलावा आदिवासी समूहों के आजीविका विकास के लिये 65 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। सिंगरौली में मुर्गीपालन, सब्जी उत्पादन की 12करोड़ की योजना स्वसहायता समूह के माध्यम से क्रियान्वित की जायेगी। प्रदेश में पुलिस विभाग के लिये आवश्यक 90 हजार पीपीई किट स्वसहायता समूह की महिलाओं से तैयार कराये जायेंगे। सात जिलों में महिला स्वसहायता समूहों को सैनीटरी निर्माण का कार्य भी सौंपा जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वसहायता समूहों की ली गई वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में चर्चा के दौरान कटनी एनआईसी में सीईओ जिला पंचायत जगदीश चन्द्र गोमे, एसीईओ गौरव पुष्प, परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन शबाना बेगम, रामसुजान द्विवेदी के अलावा सरस्वती स्वसहायता समूह चरी की शकुन बाई, आकांक्षा स्वसहायता समूह कारीपाथर की सुनीता हल्दकार, विन्ध्य वासिनी स्वसहायता समूह स्लीमनाबाद की अंजनी दुबे, दुर्गा स्वसहायता समूह सकरीगढ़ की ममता विश्वकर्मा, केशरी स्वसहायता समूह गुलवारा की गुजवती बर्मन, हिरवारा अष्टमी स्वहायता समूह की संगीता ढीमर, रामा स्वसहायता समूह छहरी की सरोज साहू, शक्ति स्वसहायता समूह गनियरी की आशा कोरी, जागृति स्वसहायता समूह बंडा की मंजूलता हल्दकार, खेरमाता स्वसहायता समूह बम्हनी की उर्मिला काछी और जय लक्ष्मी स्वसहायता समूह बन्डा की रोशनी हल्दकार भी उपस्थित रहीं।
स्वसहायता समूह आर्थिक रुप से सक्षम होंगे - शकुन बाई
मुख्यमंत्री के संबोधन को सुनने आई सरस्वती स्वसहायता समूह चरी की अध्यक्ष बैंक सखी शकुन बाई का कहना है कि सरकार द्वारा स्वसहायता समूहों को सिलाई, यूनीफॉर्म, टेकहोम राशन बनाने का जिम्मा देने से उन्हे काम के बेहतर अवसर और आमदनी बढ़ेगी। जिससे समूह में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और समूहों में समृद्धि तथा आर्थिक सक्षमता भी मिलेगी।
सैनीटरी नैपकिन की बेहतर मार्केटिंग होगी - सुनीता हल्दकार
ढीमरखेड़ा के आकांक्षा स्वसहायता समूह कारीपाथर की सुनीता हल्दकार बताती हैं कि उनका समूह सब्जी उत्पादन, किराना दुकान की गतिविधियों के अलावा सैनीटरी पैड निर्माण का काम भी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वसहायता समूहों को 7 जिलों में सैनीटरी पैड निर्माण का कार्य देने की बात कही है। उनके समूह को भी इसमें लाभ होगा। अभी कम मात्रा में समूह सैनीटरी नैपकिन बना रहा है। जब सरकारी ऑर्डर मिलेगा तो वृहद स्तर पर बनायेंगे। जिससे समूह के उत्पादन की मार्केटिंग की समस्या खत्म होगी और आर्थिक समृद्धि आयेगी।
जैविक क्षेत्र में भी सुविधा होगी - रोशनी हल्दकार
जय लक्ष्मी स्वसहायता समूह बन्डा की रोशनी हल्दकार ने बताया कि उनका समूह सब्जी उत्पादन और अपनी आवश्यकता अनुसार जैविक खाद बनाने की गतिविधियां चला रहा है। कृषि विभाग, हॉर्टीकल्चर में जैविक खाद की आपूर्ति स्वसहायता समूहों से होगी और मनरेगा के तहत फलोद्यान, खेत तालाब आदि के कार्य स्वसहायता समूहों से कराये जायेंगे तो समूहों द्वारा वृहद पैमाने पर जैविक खाद, कीटनाशक, केचुआ खाद बनाई जायेगी। इससे समूहों मे आत्मनिर्भरता और समृद्धि आयेगी।
Comments
Post a Comment