कटनी। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सतगुरू बाबा माधवशाह सतगुरू बाबा नारायणशाह साहिब जी का वर्सी महोत्सव परम श्रद्धेय सतगुरू सांई ईश्वरशाह साहिब जी के पावन सानिध्य में 9-10 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। यह पावन पर्व पूर्ण विदेही मुक्त सतगुरू साहिबान जिन्होंने मानव समाज को निष्काम समत्व भाव से रूहानियत का सच्चा मार्ग दिखाकर निजघर में वासा करा एक रूप होने की सोझी प्रदान की, ऐसे विदेही मुक्त सतगुरू बाबा नारायणशाह सतगुरू बाबा माधवशाह साहिब जी की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है।
इस पर्व में रूहानियत की अद्भुत निधियां स्वतः बरसती हैं जिसका लाभ प्राप्त करने, देश-विदेश से संगतें प्रतिवर्ष हरे माधव दरबार माधव नगर, कटनी पधारती है। सुपात्र श्रद्धालु अमृत वर्षा का लाभ प्राप्त कर सेवा द्वारा अपने विकारों को त्यागते हैं, सत्संग के माध्यम से अंतर निर्मल कर शुद्ध चैतन्य विचारों को ग्रहण कर सतगुरू जी से प्राप्त अमृत तत्व नाम के सिमरन ध्यान से हरे माधव चैतन्य नूर का निज अनुभव पाते हैं। हरे माधव सत्संग की अमृत वर्षा कर आपजी ने फरमाया -
आत्मा सत्य स्वरूप परमात्मा का अंश होते हुए भी अपनी असलता से विमुख हो गई है उसमें न वह ज्ञान, न वह बंदगी और न ही निर्मलता है, काल के प्रभाव में आ अपने निज स्वरूप को विसार मन-माया के फैलाए जाल से विकारों एवं चौरासी के फंदे में कैद है, पूरण सतगुरू आत्मा को असलता से परिचय करा उसके निज स्वरूप की पहचान बताते हैं और काल माया के फैलाये जाल से निकलने का सत्य पथ, रूहानी सोझी देते हैं जिसका आत्मसात् कर आत्मा अपने सत्स्वरूप की पहचान कर पाती है।
सतगुरू जी समझाते हैं कि आत्मा को परमात्मा में मिलने से देरी, कठिनाई, उलझन इसलिए है कि वह बाहरमुखी हो। मनमत के कर्म करती है, अंशी ने अपने निज अंश से दूर होकर स्व को बाहरमुखी लाग-लपेट में फंसा लिया है देही को अपना मान, ये मेरा, वो तेरा जो अपना है ही नहीं, नाश्वंत है उससे प्रेम कर दुखी रहती है और जो सदा कायम-दायम रहने वाला अविनाशी तत्व है उस अंतरमुखी राह की ओर जीवात्मा का रूख ही नहीं। है समय के पूरण सतगुरू सत्संग वचनों से नसीहत देते है कि जीवात्मा न्यारे प्रभु परमात्मा की विसाल सम्मुखता के भाव रखे प्रभु का कायदा भी है कि रूह पूरे कमाई वाले सतगुरू से जुड़कर अविनाशी परम तत्व की शाश्वत शूरवीरता का गौरव आनंददायक अमृत प्राप्त कर सकती है। आत्म रूह भक्ति के बिना निर्बल असहाय है अंधकारमय मायाजाल में गोते खा रही है पूरण सतगुरू सेवा सत्संग सिमरन-ध्यान के द्वारा जीवात्मा को आत्मिक उर्जा प्रदान कर प्रकाशमय पथ प्रदान करते है। सतगुरू वचनों के अमृत प्रकाश से जीवात्मा का सत्यपथ सरल-सहज हो जाता है और सतगुरू युक्ति से अमृत आनंदमय निज घर में प्रवेश का गौरव पा सकती है।
आप अमृत वचनों द्वारा सत्यता का मार्ग उजाकर करते और प्रत्येक सेवा क्षेत्र में पहुंच सेवादारों को नवउर्जा प्रदान करते नवउर्जा प्राप्त सेवादार उत्साह उमंग से रूहानियम के अनेक लाभ प्राप्त करते है। वर्सी महोत्सव के पावन शुभअवसर पर लगभग 50 सामाजिक संगठन समितियां संस्थाओं के साथ-साथ पुलिस प्रशासन विद्युत मण्डल एवं रेल्वे प्रशासन भी सेवा में सम्मलित हुए है रेल्वे द्वारा माधव नगर रोड रेल्वे स्टेशन पर रूकने वाली यात्री गाड़ियों के अलावा 10 ट्रेनों के 4 दिन ठहराव की अतिरिक्त प्रकाश एवं स्वच्छता के लिए व्यवस्था की जाती है और वर्सी महोत्सव परिसर में टिकट आरक्षण एवं साधारण टिकटों की बिक्री का स्टाल लगाया जाता है।
अनेक प्रशासनिक विभाग अपनी-अपनी सेवा वर्सी महोत्सव में प्रदान करते एवं अपने-अपने स्टाल लगाते। आस-पास के कस्बों, नगरों से व्यापारी आते अपने दुकान लगाते मेला भरता जहां झूले, सर्कस नाश्ते के स्टाल लगा अतिरिक्त व्यापार करते है असल मेला हरे माधव दरबार परिसर में लगता जहां सेवा सत्संग सिमरन ध्यान दर्शन का सच्चा सौदा मिलता है सच्चा व्यापार होता है सच्ची सिद्धी मिलती जो जीवन मुक्त अवस्था प्रदान करती है आत्मा को असल खुराक भी पूरण सतगुरू की साथ-संगत में मिलती है उस रहमत भरे मेले की महिला अवर्णनीय है।
दादा ताराचंद पेसवानी, दादा रामचंद्र रीझवानी, क्षेत्रीय विधायक संदीप जायसवाल, जबलपुर केंट विधायक अशोक रोहाणी, बहोरीबंद विधायक प्रणव पांडेय, पीताम्बर टोपनानी, पद्मा शुक्ला, चमनलाल आनंद, मिथलेश जैन, रामरतन पायल, राजा चौरसिया, सुजीत द्विवेदी, टिल्लू निचलानी, सोनू बछवानी, मारूफ अहमद हनफी, मौसूम अहमद बिट्टू, हाजी पापा, दादा गंगाराम कटारिया, करमचंद असरानी, दादा झमटमल ठारवानी, अनिल चोटरानी, कारा बहरानी, देवानंद आसरानी, लालचंद कारड़ा, भगवान दास टिलवानी, अशोक सेवलानी, अशोक कारड़ा, प्रीतम रीझवानी, मोहनलाल लधवानी, शंकर मीहानी, लाम्बा जी, देवीदास थावानी, अशोक वीरवानी, ईश्वर बहरानी, वरुमल वाधवानी, संजय पोहानी, दिनेश जैसवानी, पिंकेश शीतलानी, हितेश राजपाल, लख्मीचंद डोडानी, ब्रम्हानंद वलेचा सहित अनेक सेवादार भी मौजूद रहे।
इस पर्व में रूहानियत की अद्भुत निधियां स्वतः बरसती हैं जिसका लाभ प्राप्त करने, देश-विदेश से संगतें प्रतिवर्ष हरे माधव दरबार माधव नगर, कटनी पधारती है। सुपात्र श्रद्धालु अमृत वर्षा का लाभ प्राप्त कर सेवा द्वारा अपने विकारों को त्यागते हैं, सत्संग के माध्यम से अंतर निर्मल कर शुद्ध चैतन्य विचारों को ग्रहण कर सतगुरू जी से प्राप्त अमृत तत्व नाम के सिमरन ध्यान से हरे माधव चैतन्य नूर का निज अनुभव पाते हैं। हरे माधव सत्संग की अमृत वर्षा कर आपजी ने फरमाया -
आत्मा सत्य स्वरूप परमात्मा का अंश होते हुए भी अपनी असलता से विमुख हो गई है उसमें न वह ज्ञान, न वह बंदगी और न ही निर्मलता है, काल के प्रभाव में आ अपने निज स्वरूप को विसार मन-माया के फैलाए जाल से विकारों एवं चौरासी के फंदे में कैद है, पूरण सतगुरू आत्मा को असलता से परिचय करा उसके निज स्वरूप की पहचान बताते हैं और काल माया के फैलाये जाल से निकलने का सत्य पथ, रूहानी सोझी देते हैं जिसका आत्मसात् कर आत्मा अपने सत्स्वरूप की पहचान कर पाती है।
सतगुरू जी समझाते हैं कि आत्मा को परमात्मा में मिलने से देरी, कठिनाई, उलझन इसलिए है कि वह बाहरमुखी हो। मनमत के कर्म करती है, अंशी ने अपने निज अंश से दूर होकर स्व को बाहरमुखी लाग-लपेट में फंसा लिया है देही को अपना मान, ये मेरा, वो तेरा जो अपना है ही नहीं, नाश्वंत है उससे प्रेम कर दुखी रहती है और जो सदा कायम-दायम रहने वाला अविनाशी तत्व है उस अंतरमुखी राह की ओर जीवात्मा का रूख ही नहीं। है समय के पूरण सतगुरू सत्संग वचनों से नसीहत देते है कि जीवात्मा न्यारे प्रभु परमात्मा की विसाल सम्मुखता के भाव रखे प्रभु का कायदा भी है कि रूह पूरे कमाई वाले सतगुरू से जुड़कर अविनाशी परम तत्व की शाश्वत शूरवीरता का गौरव आनंददायक अमृत प्राप्त कर सकती है। आत्म रूह भक्ति के बिना निर्बल असहाय है अंधकारमय मायाजाल में गोते खा रही है पूरण सतगुरू सेवा सत्संग सिमरन-ध्यान के द्वारा जीवात्मा को आत्मिक उर्जा प्रदान कर प्रकाशमय पथ प्रदान करते है। सतगुरू वचनों के अमृत प्रकाश से जीवात्मा का सत्यपथ सरल-सहज हो जाता है और सतगुरू युक्ति से अमृत आनंदमय निज घर में प्रवेश का गौरव पा सकती है।
आप अमृत वचनों द्वारा सत्यता का मार्ग उजाकर करते और प्रत्येक सेवा क्षेत्र में पहुंच सेवादारों को नवउर्जा प्रदान करते नवउर्जा प्राप्त सेवादार उत्साह उमंग से रूहानियम के अनेक लाभ प्राप्त करते है। वर्सी महोत्सव के पावन शुभअवसर पर लगभग 50 सामाजिक संगठन समितियां संस्थाओं के साथ-साथ पुलिस प्रशासन विद्युत मण्डल एवं रेल्वे प्रशासन भी सेवा में सम्मलित हुए है रेल्वे द्वारा माधव नगर रोड रेल्वे स्टेशन पर रूकने वाली यात्री गाड़ियों के अलावा 10 ट्रेनों के 4 दिन ठहराव की अतिरिक्त प्रकाश एवं स्वच्छता के लिए व्यवस्था की जाती है और वर्सी महोत्सव परिसर में टिकट आरक्षण एवं साधारण टिकटों की बिक्री का स्टाल लगाया जाता है।
अनेक प्रशासनिक विभाग अपनी-अपनी सेवा वर्सी महोत्सव में प्रदान करते एवं अपने-अपने स्टाल लगाते। आस-पास के कस्बों, नगरों से व्यापारी आते अपने दुकान लगाते मेला भरता जहां झूले, सर्कस नाश्ते के स्टाल लगा अतिरिक्त व्यापार करते है असल मेला हरे माधव दरबार परिसर में लगता जहां सेवा सत्संग सिमरन ध्यान दर्शन का सच्चा सौदा मिलता है सच्चा व्यापार होता है सच्ची सिद्धी मिलती जो जीवन मुक्त अवस्था प्रदान करती है आत्मा को असल खुराक भी पूरण सतगुरू की साथ-संगत में मिलती है उस रहमत भरे मेले की महिला अवर्णनीय है।
दादा ताराचंद पेसवानी, दादा रामचंद्र रीझवानी, क्षेत्रीय विधायक संदीप जायसवाल, जबलपुर केंट विधायक अशोक रोहाणी, बहोरीबंद विधायक प्रणव पांडेय, पीताम्बर टोपनानी, पद्मा शुक्ला, चमनलाल आनंद, मिथलेश जैन, रामरतन पायल, राजा चौरसिया, सुजीत द्विवेदी, टिल्लू निचलानी, सोनू बछवानी, मारूफ अहमद हनफी, मौसूम अहमद बिट्टू, हाजी पापा, दादा गंगाराम कटारिया, करमचंद असरानी, दादा झमटमल ठारवानी, अनिल चोटरानी, कारा बहरानी, देवानंद आसरानी, लालचंद कारड़ा, भगवान दास टिलवानी, अशोक सेवलानी, अशोक कारड़ा, प्रीतम रीझवानी, मोहनलाल लधवानी, शंकर मीहानी, लाम्बा जी, देवीदास थावानी, अशोक वीरवानी, ईश्वर बहरानी, वरुमल वाधवानी, संजय पोहानी, दिनेश जैसवानी, पिंकेश शीतलानी, हितेश राजपाल, लख्मीचंद डोडानी, ब्रम्हानंद वलेचा सहित अनेक सेवादार भी मौजूद रहे।
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