कटनी - कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने कहा कि कटनी जिले की पहचान औद्योगिक जिले के रुप में होती है। स्वीट कॉर्न और उद्यानिकी फसलों के अलावा औषधीय पौधों की खेती बढ़ने से खाद्य प्रसंस्करण और औषधि निर्माण उद्यमों की जिले में स्थापना की विपुल संभावनायें बन रही हैं। राज्य शासन की औद्योगिक नीतियों से उद्योग स्थापना का फ्रेण्डली वातावरण और सुविधायें मौजूद हैं। अक्टूबर माह में इन्दौर में होने वाली इन्वेस्टर मीट में जिले के उद्यमी भी हिस्सा लेकर औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करने के प्रयास करें। इस आशय के विचार कलेक्टर ने बुधवार को जिलास्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक में व्यक्त किये। इस मौके पर मध्यप्रदेश लघु उद्योग संघ के पदाधिकारी सुधीर मिश्रा, मनीष गेई तथा जिले के उद्यमी संजय अग्रवाल, आशीष पाण्डे, अरुण सोनी, झम्मटमल ठारवानी, ईश्वर रोहरा, रामहित सोनी, महाप्रबंधक उद्योग अजय श्रीवास्तव, एकेवीएन के महाप्रबंधक श्री चक्रवर्ती, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के श्री भदौरिया भी उपस्थित थे।
जिलास्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक में औद्योगिक क्षेत्र लमतरा, बरगवां, अमकुही और टिकरिया तखला सहित माधवनगर उद्योग क्षेत्र के विकास सुविधाओं एवं स्थानीय समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। इसी प्रकार सदस्यों से उद्योग के संवर्धन हेतु सुझाव, लघु उद्योग नीति में आ रही कठिनाईयों के निदान और स्थानीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण पर चर्चा की गई। कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के स्वयं निरीक्षण के दौरान प्रकाश में आई समस्याओं का निदान किया जा रहा है। लमतरा में विद्युत आपूर्ति ट्रिपिंग की समस्या के लिये बरगवां और लमतरा औद्योगिक क्षेत्र में एक लाईन मैन की ड्यूटी लगाई गई है। अतिक्रमण, पेयजल, स्वच्छता संबधी समस्या के निदान की कार्यवाही की गई है। उन्होने कहा कि जिले में स्थापित दाल मिलों को कच्चा माल दूसरे जिले से मंगाना पड़ता है। जिले के किसानों को दलहन के उत्पादन की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता हो सके। संवर्धन बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने कटनी जिले के चूना उद्योग को पुर्नजीवित करने चूना और क्रेशर क्षेत्र को क्लस्टर के रुप में अधिसूचित करने, खाद्यान्न की गुणवत्ता के मानदण्ड निर्धारण राईस मिलों और दाल मिलों की नीतिगत समस्याओं, औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर लाईन, आवारा पशुओं को प्रतिबंधित करने सहित औद्योगिक क्षेत्र की यूटिलिटी संबंधी रिक्त भूमि पर जनभागीदारी से गार्डन, पार्क आदि विकसित करने संबंधी सुझाव प्रस्तुत किये गये।
Comments
Post a Comment