कटनी - सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन और शासन के मार्गदर्शी नियमों, मानदण्डों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने दिये हैं। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों और प्राईवेट स्कूलों के प्रबंधकों, संचालकों की संयुक्त बैठक में कलेक्टर ने स्कूलों में किये गये सुरक्षा प्रबंधों की जानकारी ली। इस मौके पर जिला परिवहन अधिकारी एन0डी0मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी एस0एन0 पाण्डेय, ट्रेफिक इन्चार्ज राघवेन्द्र भार्गव भी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। राज्य शासन के बच्चों की सुरक्षा के संबंध में दिये गये सुरक्षा के मापदण्डों एवं निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। स्कूल बसों में वाहन की रजिस्ट्रेशन, बीमा, ड्रायवर लाईसेन्स और परमिट वैद्य होना चाहिये। सुरक्षा के लिहाज से बसों में दो निकास द्वार होने चाहिये और सीसीटीव्ही कैमरा भी लगे रहना चाहिये। बसों और ऑटो, वैन के ड्राईवर व कन्डक्टर का पुलिस सत्यापन सहित नाम, मोबाईल नम्बर की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी और परिवहन अधिकारी को उपलब्ध करायें। सभी स्कूलों में संलग्न वाहनों द्वारा बच्चों को लेने और उन्हें छोड़ने के स्थान निर्धारित होने चाहिये। सभी स्कूल संचालक अपने मुख्य द्वार और बच्चों को बसों, ऑटो, वैन से उतारने के स्थान पर सीसीटीव्ही कैमरे लगवायें।
कलेक्टर ने कहा कि स्कूल बसों, वैन और ऑटो में निर्धारित सीट क्षमता के अनुसार ही बच्चों को लायें और ले जायें। ओव्हर लोडिंग कतई नहीं की जाये। उन्होने आरटीओ और ट्रैफिक इन्चार्ज को स्कूली बसों, ऑटो, वैन में ओव्हर लोडिंग और परमिट, लाईसेन्स, बीमा तथा सुरक्षा मानकों की जांच के लिये स्पेशल ड्राईव चलाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि स्कूल संचालक प्राईवेट रुप से ऑटो, वाहन से स्कूल आने वाले बच्चों के वाहनों और ड्राईवरों के बारे में जानकारी रखें। आरटीओ ने बताया कि ऑटो रिक्शा में 12 वर्ष से अधिक उम्र के 3 व्यक्ति और 12 वर्ष तक उम्र के 5बच्चों के लिये परमिट जारी किया जाता है। उन्होने कहा कि ऑटो एवं स्कूल वाहन का पंजीयन, बीमा, परमिट और चालक का लाईसेन्स वैद्य होना चाहिये।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया विगत सत्र में सभी स्कूल संचालकों, प्रबंधकों के माध्यम से स्कूल वाहन चालकों का ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण कराया गया है। सभी स्कूलों में पीटीए और अभिभावक शिक्षक समितियों को सक्रिय करें तथा बच्चों के अभिभावकों के सम्पर्क में रहकर बच्चों की सुरक्षा संबंधी मानदण्डों के पालन के प्रति सजग रहें।
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