कटनी - मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के अन्तर्गत पात्र हरी सूची और सफेद सूची के ऋण माफी योग्य किसानों के फसल ऋण माफी योजना में आवेदन 15 जनवरी के बाद ग्राम पंचायतों में प्राप्त किये जायेंगे। इस आशय की जानकारी कलेक्टर केवीएस चौधरी ने ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत में शुक्रवार को सम्पन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में दी। इस मौके पर जिला पंचायत के सीईओ फ्रेंक नोबल ए, एसडीएम देवकीनन्दन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय, परियोजना अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, मृगेन्द्र सिंह, जनपद सीईओ प्रदीप कुमार भी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री चौधरी ने सचिव, ग्राम रोजगार सहायक और जनपद स्तरीय अधिकारियों को मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना की विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक से प्राप्त 31 मार्च 2018की स्थिति में बकाया एवं एनपीए कालातीत ऋण के बकायादार पात्र किसानों की हरी एवं सफेद सूची ग्राम पंचायत तथा बैंक शाख में 15 जनवरी से प्रदर्शित की जायेगी। सूची प्रकाशन के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय में हरे एवं सफेद फॉर्म में ऑफलाईन आावेदन प्राप्त किये जायेंगे। दावा आपत्ति वाले किसान गुलाबी फॉर्म में आवेदन करेंगे। 26 जनवरी को ग्राम सभा की बैठक में तीनों किस्मों के आवेदन हरे, सफेद और गुलाबी की जानकारी दी जायेगी। जो किसान 26 जनवरी तक आवेदन जमा नहीं कर पायेंगे, उन्हें 5 फरवरी तक जमा करने की मोहलत दी जायेगी। उन्होने कहा कि 15 जनवरी से 5 फरवरी तक सभी ग्राम पंचायतों के कार्यालय खुले रखकर किसानों के आवेदन भराये जायें।
जनपदस्तरीय समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने अपूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्र और पीडीएस भवन निर्माण की समीक्षा की। बताया गया कि ढीमरखेड़ा जनपद में 61 आंगनबाड़ी केन्द्र भवन, 475.80 लाख रुपये के स्वीकृत हैं। जिनमें 47 प्रगतिरत और 3 अप्रारंभ हैं। कलेक्टर ने अप्रारंभ 3 आंगनबाड़ी केन्द्र धरवारा, गुढ़ा और खमरिया में तत्काल बाधायें हटाकर निर्माण प्रारंभ करने केनिर्देश दिये। कलेक्टर ने ढीमरखेड़ा और सेहलावन सेक्टर में सुपोषण के विशेष कार्ययोजना सहित जनपद की परियोजना में सुपोषण की स्थिति की समीक्षा की। बताया गया कि जनपद में अतिकम वजन के 432 बच्चे हैं। कलेक्टर ने स्नेह सरोकार अभियान के तहत ग्राम पंचायत के अतिकम वजन के बच्चों की विशेष निगरानी करने के निर्देश दिये। इस मौके पर उन्होने ग्रामीण विकास की योजनाओं, मनरेगा, श्रमिक नियोजन, प्रधानमंत्री आवास आदि की समीक्षा की।
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