( मुरली पृथ्यानी ) कांग्रेस मुक्त भारत का सपना बेकार की बात ही लगती है अब शायद यह यहीं खत्म हो जाए। 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस 44 सीटों तक सीमित रह गई थी लेकिन उस चुनाव में भी 10. 7 करोड़ वोट हासिल किए थे और बीजेपी को 17 करोड़ वोट मिले थे। इतिहास में सबसे खराब पराजय के समय भी कांग्रेस के पास 10 करोड़ से ज्यादा वोट थे। 2014 के बाद सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई और आरबीआई के विवादों ने मोदी सरकार की छवि को चोट पहुंचाई है। इससे भाजपा की छवि कठोर पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई और मतदाता को यह अच्छा नहीं लगता।वह नेताओं के अहंकार को बर्दाश्त नहीं करता, ना ही गलत शब्दों को नेताओं द्वारा बोलना ही पसंद करता है। पिछले दिनों हुए प्रदेशों के चुनाव प्रचार में विधवा, अली, बजरंगबली टाइप का प्रचार भी जनता को नागवार गुजरा जबकि 2014 में मतदाताओं ने भाजपा को शानदार जीत दिलाई थी तब जनता को अच्छे दिन और विकास का सकारात्मक वादा खूब पसंद आया था। 2014 में लोगों को आशा जगी थी, लोग उम्मीद में रहे उनके अच्छे दिन आएंगे, महंगाई कम होगी, भ्रष्टाचार खत्म होगा। इससे बंटे हुए वोट एक मुश्त भाजपा को इसलिए ही मिले थे। इस जीत के बाद से ही लगातार राहुल गांधी को मजाक के रूप में लेना भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारी पड़ गया जबकि इन चुनाव में वह और उभर कर सामने आ गए। राहुल गांधी अधिक विनम्र और सकारात्मक नजर आए, इन चुनाव के बाद से 2019 की राह अब 2014 जैसी नहीं लगती। जो वोट भाजपा को मिले थे उसके मतदाता छिटके हुए लगते हैं। भाजपा के पास अभी भी रास्ता बचा है क्योंकि पराजित पराजय से ज्यादा सीखता है। लोगों की तकलीफें दूर करनी होगी मध्यम वर्ग को भी विशेष ध्यान रखना होगा, विरोध में कोई आवाज उठती है तो उसे विनम्रता से सुनना होगा। विकास और अच्छे दिन के नारों को जमीन में उतारना होगा क्योंकि अब समय बहुत कम बचा है लेकिन इतना जरूर है कि अब 2014 जैसा कुछ नहीं होने वाला। जनता सब को तराजू में तौलती है, जो उसे सहज सरल लगेगा उसे चुन लेगी। भाजपा के लिए कठोर सबक राज्यों के परिणामों में छिपा हुआ है जो सीख ले और उसे फिर चरित्रार्थ करे, बस उसका काम बन गया।
कटनी ( प्रबल सृष्टि ) शनिवार 3 अगस्त और रविवार 4 अगस्त की दरमियानी रात को कटनी जिले में भारी और लगातार बारिश हुई है जिसका पानी कई निचले क्षेत्रों में भर गया है इस वजह से प्रशासन द्वारा राहत और बचाव के कार्य भी जारी हैं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें माधव नगर स्थित रॉबर्ट लाईन क्षेत्र से भी सामने आईं हैं जहां बारिश का पानी दाल मिलों के अंदर तक घुस गया था जिसकी वजह से भारी नुकसान होना बताया जा रहा है। जानकारी अनुसार शंकर दाल उद्योग और जय भोले शंकर इंडस्ट्रीज में पानी भर गया था जिससे नुकसान होना दयालदास पंजवानी द्वारा बताया जा रहा है।
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