कटनी - मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक का आयोजन शनिवार को कलेक्टर केवीएस चौधरी की अध्यक्षता में हुआ। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में इस अभियान के उद्देश्य एवं जिलेभर में मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्लानिंग की गई। जिले में इस अभियान का प्रारंभ 24 जनवरी से होगा। जो कि चार हफ्तों में निर्धारित क्रमानुसार जिलेभर में संचालित किया जायेगा। 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को मीजल्स और घातक बीमारियों से बचाने के लिये रुबेला-मीजल्स टीकाकरण (एमआर वैक्सीन) अभियान आयोजित किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों, शासकीय व अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को इस अभियान के अंतर्गत एमआर का टीका लगाया जायेगा। इस अभियान को लेकर कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिक्षकों, आंगनवाडी एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले को स्कूल वार बच्चों का डाटा और उक्त डाटा के आधार पर वेक्सीनेशन हेतु रोस्टरवार प्लानिंग निर्धारित समयावधि में अनिवार्य रूप से तैयार की जाए। उन्होने शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले को उक्त अभियान के सफल क्रियान्वियन के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। साथ ही पूरे अभियान के लिए पर्याप्त टीम के साथ-साथ वैक्सीनेशन हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मीजल्स या खसरा भी घातक बीमारी है। मीजल्स स्वयं इतना खतरनाक नहीं है, जितने इसके दुष्परिणाम जैसे अंधापन, मस्तिष्क में सूजन,निमोनिया और डायरिया। पीडि़त बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। कई बार बच्चे की मृत्यु तक हो जाती है। पूरे विश्व में मीजल्स से होने वाली 30प्रतिशत बाल मृत्यु भारत में होती है। इन दोनों घातक बीमारियों को एम.आर. वैक्सीन (मीजल्स-रुबेला टीका) से रोका जा सकता है। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0एस0के0 निगम, सिविल सर्जन डॉ0 एस0के0 शर्मा, सहित डीपीसी, बीएमओं, बीईओ, बीआरसी सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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