(मुरली पृथ्यानी) जनता के पास 5 साल बाद फिर चुनाव का मौका आया है. मतदान करके वह अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी और प्रदेश में सरकार बनाएगी, जब चुनाव आने लगते हैं तो राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए वादे करते हैं, और जनता की पूछ परख बढ़ जाती हैं, हाथ जोड़ उनके द्वार नेता पहुंचने लगते हैं.
इस बार प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी कसौटी है यह चुनाव वहीं कांग्रेस के लिए करो या मरो वाली स्थिति है. भाजपा जहां अपने 15 साल की सरकार के काम जनता के बीच में रख रही है तो कांग्रेस भी बड़े-बड़े वादे कर रही है. यह चुनाव स्थानीय स्तर पर होते हैं इसलिए दलों से ज्यादा जनता उसे चुनती है जो उनके सुख-दुख में साथ खड़ा होता है. इस बार कटनी की चारों विधानसभा के लिए भी यह चुनाव महत्वपूर्ण सिद्ध होगा, भाजपा ने मुड़वारा सीट से विधायक संदीप जायसवाल पर फिर विश्वास जताया है तो कांग्रेस ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष मिथिलेश जैन को टिकट दिया. आप पार्टी भी अपना भाग्य आजमा रही है. विजयराघवगढ़ में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई पदमा शुक्ला प्रत्याशी हैं तो भाजपा ने मंत्री संजय पाठक पर ही भरोसा जताया है यहां भी मुख्य मुकाबला दोनों के बीच में जान पढ़ता है. बड़वारा बहोरीबंद सीटों में भी मुकाबला दोनों प्रमुख पार्टियों का ही दिखाई पड़ रहा है,चारो विधानसभा में अन्य और भी प्रत्याशी हैं जो जनता का भरोसा जीतने में लगे हैं, दोनों ही दलों से अन्य लोग भी दावेदार थे लेकिन जिन्हे टिकट नहीं मिली है वह ऐसे में अंदर ही अंदर क्या गुल खिलाते हैं यह चुनाव परिणाम बाद ही पता चलेगा.
अब जनता की बात उसे क्या मिलेगा ? उसे मिलेगी सरकार जिसमें रोज रोज फिर वह कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती, अपने प्रतिनिधि पर कुछ हद तक कार्यों के लिए दबाव बना सकती है लेकिन यह भी देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार किस प्रकार जनता के लिए काम करती है. ऐसे में इस चुनाव में जनता पर ज्यादा जिम्मेदारी है कि वह कैसे जनप्रतिनिधि चुनती है जो सही मायने में उनकी सेवा करते हैं. मतदान ज्यादा से ज्यादा करवाने के लिए चुनाव आयोग के प्रतिनिधि भी खूब सक्रिय है. अब मौका है तो जनता ज्यादा से ज्यादा मतदान कर अपना भाग्य 5 साल के लिए सुरक्षित कर ले, यह चुनाव की बेला रोज रोज नहीं आती. जागरूकता, सोच विचार की ज्यादा आवश्यकता है आखिर लोकतंत्र का जो सवाल है.
इस बार प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी कसौटी है यह चुनाव वहीं कांग्रेस के लिए करो या मरो वाली स्थिति है. भाजपा जहां अपने 15 साल की सरकार के काम जनता के बीच में रख रही है तो कांग्रेस भी बड़े-बड़े वादे कर रही है. यह चुनाव स्थानीय स्तर पर होते हैं इसलिए दलों से ज्यादा जनता उसे चुनती है जो उनके सुख-दुख में साथ खड़ा होता है. इस बार कटनी की चारों विधानसभा के लिए भी यह चुनाव महत्वपूर्ण सिद्ध होगा, भाजपा ने मुड़वारा सीट से विधायक संदीप जायसवाल पर फिर विश्वास जताया है तो कांग्रेस ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष मिथिलेश जैन को टिकट दिया. आप पार्टी भी अपना भाग्य आजमा रही है. विजयराघवगढ़ में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई पदमा शुक्ला प्रत्याशी हैं तो भाजपा ने मंत्री संजय पाठक पर ही भरोसा जताया है यहां भी मुख्य मुकाबला दोनों के बीच में जान पढ़ता है. बड़वारा बहोरीबंद सीटों में भी मुकाबला दोनों प्रमुख पार्टियों का ही दिखाई पड़ रहा है,चारो विधानसभा में अन्य और भी प्रत्याशी हैं जो जनता का भरोसा जीतने में लगे हैं, दोनों ही दलों से अन्य लोग भी दावेदार थे लेकिन जिन्हे टिकट नहीं मिली है वह ऐसे में अंदर ही अंदर क्या गुल खिलाते हैं यह चुनाव परिणाम बाद ही पता चलेगा.
अब जनता की बात उसे क्या मिलेगा ? उसे मिलेगी सरकार जिसमें रोज रोज फिर वह कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती, अपने प्रतिनिधि पर कुछ हद तक कार्यों के लिए दबाव बना सकती है लेकिन यह भी देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार किस प्रकार जनता के लिए काम करती है. ऐसे में इस चुनाव में जनता पर ज्यादा जिम्मेदारी है कि वह कैसे जनप्रतिनिधि चुनती है जो सही मायने में उनकी सेवा करते हैं. मतदान ज्यादा से ज्यादा करवाने के लिए चुनाव आयोग के प्रतिनिधि भी खूब सक्रिय है. अब मौका है तो जनता ज्यादा से ज्यादा मतदान कर अपना भाग्य 5 साल के लिए सुरक्षित कर ले, यह चुनाव की बेला रोज रोज नहीं आती. जागरूकता, सोच विचार की ज्यादा आवश्यकता है आखिर लोकतंत्र का जो सवाल है.
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