कटनी। 22 सितंबर की रात 10 बजे कोतवाली के मिशन चौक क्षेत्र स्थित बस स्टॉप में एक बोरे में बंद मिली महिला की लाश की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने प्रेसवार्ता में बताया कि लाश मिलने के तीसरे दिन ही सीएसपी एमपी प्रजापति और कोतवाली टी आई शैलेश मिश्रा ने उसकी पहचान संतोष गुप्ता के मकान में अकेले रहने वाली सुमन गुप्ता के रूप में कर ली थी जो कि गर्भवती थी और लाश मिलने के एक दिन पहले से अपने मोहल्ले में नही दिखाई दी थी। तब पुलिस को पता चला कि उसको संतोष सरावगी के लड़के सतीश सरावगी ने पत्नी बनाकर रखा हुआ था। सतीश सरावगी बलात्कार के एक मामले में इस समय जेल में है। पुलिस ने उसके पिता संतोष सरावगी से संपर्क कर लाश के बोरे को मिशन चौक में रखते हुए सीसीटीवी में दिखाई देने संदिग्थ जनों के बारे में पूछताश की तो उसने उसे अपने गोंदिया निवासी साडू भाई संपत अग्रवाल के रूप में की। इधर पुलिस की एक टीम गोंदिया रवाना की गई और उसे पकड़ने में कामयाब हुई । फिर क्या था पुलिस ने सभी कड़ियों को आपस में जोड़ते हुए महिला के कथित ससुर गांधीगंज निवासी संतोष सरावगी, ससुर के साढू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल व साढू भाई के एक सहयोगी अनिल शेंडे को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से हुई पूछताछ के मुताबिक महिला समीपस्थ ग्राम टिकरिया की रहने वाली सुमन पटेल थी। जिससे संतोष सरावगी के पुत्र सतीश सरावगी बांदकपुर में प्रेम विवाह किया था। सुमन पटेल टिकरिया में ही रहती थी लेकिन वह सतीश सरावगी के जेल जाने के बाद गांधीगंज में ही अपनी कथित ससुराल के पास आकर किराए के मकान में रहने लगी और संतोष सरावगी पर संपत्ति में मालिकाना हक पाने दबाव बनाने लगी। इस दौरान सुमन ने कथित ससुर संतोष सरावगी पर समझौते के रूप में 25 लाख रूपए की भी मांग की। जिसके बाद ही संतोष सरावगी ने सुमन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई और फोन करके कटनी बुलाया.
यह बनाई योजना
कथित ससुर संतोष सरावगी ने सुमन पटेल के द्धारा 25 लाख रूपए की मांग करने वाली बात अपने साढ़ू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल को बताई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल गोंदिया से अपने एक साथी अनिल शेंडे के साथ कटनी आया। घटनावाले दिन पड़ोस में कहीं गमी हो गई थी। जिसका बहाना बनाकर संतोष सरावगी ने अपनी पत्नी को गमी वाले घर पर भेज दिया। इसके बाद संतोष सरावगी ने बातचीत करने के लिए सुमन पटेल को घर पर बुलाया। जहां सुमन से समझौते पर बातचीत शुरू हुई लेकिन सुमन 25 लाख रूपए नगद व संपत्ति में हिस्सा देने की मांग पर अड़ी रही। इसी दौरान आक्रोशित होकर सुमन पटेल के पेट में जोरदार लात मार दी थी । जिससे वह कमरे के अंदर फर्श में गिर गई। साढ़ू भाई संपत अग्रवाल व उसके साथी अनिल शेंडे ने रस्सी से गला घोंटकर सुमन को मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश को कार्टून में पैक कर पहले मिशन चौक व फिर किसी बस में रख देते लेकिन मिशन चौक में पुलिस की सक्रियता अधिक होने के कारण वो सुमन की लाश को मिशन चौक में ही छोड़कर भाग गए।
साढ़ू को 15 हजार रूपए दिए थे
वारदात को अंजाम देकर जब साढ़ू भाई व उसका साथी अनिल शेंडे वापस गोंदिया जाने लगे तो उनको संतोष सरावगी ने बतौर 15 हजार रूपए खर्चे के लिए साढ़ू भाई संपत अग्रवाल को दिए थे। एक से डेढ़ लाख रूपए उन्हें और देने की भी बात कही थी।
सेंट्रल स्कवाड ने भी की कोतवाली पुलिस की मदद
सुमन पटेल की हत्या की गुत्थी का पर्दाफाश करने में कोतवाली पुलिस की मदद सेंट्रल स्कवाड की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों व पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है। प्रेस वार्ता में सीएसपी एमपी प्रजापति और कोतवाली टी आई शैलेश मिश्रा भी उपस्थित रहे.
यह बनाई योजना
कथित ससुर संतोष सरावगी ने सुमन पटेल के द्धारा 25 लाख रूपए की मांग करने वाली बात अपने साढ़ू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल को बताई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल गोंदिया से अपने एक साथी अनिल शेंडे के साथ कटनी आया। घटनावाले दिन पड़ोस में कहीं गमी हो गई थी। जिसका बहाना बनाकर संतोष सरावगी ने अपनी पत्नी को गमी वाले घर पर भेज दिया। इसके बाद संतोष सरावगी ने बातचीत करने के लिए सुमन पटेल को घर पर बुलाया। जहां सुमन से समझौते पर बातचीत शुरू हुई लेकिन सुमन 25 लाख रूपए नगद व संपत्ति में हिस्सा देने की मांग पर अड़ी रही। इसी दौरान आक्रोशित होकर सुमन पटेल के पेट में जोरदार लात मार दी थी । जिससे वह कमरे के अंदर फर्श में गिर गई। साढ़ू भाई संपत अग्रवाल व उसके साथी अनिल शेंडे ने रस्सी से गला घोंटकर सुमन को मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश को कार्टून में पैक कर पहले मिशन चौक व फिर किसी बस में रख देते लेकिन मिशन चौक में पुलिस की सक्रियता अधिक होने के कारण वो सुमन की लाश को मिशन चौक में ही छोड़कर भाग गए।
साढ़ू को 15 हजार रूपए दिए थे
वारदात को अंजाम देकर जब साढ़ू भाई व उसका साथी अनिल शेंडे वापस गोंदिया जाने लगे तो उनको संतोष सरावगी ने बतौर 15 हजार रूपए खर्चे के लिए साढ़ू भाई संपत अग्रवाल को दिए थे। एक से डेढ़ लाख रूपए उन्हें और देने की भी बात कही थी।
सेंट्रल स्कवाड ने भी की कोतवाली पुलिस की मदद
सुमन पटेल की हत्या की गुत्थी का पर्दाफाश करने में कोतवाली पुलिस की मदद सेंट्रल स्कवाड की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों व पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है। प्रेस वार्ता में सीएसपी एमपी प्रजापति और कोतवाली टी आई शैलेश मिश्रा भी उपस्थित रहे.
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