प्रतीकात्मक चित्र |
लोगों ने सोशल मीडिया पर इस कोर्स पर आश्चर्य जताना भी शुरू कर दिया. उनका सवाल यहीं था कि ऐसा कोर्स शुरू करना कितना सही है.
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डी सी गुप्ता ने इस मामले में शनिवार को मीडिया को बताया, ‘‘हमारा विश्वविद्यालय परिवारों को टूटने से बचाने के लिए अगले सत्र से एक नया सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगा. यह कोर्स तीन महीने का होगा. इस कोर्स को हम इसलिये शुरू कर रहे हैं क्योंकि हमें सशक्त परिवार एवं अच्छे समाज की संरचना करनी है.’’ उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘यह कोर्स लड़के-लड़कियों दोनों के लिये होगा. हालांकि, लड़कियों के लिए यह अधिक फायदेमंद होगा, क्योंकि उन्हें शादी के बाद अपने आप को दूसरे परिवार (अपने ससुराल) में ढालना पड़ता है.’’
गुप्ता ने बताया, ‘‘यह कहना गलत है कि यह कोर्स बहुओं (दुल्हनों) के लिये है. इससे लड़कों को भी सशक्त परिवार बनाने में मदद मिलेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले बैच में 30 छात्र-छात्राओं को दाखिला मिलेगा.’’ गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय के तीन विभाग मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और महिला शिक्षा इस सर्टिफिकेट कोर्स को तैयार करेंगे। यह कोर्स मुख्य रूप से सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित
होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह समय की मांग है, क्योंकि परिवार आज छोटी-छोटी बातों को लेकर टूट रहे हैं. यह कोर्स परिवारों को टूटने से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.’’
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