कटनी / बरही तहसील के बरनमहंगवां निवासी दिव्यांग रमेश कोल तहसील स्तरीय दिव्यांग स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में सहारा लेकर अपना विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे थे। शिविर में मौके पर ही उन्हे विकलांगता प्रमाण पत्र तो मिला ही, साथ में समाज कल्याण और निःशक्तजन कल्याण विभाग की योजना के तहत उन्हें ट्राईसायकल भी मिल गई। बकौल दिव्यांग रमेश कोल अब ट्राईसायकल मिलने से उनकी जिन्दगी आसान हो गई है। अब उन्हें कहीं आने जाने के लिये किसी दूसरे व्यक्ति का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
प्रदेश के समाज कल्यााण एवं निःशक्तजन कल्याण राज्यमंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक की पहल पर दिव्यांगजनों को मौके पर ही स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें विकलांग प्रमाण पत्र प्रदाय करने बरही में तहसील स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर की जानकारी लगते ही रमेश कोल भी पहुंचे। जहां जिला चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनकी जांच कर विकलांग प्रमाण पत्र बना दिया। राज्यमंत्री द्वारा दिव्यांग रमेश कोल को प्रमाण पत्र दिया गया। रमेश ने उसी समय ट्राईसायकल के लिये भी आवेदन कर दिया। राज्यमंत्री के हाथों विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ ट्राईसायकल भी पाकर रमेश के चेहरे पर खुशी का माहौल था। रमेश का कहना है कि सरकार की दिव्यांगजनों को मदद करने की इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता ने उसकी जिन्दगी अब आसान बना दी है। शिविर में रमेश जैसे 98 दिव्यांजनों ने विकलांग प्रमाण पत्र के लिये पंजीयन कराया था। जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर पात्रतानुसार विकालांग प्रमाण पत्र दिये गये।
प्रदेश के समाज कल्यााण एवं निःशक्तजन कल्याण राज्यमंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक की पहल पर दिव्यांगजनों को मौके पर ही स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें विकलांग प्रमाण पत्र प्रदाय करने बरही में तहसील स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर की जानकारी लगते ही रमेश कोल भी पहुंचे। जहां जिला चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनकी जांच कर विकलांग प्रमाण पत्र बना दिया। राज्यमंत्री द्वारा दिव्यांग रमेश कोल को प्रमाण पत्र दिया गया। रमेश ने उसी समय ट्राईसायकल के लिये भी आवेदन कर दिया। राज्यमंत्री के हाथों विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ ट्राईसायकल भी पाकर रमेश के चेहरे पर खुशी का माहौल था। रमेश का कहना है कि सरकार की दिव्यांगजनों को मदद करने की इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता ने उसकी जिन्दगी अब आसान बना दी है। शिविर में रमेश जैसे 98 दिव्यांजनों ने विकलांग प्रमाण पत्र के लिये पंजीयन कराया था। जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर पात्रतानुसार विकालांग प्रमाण पत्र दिये गये।
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