कटनी / मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की किशोर न्याय समिति ने भोपाल में गोद ली गई बच्ची को स्पेन ले जाने के बाद त्याग देने सम्बन्धी मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग पर पाबंदी लगा दी है।
इस सिलसिले में जारी निर्देशों में कहा गया है कि यह मामला बच्ची की देख-रेख और हित-संरक्षण से जुड़ा हुआ है और उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश की किशोर न्याय समिति द्वारा इस मामले की मॉनीटरिंग की जा रही है। रजिस्ट्रार (न्यायिक) एवं समिति के सचिव जाकिर हुसैन ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के मुताबिक देख-रेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चे की पहचान जाहिर किया जाना कानून के विरूद्ध है और किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा ऐसा किया जाना प्रतिबंधित है।
सचिव किशोर न्याय समिति उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश ने स्पष्ट किया है कि समिति के अगले निर्देश तक उक्त मामले से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के समाचार का अखबारों, अन्य प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशन या प्रसारण नहीं किया जा सकेगा।
इस सिलसिले में जारी निर्देशों में कहा गया है कि यह मामला बच्ची की देख-रेख और हित-संरक्षण से जुड़ा हुआ है और उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश की किशोर न्याय समिति द्वारा इस मामले की मॉनीटरिंग की जा रही है। रजिस्ट्रार (न्यायिक) एवं समिति के सचिव जाकिर हुसैन ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के मुताबिक देख-रेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चे की पहचान जाहिर किया जाना कानून के विरूद्ध है और किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा ऐसा किया जाना प्रतिबंधित है।
सचिव किशोर न्याय समिति उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश ने स्पष्ट किया है कि समिति के अगले निर्देश तक उक्त मामले से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के समाचार का अखबारों, अन्य प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशन या प्रसारण नहीं किया जा सकेगा।
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