कटनी। निपाह वायरस सबसे पहले मलेशिया में मस्तिष्क ज्वर फैलने पर सुअर पालकों के मध्य पाया गया था। हाल ही में भारत में केरल राज्य में इसके प्रकरण देखने में आए हैं। यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। लेकिन सुअर पालकों और उसके मांस का सेवन करने वाले,चमगादड़ के संपर्क में आने वाले किसान ऐसे फल जिसको चमगादड़ ने काट लिया हो, का सेवन करने वाले व्यक्ति में इसके संक्रमण की संभावना सर्वाधिक होती है। इसके लक्षण बुखार, सिर दर्द, मांस-पेशियों में दर्द, मतली और उल्टी, गर्दन की कठोरता और प्रकाश की असहनीयता होती है। अत्यधिक गंभीर अवस्था में मरीज कोमा में भी चला जाता है। इसका निदान अभी राष्ट्रीय बाइरोलॉजी लेब पुणे द्वारा किया जाता है।
कुछ सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है। सुअर और सुअर पालकों के संपर्क में आने से बचा जाए। स्वच्छता का ध्यान रखें। बार-बार हाथ धोएं। पक्षियों के खाए फलों का प्रयोग न करें। साफ व घर का बना हुआ भोजन करें। यात्रा व सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। आवश्यकता होने पर मास्क का प्रयोग करें। लक्षणों के प्रकट होते ही उपचार के लिए चिकित्सक से संपर्क करें।
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