कटनी / ग्राम पंचायत कछगवां के ग्राम देवरी में उद्यानिकी की उन्नत तकनीक अपनाते हुये सुबीर चतुर्वेदी पॉली हाउस में उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं। जिसका मोटा मुनाफा भी उन्हें मिल रहा है।
यूॅं तो सुबीर चतुर्वेदी एमबीए डिग्री होल्डर हैं। उन्होने वर्ष 1998 से 2001 तक इंडियन एक्सप्रेस में एडवरटाईजिंग मार्केटिंग मैनेजर के पद पर काम किया है। 2002 से 2006 तक हिन्दुस्तान टाईम्स में भी अपनी सेवायें दी हैं। 2006 से 2012 तक प्राईवेट इन्श्युरेन्स कंपनी में सीनियर ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्य भी किया है। सुबीर बताते हैं कि जब वे प्राईवेट सेक्टर में काम करते थे, तो 8-10 लाख का वार्षिक पैकेज उनका था।
लेकिन परिवार के लिये सुबीर कटनी में आकर बसे और अपने प्रोफेशन से हटकर हॉल्टीकल्चर के क्षेत्र में अपना भविष्य चुना। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन, विभाग द्वारा दिलाई जाने वाली ट्रेनिंग और इंन्टरनेट के माध्यम से सीख-सीख कर सुबीर ने सबसे पहले पॉली हाउस लगाकर शिमला मिर्च का उत्पादन किया। जिसके बाद वर्तमान में वे खीरे का उत्पादन अपने पॉली हाउस में कर रहे हैं।
वर्ष 2016-17 में सुबीर को मध्यप्रदेश शासन के उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित संरक्षित खेती योजना के तहत पॉली हाउस निर्माण के लिये अनुदान दिया गया। जिसमें आधे एकड़ क्षेत्र में सुबीर ने 17 लाख 80 हजार रुपये की लागत से पॉली हाउस का निर्माण कराया। इसमें 8 लाख 90 हजार रुपये की अनुदान राशि भी उद्यानिकी विभाग के द्वारा सुबीर को दी गई।
अपने अनुभव साझा करते हुये सुबीर ने बताया कि शुरुआत में कुछ तकनीकी समस्यायें शिमला मिर्च उत्पादन के समय आईं। लेकिन उसके निदान की जानकारी लेकर उन्होने उसका निराकरण किया। जिसका ही परिणाम था कि सात माह में चार लाख रुपये की आय शिमला मिर्च उत्पादन से सुबीर को हुई।
शिमला मिर्च उत्पादन के बाद सुबीर चतुर्वेदी ने उद्यानिकी के जानकारों से विमर्श कर अपने पॉली हाउस में इटालियन खीरे का उत्पादन प्रारंभ किया। यह खीरा सुबीर के लिये हीरा सबित हुआ। जिससे महज दो से ढाई माह में ही सुबीर को दो से तीन लाख रुपये की आमदनी हो चुकी है। अभी भी खीरे का उत्पादन हो रहा है। आगामी समय में भी सुबीर उद्यानिकी की उन्नत फसलो के उत्पादन करने की तैयारी में हैं।
यूॅं तो सुबीर चतुर्वेदी एमबीए डिग्री होल्डर हैं। उन्होने वर्ष 1998 से 2001 तक इंडियन एक्सप्रेस में एडवरटाईजिंग मार्केटिंग मैनेजर के पद पर काम किया है। 2002 से 2006 तक हिन्दुस्तान टाईम्स में भी अपनी सेवायें दी हैं। 2006 से 2012 तक प्राईवेट इन्श्युरेन्स कंपनी में सीनियर ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्य भी किया है। सुबीर बताते हैं कि जब वे प्राईवेट सेक्टर में काम करते थे, तो 8-10 लाख का वार्षिक पैकेज उनका था।
लेकिन परिवार के लिये सुबीर कटनी में आकर बसे और अपने प्रोफेशन से हटकर हॉल्टीकल्चर के क्षेत्र में अपना भविष्य चुना। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन, विभाग द्वारा दिलाई जाने वाली ट्रेनिंग और इंन्टरनेट के माध्यम से सीख-सीख कर सुबीर ने सबसे पहले पॉली हाउस लगाकर शिमला मिर्च का उत्पादन किया। जिसके बाद वर्तमान में वे खीरे का उत्पादन अपने पॉली हाउस में कर रहे हैं।
वर्ष 2016-17 में सुबीर को मध्यप्रदेश शासन के उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित संरक्षित खेती योजना के तहत पॉली हाउस निर्माण के लिये अनुदान दिया गया। जिसमें आधे एकड़ क्षेत्र में सुबीर ने 17 लाख 80 हजार रुपये की लागत से पॉली हाउस का निर्माण कराया। इसमें 8 लाख 90 हजार रुपये की अनुदान राशि भी उद्यानिकी विभाग के द्वारा सुबीर को दी गई।
अपने अनुभव साझा करते हुये सुबीर ने बताया कि शुरुआत में कुछ तकनीकी समस्यायें शिमला मिर्च उत्पादन के समय आईं। लेकिन उसके निदान की जानकारी लेकर उन्होने उसका निराकरण किया। जिसका ही परिणाम था कि सात माह में चार लाख रुपये की आय शिमला मिर्च उत्पादन से सुबीर को हुई।
शिमला मिर्च उत्पादन के बाद सुबीर चतुर्वेदी ने उद्यानिकी के जानकारों से विमर्श कर अपने पॉली हाउस में इटालियन खीरे का उत्पादन प्रारंभ किया। यह खीरा सुबीर के लिये हीरा सबित हुआ। जिससे महज दो से ढाई माह में ही सुबीर को दो से तीन लाख रुपये की आमदनी हो चुकी है। अभी भी खीरे का उत्पादन हो रहा है। आगामी समय में भी सुबीर उद्यानिकी की उन्नत फसलो के उत्पादन करने की तैयारी में हैं।
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