कटनी /- मध्यप्रदेश में वर्तमान में 3 लाख पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं। इनके अलावा इन इकाईयों की संख्या में दिनों-दिन तेजी से वृद्धि हो रही है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय सत्येन्द्र पाठक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016-17 में 87 हजार 71 इकाईयों द्वारा पंजीयन के लिए उद्योग आधार मेमोरेण्डम फाईल किये गये। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना अधिक है। राज्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्थापित एमएसएमई में मुख्य रूप से इंजीनियरिंग, वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्र-संस्करण आदि हैं।
एमएसएमई क्षेत्र में अधिकतम लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार ने उद्यम शीलता की संस्कृति विकसित करने और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए म.प्र. इंक्यूबेशन और स्टार्ट अप नीति 2016 लागू की है। यह नीति राज्य के इन्क्यूबेटरों, प्लग और प्ले की सुविधाओं और स्टार्ट अप की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है। इससे युवाओं का नौकरी मांगने वालों के स्थान पर नौकरी प्रदाय करने वाला स्वयं का उद्यम होगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय सत्येन्द्र पाठक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016-17 में 87 हजार 71 इकाईयों द्वारा पंजीयन के लिए उद्योग आधार मेमोरेण्डम फाईल किये गये। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना अधिक है। राज्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्थापित एमएसएमई में मुख्य रूप से इंजीनियरिंग, वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्र-संस्करण आदि हैं।
एमएसएमई क्षेत्र में अधिकतम लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार ने उद्यम शीलता की संस्कृति विकसित करने और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए म.प्र. इंक्यूबेशन और स्टार्ट अप नीति 2016 लागू की है। यह नीति राज्य के इन्क्यूबेटरों, प्लग और प्ले की सुविधाओं और स्टार्ट अप की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है। इससे युवाओं का नौकरी मांगने वालों के स्थान पर नौकरी प्रदाय करने वाला स्वयं का उद्यम होगा।
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