कटनी /- विगत दिवस कलेक्ट्रेट सभागार जबलपुर में प्रस्तावित नये भूमि प्रबंधन अधिनियम के संबंध में आयोजित बैठक में कटनी महापौर शशांक श्रीवास्तव ने भी सहभागिता करते हुए अपनें सुझाव प्रस्तुत किये। बैठक में राजस्व मंडल के अध्यक्ष, सदस्यगण तथा जबलुपर संभाग के जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में नये भूमि प्रबंधन के सुधार पर विस्तृत चर्चा की गई। नगर निगम महापौर शशांक श्रीवास्तव द्वारा अपनें सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि नगर निगम सीमा की समस्त शासकीय भूमि एवं नजूल भूमि का अधिपत्य नगर निगम को दिया जाना चाहिए ताकि उक्त शहरी भूमियों का उपयोग जनहितैषी कार्यो में किया जा सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि शासकीय अथवा नजूल भूमि में पार्क, सामुदायिक एवं मंगल भवन सहित अन्य जनसुविधा हितार्थ भवनों का निर्माण किया जाकर गरीब वर्ग के लोगों को इसका लाभ प्रदान किया जा सकता है। दूसरी ओर शासकीय भूमियों में होनें वाले अवैध कब्जों से भी बचा जा सकता है। बैठक के दौरान कटनी के माधवनगर क्षेत्र के पट्टों की समस्या के समाधान की मांग राजस्व मंडल से करते हुए कहा कि आजादी के बाद सिन्धी कम्युनिटी के व्यक्तियों को व्यवस्थित रूप से भूमि के पट्टे प्रदान किये जावें।
कटनी /- विगत दिवस कलेक्ट्रेट सभागार जबलपुर में प्रस्तावित नये भूमि प्रबंधन अधिनियम के संबंध में आयोजित बैठक में कटनी महापौर शशांक श्रीवास्तव ने भी सहभागिता करते हुए अपनें सुझाव प्रस्तुत किये। बैठक में राजस्व मंडल के अध्यक्ष, सदस्यगण तथा जबलुपर संभाग के जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में नये भूमि प्रबंधन के सुधार पर विस्तृत चर्चा की गई। नगर निगम महापौर शशांक श्रीवास्तव द्वारा अपनें सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि नगर निगम सीमा की समस्त शासकीय भूमि एवं नजूल भूमि का अधिपत्य नगर निगम को दिया जाना चाहिए ताकि उक्त शहरी भूमियों का उपयोग जनहितैषी कार्यो में किया जा सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि शासकीय अथवा नजूल भूमि में पार्क, सामुदायिक एवं मंगल भवन सहित अन्य जनसुविधा हितार्थ भवनों का निर्माण किया जाकर गरीब वर्ग के लोगों को इसका लाभ प्रदान किया जा सकता है। दूसरी ओर शासकीय भूमियों में होनें वाले अवैध कब्जों से भी बचा जा सकता है। बैठक के दौरान कटनी के माधवनगर क्षेत्र के पट्टों की समस्या के समाधान की मांग राजस्व मंडल से करते हुए कहा कि आजादी के बाद सिन्धी कम्युनिटी के व्यक्तियों को व्यवस्थित रूप से भूमि के पट्टे प्रदान किये जावें।
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