कटनी / जिला एवं सत्र न्यायधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनिल मोहनिया के मार्ग दर्शन में जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालयों में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसके तहत प्रातः 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक नेशनल लोक अदालत आयोजित हुई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायधीश सतर्कता राजेश कुमार गुप्ता एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनिल मोहनिया द्वारा मॉं सरस्वती के चित्रपट पर दीप प्रज्जवल एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सतर्कता क्षेत्र जबलपुर हाई कोर्ट राजेश गुप्ता, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कटनी भूपेन्द्र नकबाल, जिला विधिक सहायता अधिकारी प्रियंका सुमन सहित अन्य न्यायधीशगण, न्यायालय के कर्मचारीगण, खण्डपीठ के सदस्यगण उपस्थित थे। इसके पश्चात सभी न्यायाधीश द्वारा अपनी-अपनी पीठ में पहुंचकर लोक अदालत की कार्रवाई प्रारंभ की।
यह प्रकरण रखे गये
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुघर्टना दावा, प्री-लिटिगेशन प्रकरण, निगोशियेबल इन्टू्रमेन्ट के अंतर्गत चैक बाउंस प्रकरण, पारिवारिक विवादों के प्रकरण, ग्राम न्यायालय तथा अन्य समस्त प्रकार के समझौता योग्य प्रकरण रखे गये।
जिला विधिक सहायता अधिकारी ने जानकारी में बताया कि शनिवार को आयोजित लोक अदालत में गठित 21 खण्डपीठों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के लगभग 193 प्रकरण एवं न्यायालय के लंबित 480 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस दौरान
1232 पक्षकार इस लोक अदालत में लाभांवित हुये। इसके साथ ही नगर निगम के प्रकरणों में संपत्तिकर, जल कर एवं विद्युत प्रकरणों में शासन द्वारा 2 करोड़ 29 लाख से अधिक की राशि अवार्डेड की गई। वहीं परिवार परामर्श केन्द्र के 15 प्रकरणों में समझौता लोक अदालत के दौरान कराया गया।
यह प्रकरण रखे गये
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुघर्टना दावा, प्री-लिटिगेशन प्रकरण, निगोशियेबल इन्टू्रमेन्ट के अंतर्गत चैक बाउंस प्रकरण, पारिवारिक विवादों के प्रकरण, ग्राम न्यायालय तथा अन्य समस्त प्रकार के समझौता योग्य प्रकरण रखे गये।
जिला विधिक सहायता अधिकारी ने जानकारी में बताया कि शनिवार को आयोजित लोक अदालत में गठित 21 खण्डपीठों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के लगभग 193 प्रकरण एवं न्यायालय के लंबित 480 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस दौरान
1232 पक्षकार इस लोक अदालत में लाभांवित हुये। इसके साथ ही नगर निगम के प्रकरणों में संपत्तिकर, जल कर एवं विद्युत प्रकरणों में शासन द्वारा 2 करोड़ 29 लाख से अधिक की राशि अवार्डेड की गई। वहीं परिवार परामर्श केन्द्र के 15 प्रकरणों में समझौता लोक अदालत के दौरान कराया गया।
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