अव्यवस्थाओं का आलम देख कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने उपस्थित कर्मचारी से जानकारी ली। उन्होने कहा कि उपार्जन केन्द्र क्यों नही खुला है ? न छन्ना, न पानी, न छांव, मजाक है क्या? ऐसा नहीं चलेगा। सही समय पर उपार्जन केन्द्र खुलना ही चाहिये। बारदाने खुले में क्यों पड़े हैं। अंदर रखें। छांव की व्यवस्था नहीं है। नाही तिरपाल की व्यवस्था, अनाज कहां रखोगे। अनाज खराब हुआ तो केन्द्र प्रभारी से वसूली होगी।
अव्यवस्थाओं का आलम देख कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने उपस्थित कर्मचारी से जानकारी ली। उन्होने कहा कि उपार्जन केन्द्र क्यों नही खुला है ? न छन्ना, न पानी, न छांव, मजाक है क्या? ऐसा नहीं चलेगा। सही समय पर उपार्जन केन्द्र खुलना ही चाहिये। बारदाने खुले में क्यों पड़े हैं। अंदर रखें। छांव की व्यवस्था नहीं है। नाही तिरपाल की व्यवस्था, अनाज कहां रखोगे। अनाज खराब हुआ तो केन्द्र प्रभारी से वसूली होगी।
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