कटनी / लोकसभा उपनिर्वावन में चुनाव ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्य निर्वहन में वीरगति को प्राप्त हुये श्री बिंटू सिंह कांस्टेबिल के पार्थिव शरीर को कोतवाली परिसर में विधायक संदीप जायसवाल, कलेक्टर विशेष गढ़पाले, पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, सीआरपीएफ की 16वीं बटालियन के कमांडेंट रमेंश चन्द्रा सहित अन्य ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। तिरंगे में लिपटे शहीद श्री बिंटू सिंह को शस्त्र उल्टे कर शस्त्र सलामी दी गई। उनके शव को लेकर बटालियन के सिपाही शहीद के पैतृक शहर बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) रवाना हो गये।
बुधवार को प्रातः 11 बजे 35 वर्षीय शहीद बिंटू सिंह पिता स्वर्गीय लायक राम सिंह के शव को पोस्टमार्टम के बाद कोतवाली परिसर में लाया गया। जहां उनकी देह पर तिरंगा लिपटाकर बैंड की मातमी धुन पर शस्त्र उल्टे कर उन्हे शस्त्र सलामी के साथ राजकीय सम्मान प्रदान किया गया। यहां पर पूर्व से उपस्थित कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुड़वारा विधायक, बटालियन कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट श्याम यादव, एएसपी यशपाल सिंह राजपूत, सीएसपी शशिकांत शुक्ला, कटनी टीआई एसपीएस बघेल सहित अन्य थानों के नगर निरीक्षण, शासकीय अधिकारी, पत्रकारगणों, पुलिस कर्मियों एवं बटालियन के सिपाहियों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्वांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि शहडोल लोकसभा उपनिर्वाचन के तहत बड़वारा विधानसभा निर्वाचन में बड़वारा में ड्यूटी पर तैनात मथुरा के सीआरपीएफ की 16वीं बटालियन में कांस्टेबिल 35 वर्षीय बिन्टू सिंह को ब्रेन स्ट्रोक के कारण मंगलवार की दोपहर बड़वारा में प्राथमिक उपचार के बाद दोपहर 2 बजकर 45 मिनिट पर जिला चिकित्सालय कटनी गंभीर अवस्था में लाया गया था। जहां पर डॉ एस के शर्मा, आरती सोंधिया एवं डॉ सरफराज की टीम द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल सघन उपचार प्रारंभ किया गया। किन्तु दोपहर लगभग 3 बजे उपचार के दौरान उन्होने अंतिम सांस ली। इसमें पूर्व चिकित्सकों की टीम द्वारा सीटी स्केन कराने पर भी ब्रेनस्ट्रोक की पुष्टि हुई। जिसका ट्रीटमेंट चिकित्सकों द्वारा पूर्व में ही दिया जाना प्रारंभ किया गया था।
शहीद के अनुज एवं मथुरा में ही 16वीं बटालियन में तैनात सोनू कुमार सिंह ने रुंघे गले से बतलाया कि पूरे परिवार में 5 भाईयों एवं 2 बहनो में सबसे बड़े भाई बिंटू बचपन से ही मेधावी एवं मिलनसार थे। फौज में भर्ती होने के बाद उन्होने मुझे भी इस दिशा में प्रेरित कर भर्ती कराया। पिता श्री लायकराम सिंह की 2008 में मृत्यु के बाद पूरे परिवार की देखरेख मेरे भाई बिंटू सिंह की करते थे। मुझे आपने भाई की मौत का बेहद अफसोस है। किन्तु इस बात का गर्व है कि देश की सेवा करते हुए उन्होने शहीद का दर्जा पाया। 16वीं बटालियन 8 नवंबर को 80 सिपाहियों के साथ कटनी आई थी। जिन्हें बड़वारा मुख्यालय में तैनात किया गया था।
आज दोपहर 12 बजे एम्बुलेंस से शहीद के पैतृक शहर बुलंद शहर शहीद की मृत देह लेकर उनके भाई, कंपनी कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट व सिपाही रवाना हुये। इस अंतिम विदाई के अवसर पर जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, पत्रकारगण सहित अन्य उपस्थित थे।
बुधवार को प्रातः 11 बजे 35 वर्षीय शहीद बिंटू सिंह पिता स्वर्गीय लायक राम सिंह के शव को पोस्टमार्टम के बाद कोतवाली परिसर में लाया गया। जहां उनकी देह पर तिरंगा लिपटाकर बैंड की मातमी धुन पर शस्त्र उल्टे कर उन्हे शस्त्र सलामी के साथ राजकीय सम्मान प्रदान किया गया। यहां पर पूर्व से उपस्थित कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुड़वारा विधायक, बटालियन कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट श्याम यादव, एएसपी यशपाल सिंह राजपूत, सीएसपी शशिकांत शुक्ला, कटनी टीआई एसपीएस बघेल सहित अन्य थानों के नगर निरीक्षण, शासकीय अधिकारी, पत्रकारगणों, पुलिस कर्मियों एवं बटालियन के सिपाहियों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्वांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि शहडोल लोकसभा उपनिर्वाचन के तहत बड़वारा विधानसभा निर्वाचन में बड़वारा में ड्यूटी पर तैनात मथुरा के सीआरपीएफ की 16वीं बटालियन में कांस्टेबिल 35 वर्षीय बिन्टू सिंह को ब्रेन स्ट्रोक के कारण मंगलवार की दोपहर बड़वारा में प्राथमिक उपचार के बाद दोपहर 2 बजकर 45 मिनिट पर जिला चिकित्सालय कटनी गंभीर अवस्था में लाया गया था। जहां पर डॉ एस के शर्मा, आरती सोंधिया एवं डॉ सरफराज की टीम द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल सघन उपचार प्रारंभ किया गया। किन्तु दोपहर लगभग 3 बजे उपचार के दौरान उन्होने अंतिम सांस ली। इसमें पूर्व चिकित्सकों की टीम द्वारा सीटी स्केन कराने पर भी ब्रेनस्ट्रोक की पुष्टि हुई। जिसका ट्रीटमेंट चिकित्सकों द्वारा पूर्व में ही दिया जाना प्रारंभ किया गया था।
शहीद के अनुज एवं मथुरा में ही 16वीं बटालियन में तैनात सोनू कुमार सिंह ने रुंघे गले से बतलाया कि पूरे परिवार में 5 भाईयों एवं 2 बहनो में सबसे बड़े भाई बिंटू बचपन से ही मेधावी एवं मिलनसार थे। फौज में भर्ती होने के बाद उन्होने मुझे भी इस दिशा में प्रेरित कर भर्ती कराया। पिता श्री लायकराम सिंह की 2008 में मृत्यु के बाद पूरे परिवार की देखरेख मेरे भाई बिंटू सिंह की करते थे। मुझे आपने भाई की मौत का बेहद अफसोस है। किन्तु इस बात का गर्व है कि देश की सेवा करते हुए उन्होने शहीद का दर्जा पाया। 16वीं बटालियन 8 नवंबर को 80 सिपाहियों के साथ कटनी आई थी। जिन्हें बड़वारा मुख्यालय में तैनात किया गया था।
आज दोपहर 12 बजे एम्बुलेंस से शहीद के पैतृक शहर बुलंद शहर शहीद की मृत देह लेकर उनके भाई, कंपनी कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट व सिपाही रवाना हुये। इस अंतिम विदाई के अवसर पर जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, पत्रकारगण सहित अन्य उपस्थित थे।
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