कटनी / आप में बहुत पोटेंशियल है। प्रतिभा की धनी हैं आप सब। आपका बुलंद हौसला प्रगति की राह में आने वाली हर बाधा को हटा देगा। बच्चियों आपको आगे बढ़ना है। भविष्य गढ़ना है। सुनहरे कल की आस हैं आप। यका-यक भावनाओं के साथ प्रेरित करते यह शब्द हिरवारा में चिल्ड्रंस होम में बालिकाओं के साथ चिल्ड्रंस डे मनाने पहुंची वुमेंस ऑफीसर्स क्लब की अध्यक्ष श्रीमति रशिम विशेष गढ़पाले ने कहे। इस दौरान उनके साथ लिटिल स्टार चिल्ड्रन होम पहुंची श्रीमति संघमित्रा गढ़पाले ने भी बच्चियों को बहुत सारा दुलार किया और स्नेह के साथ अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में छोटी से छोटी बात का ध्यान रखने की सलाह दी।
किसने बनाई रंगोली ? बच्चों ने रिंग की भेंट - हमारी याद दिलायेगी
इन अनाथ असहाय बच्चों के बीच जब वुमेंस ऑफीसर्स की महिलायें पहुंची, तो बच्चों ने उनका स्वागत रंगोली बनाकर किया। क्लब की अध्यक्ष रशिम विशेष गढ़पाले ने बच्चों से पूछा, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई कौन सिखाता है ? यह सब आप सभी बच्चों ने बनाया है। यह कहते हुए उन्होने अपना परिचय दिया। बच्चों ने उनको अपने बीच पाकर खुश हुए। सभी बच्चों ने अपना परिचय दिया। इस दौरान बच्चियों ने अपने हाथ से बनाये आभूषणों को भी भेंट किया। बच्चों ने कहा कि ये आभूषण हमारे हाथ के बनाये हुए हैं। ये हमेशा हमारी याद दिलाते रहेंगे। क्लब की अध्यक्ष श्रीमति रशिम विशेष गढ़पाले एवं सदस्यों ने सभी बच्चों के हाल-चाल जाने और खूब मस्ती के साथ सभी ने मिलकर चिल्ड्रन-डे मनाया।
इस दौरान वुमेंस ऑफीसर्स क्लब की सदस्य किरण भारद्वाज, रश्मि सिंह राजपूत, शुभा जैन, विभा शुक्ला, वर्षा पुष्प, नीलम जैन, सरिता सोनी, अर्चना मिश्रा, पारुल नामदेव भी उपस्थित थीं।
बच्चों ने दी अपनी कला की प्रस्तुति, अचंभित रह गये उपस्थितजन
खूब मस्ती के बीच मनाये जा रहे चिल्ड्रंस-डे पर नन्ही परियों के साथ-साथ बड़ी बच्चियों ने भी अपनी कला की प्रस्तुति दी। बालिकाओं ने जहां मंत्रमुग्ध करने वाले डांस का प्रदर्शन किया। वहीं हैरतअंगेज मार्शल आर्ट के स्टेप भी दिखाये। उनकी प्रस्तुति देखकर क्लब की महिलाओं सहित सभी उपस्थित लोग अचंभित रह गये व उनकी सराहना भी की। इसके बाद क्लब की सभी मेंम्बर्स ने चिल्ड्रन होम के एक-एक कक्ष को देखा। चिल्ड्रन होम के संस्थापक डॉ समीर चौधरी एवं डॉ स्नेहा चौधरी ने इस अवसर पर चिल्ड्रन होम की सुरक्षा, बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी
डॉ स्नेहा चौधरी ने बताया कि 2005 से उनकी यह संस्था कार्य कर रही है। इस चिल्ड्रन होम में वर्तमान में लगभग 50 बालिकायें हैं। इन बच्चियों में अनाथ बच्चियां एवं ऐसी बच्चियां जिनकी पारिवारिक स्थिति सही न होने के कारण पालन पोषण करने में असमर्थ है, उन बच्चियों को इस चिल्ड्रन होम में रखा जाता है। उनकी पढ़ाई, लिखाई, रहने-खाने, चिकित्सा की व्यवस्था के साथ-साथ बच्चियां को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्युटी पार्लर आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। आश्रम की कई बालिकायें फैशन डिजाईनिंग का कोर्स भी कर रही हैं। कई बच्चियां मार्शल आर्ट मे खेल विभाग भोपाल तक सिलेक्ट होकर जा चुकी हैं।
दादी बनाती है खाना, बच्चियां हो रहीं निपुण
लिटिल स्टार चिल्ड्रन होम में इस मौके पर सभी ने लुफ्त उठाते हुए भोजन किया, भोजन बहुत स्वादिष्ट था। संस्थापक डॉ
स्नेहा चौधरी ने बताया कि भोजन यहां सावित्रि मिश्रा बच्चियों की दादी बनाती हैं। जिनका खाना बहुत स्वादिष्ट होता है। यह बच्चियां दादी से खाना बनाना भी सीखती हैं। इस चिल्ड्रन होम में अभी तक 5 बच्चियों का विवाह भी किया जा चुका है। 2 बालिकायें आईएनआईएफडी से फैशन डिजाईनिंग का कोर्स कर रही है। इसके साथ-साथ कॉलेज की प्राईवेट पढ़ाई भी करती है।
किसने बनाई रंगोली ? बच्चों ने रिंग की भेंट - हमारी याद दिलायेगी
इन अनाथ असहाय बच्चों के बीच जब वुमेंस ऑफीसर्स की महिलायें पहुंची, तो बच्चों ने उनका स्वागत रंगोली बनाकर किया। क्लब की अध्यक्ष रशिम विशेष गढ़पाले ने बच्चों से पूछा, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई कौन सिखाता है ? यह सब आप सभी बच्चों ने बनाया है। यह कहते हुए उन्होने अपना परिचय दिया। बच्चों ने उनको अपने बीच पाकर खुश हुए। सभी बच्चों ने अपना परिचय दिया। इस दौरान बच्चियों ने अपने हाथ से बनाये आभूषणों को भी भेंट किया। बच्चों ने कहा कि ये आभूषण हमारे हाथ के बनाये हुए हैं। ये हमेशा हमारी याद दिलाते रहेंगे। क्लब की अध्यक्ष श्रीमति रशिम विशेष गढ़पाले एवं सदस्यों ने सभी बच्चों के हाल-चाल जाने और खूब मस्ती के साथ सभी ने मिलकर चिल्ड्रन-डे मनाया।
इस दौरान वुमेंस ऑफीसर्स क्लब की सदस्य किरण भारद्वाज, रश्मि सिंह राजपूत, शुभा जैन, विभा शुक्ला, वर्षा पुष्प, नीलम जैन, सरिता सोनी, अर्चना मिश्रा, पारुल नामदेव भी उपस्थित थीं।
बच्चों ने दी अपनी कला की प्रस्तुति, अचंभित रह गये उपस्थितजन
खूब मस्ती के बीच मनाये जा रहे चिल्ड्रंस-डे पर नन्ही परियों के साथ-साथ बड़ी बच्चियों ने भी अपनी कला की प्रस्तुति दी। बालिकाओं ने जहां मंत्रमुग्ध करने वाले डांस का प्रदर्शन किया। वहीं हैरतअंगेज मार्शल आर्ट के स्टेप भी दिखाये। उनकी प्रस्तुति देखकर क्लब की महिलाओं सहित सभी उपस्थित लोग अचंभित रह गये व उनकी सराहना भी की। इसके बाद क्लब की सभी मेंम्बर्स ने चिल्ड्रन होम के एक-एक कक्ष को देखा। चिल्ड्रन होम के संस्थापक डॉ समीर चौधरी एवं डॉ स्नेहा चौधरी ने इस अवसर पर चिल्ड्रन होम की सुरक्षा, बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी
डॉ स्नेहा चौधरी ने बताया कि 2005 से उनकी यह संस्था कार्य कर रही है। इस चिल्ड्रन होम में वर्तमान में लगभग 50 बालिकायें हैं। इन बच्चियों में अनाथ बच्चियां एवं ऐसी बच्चियां जिनकी पारिवारिक स्थिति सही न होने के कारण पालन पोषण करने में असमर्थ है, उन बच्चियों को इस चिल्ड्रन होम में रखा जाता है। उनकी पढ़ाई, लिखाई, रहने-खाने, चिकित्सा की व्यवस्था के साथ-साथ बच्चियां को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्युटी पार्लर आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। आश्रम की कई बालिकायें फैशन डिजाईनिंग का कोर्स भी कर रही हैं। कई बच्चियां मार्शल आर्ट मे खेल विभाग भोपाल तक सिलेक्ट होकर जा चुकी हैं।
दादी बनाती है खाना, बच्चियां हो रहीं निपुण
लिटिल स्टार चिल्ड्रन होम में इस मौके पर सभी ने लुफ्त उठाते हुए भोजन किया, भोजन बहुत स्वादिष्ट था। संस्थापक डॉ
स्नेहा चौधरी ने बताया कि भोजन यहां सावित्रि मिश्रा बच्चियों की दादी बनाती हैं। जिनका खाना बहुत स्वादिष्ट होता है। यह बच्चियां दादी से खाना बनाना भी सीखती हैं। इस चिल्ड्रन होम में अभी तक 5 बच्चियों का विवाह भी किया जा चुका है। 2 बालिकायें आईएनआईएफडी से फैशन डिजाईनिंग का कोर्स कर रही है। इसके साथ-साथ कॉलेज की प्राईवेट पढ़ाई भी करती है।
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