कटनी - पिछले साल बारिश के मौसम में जिले में कुछ जगहों पर महामारी फैली थी, इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला और विकास खण्ड स्तर पर महामारी नियंत्रण केन्द्र की स्थापना कर स्वास्थ्य से जुड़ी अप्रिय स्थितियों से निपटते कमर कस ली है. बारिश के मौसम में ध्यान देने वाली बात यह भी रहती है कि जलप्रदूषण एवं वातावरण में नमी बढ़ जाने से अनेक प्रकार की संक्रामक बीमारियाँ फैलने की संभावना बढ़ जाती है, ज्यादातर बीमारियाँ जागरूकता के अभाव से फैलती है, अगर इस दिशा में समय रहते कुछ बातों पर ध्यान भर दिया जाए तो इसे रोका जा सकता है .जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी के तहत बीमारियों के प्रसार को रोकने एवं महामारी से निपटने के लिये सभी अधीनस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सा व्यवस्था एवं आपदा नियंत्रण संबंधी तैयारी कर दी गई है।
जिला मुख्यालय एवं सभी विकासखण्डो में 24 घंटे संचालित होने वाला कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसमें नियमित रूप से कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई हैं, जनता से अपील है कि किसी भी प्रकार की महामारी फैलते ही इसकी सूचना अपने विकासखण्ड के महामारी नियंत्रण कक्ष में तत्काल देवें. विकासखण्ड महामारी नियंत्रण कक्ष का फोन नं. इस प्रकार है- कन्हवारा 07622269275, बड़वारा 9479900257, बहोरीबंद 9479898340, विजयराघवगढ़ 9479897095, रीठी 9630065961, उमरियापान 9302503456,8965562920, कटनी मुख्यालय 07622-231102 है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा यह भी जानकारी दी गई है, कि सभी डिपोहोल्डर्स के पास आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महामारी की रोकथाम हेतु उचित प्रसार-प्रसार की समाग्री, ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा, साथ ही संभावित अस्थाई राहत शिविरों हेतु मेडिकल टीमों का गठन का चिकित्सा व्यवस्था एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम की पर्याप्त व्यवस्था की गई. मलेरिया एवं अन्य मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु दवाईयों का छिड़काव किया जाना साथ ही आवश्यक जीवनरक्षक दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध सुनिश्चित की गई है. नोडल आफीसर को परिस्थिति की गंभीरता से सजग रहने एवं प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा हेतु अस्थाई चिकित्सालय खालेने की व्यवस्था हेतु निर्देश दिए गए है .
जिला चिकित्सालय में 50 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की गई है, मैदानी कार्यकर्ता से लेकर चिकित्सकों की उपस्थिति एवं उनके कार्यक्षेत्र सुनिश्चित कर आवश्यकतानुसार पर्यवेक्षकों की संख्या बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया है. वर्षा ऋतु में मार्ग अवरूद्ध होने की संभावना वाले ग्रामों मे कम से कम तीन माह के लिये दवाईयों की उपलब्धता तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न काम्बेट टीम को किसी भी परिस्थिति में अलर्ट रहने हेतु निर्देशित कर मच्छरों की उत्पत्ति को रोकने के लिये रूके हुए पानी के निष्कासन एवं गड्ढ़ों में एकत्रित पानी में आशा कार्यकर्ताओं को उन स्थानों पर तेल डालने हेतु निर्देशित किया गया है। पेय जल के स्त्रोत जैसे कुआ हैण्डपंप की शुद्धिकरण के लिए हेतु आशाओ के पास पर्याप्त मात्रा मे दवाईयों उपलब्ध कराई गई है तथा पेयजल स्त्रोंतो के आस-पास सफाई कराने बजट उपलब्ध कराया गया है।
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