कटनी ( मध्य प्रदेश ) अखंड भारत देश के विभाजन की त्रासदी का दर्द आज भी सिंधी समाज को भुगतना पड़ रहा है, यह दर्द क्या है इसे सिर्फ़ वही अच्छी तरह से समझ सकते है जिन्होंने उस दौर को भीषण परिस्थितियों के बावजूद गुज़ारा है, विभाजन के कठिन हालात में अपना घर-मकान, खेती - व्यवसाय सब कुछ छोड़ कर पश्चिमी पाकिस्तान से विस्थापित परिवारों को भारत देश के अलग अलग शहरों में पुनर्वास नीति के तहत बसाया गया था. म प्र के कटनी जिले (तब जबलपुर जिला ) में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने 399 एकड़ भूमि विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए दी थी, जिसके पट्टे 1976, 1979, 1983 आदि के वर्षो में दिए भी गए लेकिन बाद में यह संपूर्ण प्रक्रिया ही ठंडे बस्ते में दल दी गई, जिसकी वजह से आज भी तरह तरह की समस्याओं का सामना हजारों परिवारों को करना पड़ता है.
म्र प्र के यशस्वी और दूसरों के दर्द को समझने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से " प्रबल सृष्टि " व्यापक जनहित में यह जनअपेक्षा करता है कि आप इस और ठोस और निर्णायक कार्यवाही करते हुए, वर्षो से लंबित समस्या का समाधान अब अवश्य करेंगे . पूर्व की काँग्रेस सरकारें इस समस्या को सुलझाने में नाकाम रही है या इसे साफ़ तौर पर कहे तो लंबित पुनर्वास समस्या सुलझाने में कभी गंभीरता बरती ही नही गई है.
मुख्यमंत्री जी आप पर समाज का विश्वास स्थापित है, विस्थापन के बाद इस भूमि पर लोगो ने अपना अपना घर - संसार बसाया है, व्यवसाय - उद्योग आदि स्थापित कर ख़ुद और दूसरे हजारों जनों को रोजगार भी दिया है, भूमि से सबका भावनात्मक सम्बन्ध जुड़ा हुआ है, अब हजारों परिवारों की एकमात्र आशा की किरण सिर्फ़ आप ही है, आपमें पूरे प्रदेश की जनता को खुशहाल रखने की क्षमता है, कटनी के माधव नगर में बसे हजारों सिंधी परिवार आप से ही यह अपेक्षा रखते है कि आप उन्हें भूमि के सम्बन्ध में कोई स्थाई हक दे जिससे वे इस और बेफिक्र होकर प्रदेश के विकास में अपना सहयोग अपने तरीके से दे सके
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