नशा मुक्ति अभियान ढकोसला साबित
कटनी ( मध्य प्रदेश ) जिस जिले के मुखिया कलेक्टर के आदेश शराब ठेकेदार रद्दी की टोकरी में डाल दे , आबकारी विभाग खुद शराब को अवैध तरीके से बिकवाने में लगा हो , रेस्टोरेंट की आड़ में शराब के अवैध अड्डे पनप रहे हो . ऐसी बातो से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस जिले में बाकि तमाम नियम कायदों का क्या हश्र होता होगा . उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमिश्नरो कलेक्टरों को खड़े होने की हिदायत दे रहे है जिससे तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रह सके तो इधर प्रशासन तरह तरह के माफिया के आगे नतमस्तक सा नजर आ रहा है , अब अगर कोई खुद खड़ा होना ही नहीं चाहे तो मुख्यमंत्री भला क्या करे ? प्रशासन की लुल पुंज हो चली कार्यप्रणाली ने कटनी जिले में हर तरह के माफिया को मजबूत करने का प्रयास किया है इसका उदहारण फि़लहाल सिर्फ आबकारी विभाग और इससे जुड़े शराब ठेकेदारों के व्यवसाय करने के उन तरीको से लिया जा सकता है जिससे नुकसान न सिर्फ वर्तमान सामाजिक परिद्रश्य पर ही पड़ता हुआ दिखाई देता है बल्कि इन्ही कारणों की वजह से भयानक और बदसूरत कल भी दिखाई देने लगता है
वन्शरूप वार्ड बरगवां स्थित गड्डा टोला के लिए आवंटित हुई देसी शराब दुकान को ठेकेदार विकास दुबे ने सार्वजनिक हितो को ताक में रखते हुए मुख्य मार्ग पर स्थापित कर रखी है ,वैसे तो कलेक्टर ए के सिंह ने 26 जून 2012 को 15 दिनों के अन्दर दुकान गड्डा टोला की निर्धारित सीमा में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया था लेकिन ठेकेदार ने अपनी मन मर्जी जारी रखते हुए दुकान नहीं हटाई . इसे लेकर सितम्बर माह में स्थानीय पार्षदों और नागरिको ने एक हस्ताक्षर युक्त शिकायती पत्र भी कलेक्टर को सौंपा है लेकिन स्थिति अभी भी यथावत है . सूत्रों की माने तो खुद आबकारी विभाग ही ठेकेदार के साथ है ऐसे में जिला कलेक्टर के आदेश एक प्रकार से रद्दी की टोकरी में डले हुए दिखाई दे रहे है . महीनो तक अगर जिले के मुखिया कलेक्टर के आदेश पर कार्यवाही न हो सके तो इसे उचित को हरगिज नहीं कहा जा सकता
आबकारी विभाग के संरक्षण में शराब के अवैध अड्डे
राष्ट्रीय राजमार्ग बरगवां स्थित राय दरबार , झिन्झरी स्थित मुरली ढाबा ,जायका रेस्टोरेंट ,भास्कर ढाबा में रोजाना करीब 50 हजार रुपये से ज्यादा की शराब अवैध रूप से बेचीं और पिलाई जा रही है , माधव नगर , बरगवां , खिरहनी में अंग्रेजी शराब दुकान चलाने वाले जबलपुर के सिंडिकेट ठेकेदार शिवहरे की माधव नगर स्थित दुकान से शराब यहाँ पहुंचाई जाती है , हर माह आबकारी विभाग प्रायोजित तरीके से मामूली प्रकरण अलग अलग नाम पर बनाता है जिससे विभाग सहित अवैध दुकान , पेकारियां चलाने वाले भी बेफिक्र रहते है . सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग के अधिकारी इसकी एवज में एक मोटी रकम बदस्तूर प्रतिमाह वसूलते है अन्यथा क्या कारण है जो ऐसे अड्डे आराम से संचालित किये जा रहे है
माधव नगर में ही दर्जनों शराब के अवैध अड्डे आबाद
बंगला लाइन में परसराम मन्नुमल दाल मिल के सामने ,हरिजन मोहल्ला , अमीर गंज , गाँधी मार्केट , गुल्लू की होटल , हाऊसिंग बोर्ड में खुद मुरली ढाबे वाले के घर के पास आदि इत्यादि ऐसी दर्जनों जगह है जहा शराब पीने की सुविधा आराम से मिल जाएगी . आबकारी और पुलिस विभाग की दरियादिली ऐसे अड्डो के इजाफे की मददगार साबित हो रही है . ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसी जगहों पर पीने वालो में रोजाना कमा कर खाने वालो की संख्या ही ज्यादा रहती है रोजाना कमाने वाले ऐसे अवैध अड्डो में अपनी दिन भर की कमाई नशे की आदत के चलते उड़ा आते है या यूँ कहे कि आस पास ज्यादा स्थानों की सुलभता होने के कारण भी पीने का शौंक पनप रहा है .सभ्य समाज जिम्मेदार विभागों के इस रवैये से हैरान भी है , इससे पहले की हर गली मोहल्ला शराब के अड्डो में तब्दील हो जाये और इसकी वजह से सब बदसूरत सा हो जाये जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियो को इस और ध्यान देकर अविलंभ कार्यवाही करनी चाहिए जिससे नागरिको के मन में कानून का सम्मान बना रह सके
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